18.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

UPPSC : आरओ/एआरओ की परीक्षा में क्वेश्चन पेपर की सील टूटी मिलने का आरोप, आयोग ने लिया जांच कराने का फैसला

UPPSC : उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने समीक्षा अधिकारी व सहायक समीक्षा अधिकारी की प्री परीक्षा 2023 की जांच एसटीएफ से कराने के लिए शासन को सिफारिश भेजी है. साथ ही एक आंतरिक समिति का भी गठन किया है, जो जांच कर अपनी रिपोर्ट आयोग को सौंपेगी.

UPPSC : उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) की समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (RO/ARO) की 11 फरवरी को आयोजित प्रीलिम्स परीक्षा के दौरान पेपर आउट होने और क्वेश्चन पेपर की सील टूटने के आरोप लगे थे. जिसके बाद यूपी लोकसेवा आयोग ने सोमवार देर शाम एसटीएफ से जांच के लिए शासन को सिफारिश भेजी. इसके अलावा एक आंतरिक समिति का भी गठन किया है. जो समिति जांच कर अपनी रिपोर्ट आयोग को सौंपेगी. उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित इस परीक्षा के लिए 10 लाख 69 हजार 725 कैंडिडेट्स ने आवेदन किया था. आरओ/एआरओ का प्रीलिम्स परीक्षा प्रदेश के 58 जिलों के 387 केंद्रों पर हुआ था. सोमवार को 2 पालियों में पेपर हुआ था. इस दौरान प्रतापगढ़ के राम अंजोर मिश्र इंटर कालेज से एक अभ्यर्थी नकल करते पकड़ा गया था. उसकी पहचान प्रवीण कुमार पटेल के रूप में हुई थी. वह ब्लू टूथ डिवाइस के साथ नकल कर रहा था. इसके अलावा गाजीपुर में परीक्षार्थियों ने सुबह की पहली पाली में परीक्षा से पहले पेपर का सील टूटी होने की बात कही थी. इसके साथ ही जमकर हंगामा किया था. इसका वीडियो भी सामने आया था.

Also Read: UP से BJP ने राज्य सभा के लिए 7 नामों का किया ऐलान, संगीता-साधना के सहारे काशी क्षेत्र के इन दो लोकसभा पर नजर
ये सरकार बेरोजगारों नौकरी ही नहीं देना चाहती- अखिलेश यादव

इस मामले को संज्ञान में लेते हुए समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने गाजीपुर का वीडियो शेयर कर यूपी सरकार पर निशाना साधा था. उन्होंने X पर लिखा था कि उत्तर प्रदेश में समीक्षा अधिकारी का पेपर भी लीक हो गया. यह अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ भाजपा सरकार की साजिश ही लगती है, क्योंकि ये सरकार बेरोजगारों नौकरी ही नहीं देना चाहती है.

क्या यूपी के युवा न्याय की उम्मीद करें?- प्रियंका गांधी

वहीं कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने X पर लिखा कि कई वर्षों के इंतजार के बाद संसद में पेपर लीक के खिलाफ कानून पास हुआ. उधर यूपी में समीक्षा अधिकारी की परीक्षा का पर्चा लीक हो गया. 2017 में दरोगा भर्ती से लेकर 2024 में समीक्षा अधिकारी तक, खबरों के अनुसार, यूपी में लगभग हर प्रतियोगी परीक्षा का पर्चा लीक हुआ है. सरकार ने इसे रोकने के लिए क्या करने जा रही है? क्या यूपी में नए कानून के तहत निष्पक्ष कार्रवाई होगी या ये सिर्फ दिखावा साबित होगा?

देश का युवा जिस विडंबना का शिकार है उसकी ‘क्रोनोलॉजी’ समझिए

  1. वर्षों तक भर्ती नहीं निकलती.

  2. निकली तो समय पर परीक्षा नहीं.

  3. परीक्षा हुई तो पेपर लीक.

  4. इसके बाद भी यदि सारी प्रक्रिया पूरी भी हो जाए तो नियुक्तियों में घोटाला हो जाता है और मामला कोर्ट में अटक जाता है.

  5. यूपी में हमने युवाओं के लिए विशेष ‘भर्ती विधान’ घोषणापत्र जारी किया था जिसमें इन समस्याओं का समाधान पेश किया था.

