Prayagraj: अपराध की दुनिया में जिस अतीक अहमद के नाम से लोग खौफ खाते थे. 100 से अधिक दर्ज मुकदमे जिस अतीक के जरायम के लंबे इतिहास की गवाही देते हैं, उस अतीक की भाई अशरफ के साथ सनसनीखेज तरीके से हत्या के बाद कई सवाल उठ रहे हैं. पुलिस कस्टडी में हत्या के बाद यूपी पुलिस को जवाब देते नहीं बन रहा है. अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की 17 अप्रैल तक की रिमांड मिली हुई थी. इससे पहले माफिया ब्रदर्स की हत्या कर दी गई. वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर कड़ी नाराजगी जताते हुए तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग के गठन के निर्देश दिए हैं. इस बीच पूरे प्रदेश में अलर्ट घोषित कर दिया गया है.
अतीक अहमद ने अपने जीवन में कई जघन्य वारदातों को अंजाम दिया. लेकिन, पहले उमेश पाल अपहरण कांड उसके गले की हड्डी बना और उसे 29 मार्च को इसमें उम्र कैद की सजा सुनाई गई. वहीं इसके बाद उमेश पाल हत्याकांड में पुलिस कस्टडी रिमांड के दौरान 15 अप्रैल को उसकी हत्या कर दी गई. साथ में उसका भाई अशरफ भी मारा गया. जबकि बेटे असद और शूटर गुलाम पुलिस मुठभेड़ में ढेर हुए.
उमेश पाल केस के कारण ही अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन और बहन आयशा नूरी व भांजी उनजिला फरार है, जबकि बहनाई अखलाक सहित अन्य सलाखों के पीछे हैं. इसके अलावा उमेश पाल हत्याकांड के बाद दो नाबालिग बेटे मोहम्मद अहजम और मोहम्मद आबान संरक्षण गृह में हैं. वहीं अतीक का दूसरे नंबर का बेटा बेटा अली पहले से जेल में है.
अतीक अहमद गुजरात के साबरमती जेल में उमेश पाल हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था. फूलपुर से सांसद रह चुके अतीक पर अब तक 102 आपराधिक मामले दर्ज हो चुके थे. उस पर तीन बार गैंगस्टर एक्ट भी लगाया गया. अतीक पर पहला मुकदमा 1985 में दर्ज हुआ था. करीब 50 मामलों में वह विचाराधीन चल रहा था, जबकि 12 अन्य मामलों में वह बरी हो गया था. महज 17 साल की उम्र में उसके सिर हत्या का आरोप लग चुका था. उस समय पुराने शहर में चांद बाबा का दौर था. पुलिस और नेता दोनों चांद बाबा के खौफ को खत्म करना चाहते थे. इसलिए अतीक अहमद को पुलिस और नेताओं का साथ मिला. लेकिन, आगे चलकर अतीक अहमद ने जुर्म के मामले में सभी को पीछे छोड़ दिया.
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अतीक अहमद का छोटा भाई खालिद अजिम उर्फ अशरफ पर अतीक के बाद सबसे ज्यादा केस दर्ज थे. पुलिस रिकॉर्ड में इसके ऊपर 52 केस दर्ज हैं. अशरफ पर 1992 में पहला क्रिमिनल केस दर्ज हुआ था. अशरफ पूर्व विधायक था. वह राजू पाल हत्याकांड का आरोपी भी था. अशरफ पर, हत्या, हत्या की कोशिश, रंगदारी समेत कई केस दर्ज थे.
अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन उमेश पाल हत्याकांड के मुख्य आरोपियों में से एक है. हत्याकांड से पहले उसने हमलावरों से मुलाकात की थी. शाइस्ता पर कुल चार मामले दर्ज हैं. 50 हजार की इनामी शाइस्ता की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार दबिश दे रही है. अतीक और शाइस्ता का 1996 में निकाह हुआ था. दोनों के पांच बच्चे हैं.
अतीक अहमद के सबसे बड़े बेटे उमर पर दो क्रिमिनल केस दर्ज हैं. कारोबारी मोहित जायसवाल का अपहरण मामले में सीबीआई ने इस पर आरोप तय कर दिए हैं. उमर अभी सीबीआई की गिरफ्त में है. दो लाख रुपये की इनाम की घोषणा के बाद उसने अगस्त 2022 में सरेंडर किया था. 2017 में अतीक के जेल जाने के बाद उमर ने फिरौत का काम संभाल लिया.
अतीक अहमद के दूसरे नंबर के बेटे अली पर 50 हजार के इनाम के साथ इस पर 6 क्रिमिनल केस दर्ज हैं. उसने जुलाई 2022 में आत्समर्पण कर दिया था, जिसके बाद से अली जेल में बंद है. उस पर अपने ही रिश्तेदार से पांच करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने और मारपीट करने का आरोप है.
उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी असद को झांसी में एक एनकाउंटर में मार गिराया गया. असद ने लखनऊ के टॉप स्कूल से इसी साल बारहवीं पास की थी और विदेश जाकर पढ़ाई करना चाहता था. लेकिन, उसे पासपोर्ट नहीं मिल सका. वह लखनऊ में ही गुड्डू बमबाज के संपर्क में आया और उमेश पाल की हत्या की वारदात को अंजाम दिया.
अतीक अहमद की बहन आयशा नूरी फरार है. वह मेरठ में अपने परिवार के साथ रहती थी. आयशा पर उमेश पाल के हत्यारों को पनाह देने के आरोप में केस दर्ज है. उसने उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी असद और गुड्डू मुस्लिम को पनाह और आर्थिक मदद दी थी. आयशा का पति अखलाक हत्यारोपियों की मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है.
अतीक अहमद के भाई अशरफ की पत्नी जैनब फातिमा भी उमेश पाल हत्या कांड में आरोपी है. उस पर हत्या की साजिश रचने और सच छुपाने का आरोप है. जैनब ने अपने बचाव के लिए हाई कोर्ट का रुख किया था. लेकिन, कोर्ट ने उसकी याचिका खारिज कर दी.