National Book Lover’s Day 2024 : पांच आत्मकथाएं, जिन्हें छात्रों को जरूर पढ़ना चाहिए
हर साल 9 अगस्त को नेशनल बुक लवर्स डे मनाया जाता है. यह दिन किताबें पढने की अहमियत के प्रति लोगों का ध्यान आकर्षित करता है और कहता है कि अपना स्मार्ट फोन परे रख देते हैं और एक अच्छी किताब निकालते हैं. किताबें जो हमें किसी भी स्थान और संस्कृति में ले जा सकती हैं. नेशनल बुक लवर्स डे के मौके पर जानें पांच बेहतरीन ऑटोबायोग्राफी के बारे में और करें पढ़ने की एक बेहतरीन शुरुआत...
National Book Lover’s Day 2024 : आत्मकथाएं एवं जीवनियां पढ़ने से हमें दुनिया से निपटने के महत्वपूर्ण उपकरण मिलते हैं. इससे बेहतर समझ विकसित करने और बेहतर निर्णय लेने में मदद मिलती है. इसलिए माना जाता है कि हर किसी को, खासतौर पर छात्रों को दुनिया के लिए मिसाल बनीं शख्सियतों की ऑटोबायोग्राफी या बायोग्राफी जरूर पढ़ना चाहिए. जानें पांच बेहतरीन आत्मकथाओं के बारे में, जिनसे आप कर सकते हैं पढ़ने की शुरुआत…
सत्य के प्रयोग : मोहनदास करमचंद गांधी
मूल रूप से गुजराती में लिखी गयी यह महात्मा गांधी की आत्मकथा है, जिसका हिंदी अनुवाद ‘सत्य के प्रयोग’ शीर्षक से हिंदी में पढ़ा जा सकता है. यह दुनिया में सर्वाधिक पढ़ी जानेवाली किताबों में शुमार है. इसमें महात्मा गांधी द्वारा सत्य, अहिंसा एवं ईश्वर को समझने का मर्म मौजूद है.
अग्नि की उड़ान : एपीजे अब्दुल कलाम
भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की यह आत्मकथा अंग्रेजी में विंग्स ऑफ फायर: एन ऑटोबायोग्राफी ऑफ एपीजे अब्दुल कलाम से लोकप्रिय है, जिसका हिंदी अनुवाद है ‘अग्नि की उड़ान’. इस किताब का विश्व की 13 भाषाओं में अनुवाद हो चुका है.
द डायरी ऑफ़ अ यंग : ऐनी फ्रैंक
ऐनी फ्रैंक की मौत के बाद प्रकाशित हुई यह डायरी नाजियों द्वारा यहूदियों पर किये गये अत्याचार और जनसंहार का एक जीवंत दस्तावेज है. एक यातना शिविर में महज 15 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह देनेवाली ऐनी की इस डायरी का अभी तक तकरीबन 67 भाषाओं में अनुवाद हो चुका है और दुनिया भर में इसकी सवा करोड़ से अधिक प्रतियां बिक चुकी हैं.
माई ऑटोबायोग्राफी : चार्ली चैपलिन
महान हास्य अभिनेता चार्ली चैप्लिन की आत्मकथा ‘माई ऑटोबायोग्राफी’ हमें उनकी साधारण शुरुआत, जीवन संघर्ष से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि पाने तक की एक आकर्षक यात्रा पर ले जाती है. इसमें हास्य और उसके पीछे छिपी पीड़ा की एक कालजयी कहानी है.
लॉन्ग वॉक टू फ्रीडम : नेल्सन मंडेला
दक्षिण अफ्रीका के पहले लोकतांत्रिक रूप से चुने गए राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला की आत्मकथा है ‘लॉन्ग वॉक टू फ्रीडम’. यह आत्मकथा मंडेला के जीवन, कारावास के दौर के साथ दक्षिण अफ्रीका के स्वतंत्रता के संघर्ष से रूबरू कराती है. इसके साथ ही दृढ़ता और नस्लीय समानता के लिए संघर्ष की एक शक्तिशाली और प्रेरक कहानी भी कहती है.
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