प्रसिद्ध विचारक, लेखक व चिंतक राजेश्वर सक्सेना पर केंद्रित दो दिवसीय ‘राजेश्वर सक्सेना एकाग्र’ का साहित्य अकादमी, छत्तीसगढ़ द्वारा 10 और 11 दिसंबर को आयोजन किया जा रहा है. 10-11 दिसंबर को बिलासपुर के प्रार्थना भवन में होने वाले इस आयोजन में देश के कई जाने-माने साहित्यकार व विचारक शामिल हो रहे हैं. यह जानकारी साहित्य अकादमी, छत्तीसगढ़ के कार्यक्रम समन्वयक मृगेंद्र सिंह ने दी.
राजेश्वर सक्सेना एकाग्र सुबह 10:30 से शुरू होगा और इसके प्रथम सत्र ‘राजेश्वर सक्सेना की वैचारिकी’ को प्रसिद्ध साहित्यकार रवि भूषण, मुमताज भारती व अमरेंद्र शर्मा संबोधित करेंगे. शाम को 5:30 से आयोजित सत्र ‘अभिनंदन राजेश्वर सक्सेना’ में बिलासपुर के राजनेता, साहित्यकार, पत्रकार, बुद्धिजीवी, सामाजिक कार्यकर्ता व आम नागरिक शामिल होंगे.
इस कार्यक्रम में राजेश्वर सक्सेना की वैचारिकी, आधुनिकता-उत्तर आधुनिकता और राजेश्वर सक्सेना, राजेश्वर सक्सेना और हमारा समय, विज्ञान का दर्शन और राजेश्वर सक्सेना, राजेश्वर सक्सेना के सरोकार, संस्मरणों के आलोक में राजेश्वर सक्सेना आदि विषयों पर विमर्श सत्रों के साथ ही राजेश्वर सक्सेना का अभिनंदन किया जायेगा.
इस कार्यक्रम में वक्ता के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार विजय बहादुर सिंह, रवि भूषण, शीतेन्द्र नाथ चौधुरी, मुमताज भारती, अमरेंद्र शर्मा, अच्युतानंद मिश्र, अमित राय, भागवत प्रसाद, आलोक टंडन, विनीत तिवारी, नथमल शर्मा, नंद कुमार कश्यप, अजय चंद्रवंशी, धीरेंद्र तिवारी, महेश वर्मा, राम कुमार तिवारी, शोभित वाजपेयी, मंगला देवरस, मुदित मिश्र, हबीब खान, सत्यभामा अवस्थी, रफीक खान, सुशील त्रिवेदी, मुदित मिश्र, आदित्य सोनी, मधुकर गोरख, कालीचरण यादव व आनंद मिश्र अपनी बात रखेंगे.
‘राजेश्वर सक्सेना एकाग्र’ को लेकर जानकारी देते हुए साहित्य अकादमी के अध्यक्ष ईश्वर सिंह दोस्त ने बताया कि राजेश्वर सक्सेना जी कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे साथ ही उनका संबोधन भी होगा. उन्होंने बताया कि साहित्य की दुनिया में राजेश्वर जी का अतुलनीय योगदान है. उम्र के 86वें पड़ाव पर भी सक्सेना जी शारीरिक व्याधियों के बावजूद मानसिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ्य हैं और पढ़ने-लिखने में सक्रिय होने के साथ ही देश-दुनिया में हो रहे बदलावों को लेकर सजग हैं. वह नियमित रूप से खुद के घर पर चलने वाली बौद्धिक चर्चाओं में सक्रियता के साथ भागीदारी निभाते हैं. बिलासपुर में होने वाला यह वैचारिक साहित्यिक आयोजन साहित्य व लेखन की दुनिया में नवीन ऊर्जा का संचार करेगा.