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अतीक-अशरफ हत्याकांड के बाद सीएम योगी के पहले प्रयागराज दौरे से बढ़ेगी सियासी गर्मी, 27 बागी नेता निष्कासित

सीएम योगी आदित्यनाथ की लूकरगंज में आयोजित ये जनसभा इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह माफिया अतीक अहमद के कब्जे से मुक्त कराई गई जमीन के बिलकुल करीब है. इस जमीन पर गरीबों के लिए आवासीय योजना बनाई जा रही है. ऐसे में मुख्यमंत्री योगी का माफियाओं पर निशाना साधना तय माना जा रहा है.

Prayagraj: प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम अशरफ हत्याकांड के बाद एक तरफ जहां न्यायिक आयोग और एसआईटी मामले की गहराई से पड़ताल में जुटी है, वहीं शाइस्ता परवीन, गुड्डू मुस्लिम और अन्य आरोपियों की तलाश जारी है. इन सबके बीच यूपी निकाय चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को प्रयागराज पहुंचेंगे. अतीक अशरफ हत्याकांड के बाद ये उनका पहला दौरा है.

सीएम योगी यूपी निकाय चुनाव के सियासी समर में पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में जनसभा करेंगे. उनका ये दौरा बेहद अहम माना जा रहा है. वह जिस तरह से अपनी चुनावी सभाओं में लगातार पिछली सरकार में बदहाल कानून व्यवस्था की बात कर रहे हैं, उससे माना जा रहा है कि प्रयागराज में अतीक अहमद प्रकरण को लेकर विरोधियों पर निशाना साध सकते हैं.

सीएम योगी की लूकरगंज में आयोजित ये जनसभा इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह माफिया अतीक अहमद के कब्जे से मुक्त कराई गई जमीन के बिलकुल करीब है. इस जमीन पर गरीबों के लिए आवासीय योजना बनाई जा रही है. ऐसे में मुख्यमंत्री योगी का माफियाओं पर निशाना साधना तय माना जा रहा है.

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अतीक-अशरफ हत्याकांड के बाद सीएम योगी के प्रयागराज दौरे को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. पुलिस अधिकारी विशेष सतर्कता बरत रहे हैं. वहीं लूकरगंज के लीडर प्रेस मैदान में होने वाली सभा के सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं. यह सभा शहर पश्चिम और शहर उत्तरी विधानसभाओं के बार्डर पर होगी. यहीं से खुल्दाबाद, नुरूल्लाहरोड, अटाला, हिम्मतगंज, चकिया, कसारी-मसारी के रास्ते निकलते हैं. ये इलाके जातीय समीकरण के लिहाज से बेहद अहम माने जाते हैं.

सीएम योगी की जनसभा की अहमियत को इससे भी खास समझा जा सकता है, कि पार्टी के प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने स्वयं इसकी तैयारियों की समीक्षा की. वहीं प्रभारी मंत्री स्वतंत्र देव सिंह भी लगातार इसकी जानकारी ले रहे हैं.

इन सबके बीच पार्टी को उसके अपने ही चुनौती देने का काम कर रहे हैं. पार्टी की चेतावनी के बावजूद बागियों के तेवर शांत नहीं हुए और उन्होंने अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ ताल ठोक दी है. कई लोग तो विपक्ष के साथ खुलकर प्रचार में आ गए हैं. प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह से लेकर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने असंतुष्टों का मनाने का काफी प्रयास किया. नाराज नेताओं के साथ बैठकें करने के साथ उनके घर जाकर भी मनाने की कोशिशें की गई. लेकिन, बात नहीं बनी.

आखिरकार अब पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल 27 नेताओं को छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दौरे से ठीक पहले ये कार्रवाई अहम मानी जा रही है. निकाय चुनाव को लेकर प्रयागराज में चार मई को मतदान होना है. मेयर सहित 100 वार्ड में पार्षद पद के लिए वोट डाले जाएंगे. ऐसे में सीएम की जनसभा के जरिए पार्टी बागियों के साथ अपने नाराज नेताओं को भी कड़ा संदेश देने का प्रयास करेगी.

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