  6. भाजपा सरकार अगर चाहती, तो उन प्रावधानों को लागू करके युवाओं का भविष्य सुरक्षित कर सकती थी.

  7. पेपर लीक के खिलाफ कानून पास होने के बाद क्या यूपी के युवा न्याय की उम्मीद करें?

आरओ/एआरओ भर्ती परीक्षा में होते हैं दो पेपर

बता दें कि समीक्षा अधिकारी (RO) और सहायक समीक्षा अधिकारी (ARO) की परीक्षा, उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी परीक्षाओं में से एक है. आरओ/एआरओ भर्ती परीक्षा में दो पेपर (दो पाली में) होते हैं. पहला पेपर जनरल नॉलेज (ऑब्जेक्टिव टाइप) का होता है, जो कुल 140 मार्क्स के लिए दो घंटे का एग्जाम होता है. वहीं दूसरा पेपर जनरल हिंदी का होता है. इसमें ऑब्जेक्टिव टाइप 60 क्वेश्चन होते हैं, जिसके लिए 1 घंटा मिलता है. कुल मिलाकर दोनों पेपर में 200 सवाल होते है. हर सवाल 1 मार्क्स का होता है.

केंद्र सरकार ने लाया लोक परीक्षा (कदाचार रोकथाम) विधेयक 2024

बता दें कि हाल के वर्षों में देशभर की भर्ती परीक्षाओं में क्वेश्चन पेपर लीक होने के मामले बहुत बड़ी संख्या में सामने आए हैं. पिछले पांच वर्षों में 16 राज्यों में पेपर लीक की कम-से-कम 48 घटनाएं हुई हैं, जिससे सरकारी नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया बाधित हुई है. इससे लगभग 1.2 लाख पदों के लिये होने वाली भर्ती से कम-से-कम 1.51 करोड़ आवेदकों का जीवन प्रभावित हुआ है. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने सरकारी भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक या नकल जैसी गड़बड़‍ियों पर लगाम लगाने के लिए 5 फरवरी को लोकसभा में ‘लोक परीक्षा (कदाचार रोकथाम) विधेयक 2024’ पेश किया. इस बिल में परीक्षाओं में गड़बड़ी करने वालों और संगठनों के लिए कम से कम 3 साल और अधिकतम 10 साल की जेल की सजा और 1 करोड़ रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है. हालांकि राज्य स्तर की परीक्षाएं इसमें नहीं शामिल हैं, जैसे – यूपीपीसीएस आरओ/एआरओ- 2024 परीक्षा.

इन 15 गड़बड़ियों को माना जाएगा अपराध

  • किसी परीक्षा का क्वेश्चन पेपर या आंसर की लीक करना

  • क्वेश्चन पेपर या आंसर की लीक करने में किसी के साथ शामिल होना

  • बिना अनुमति क्वेश्चन पेपर या OMR शीट अपने पास रखना

  • परीक्षा के दौरान किसी से जवाब लिखने के लिए मदद लेना

  • परीक्षा दे रहे कैंडिडेट को डायरेक्ट या इंडायरेक्ट तरीके से मदद करना

  • एग्जाम आंसर शीट या OMR शीट के साथ छेड़छाड़ करना

  • कॉपियों के मूल्यांकन में बिना अनुमति छेड़छाड़ करना

  • सरकारी एजेंसी द्वारा तय परीक्षा के मानकों का उल्लंघन करना

  • मेरिट के लिए तय डॉक्यूमेंट्स में किसी तरह की छेड़छाड़ करना

  • पब्लिक एग्जाम के लिए तय सिक्योरिटी मानकों का उल्लंघन करना

  • किसी एग्जाम कम्प्यूटर सिस्टम या नेटवर्क में छेड़छाड़ करना

  • कैंडिडेट्स की सीट अरेंजमेंट, एग्जाम डेट या शिफ्ट में छेड़छाड़ करना

  • किसी एग्जामिनेशन अथॉरिटी को धमकाना या काम करने से रोकना

  • परीक्षा या एग्जाम अथॉरिटी से जुड़ी नकली वेबसाइट बनाना

  • नकली एडमिट कार्ड जारी करना या नकली एग्जाम कराना

Also Read: राहुल गांधी ने यूपी में ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ का समय घटाया, इस कारण से लिया यह फैसला
Also Read: ताज का कीजिए हॉट एयर बैलून से दीदार, हवा से दिखेगा खूबसूरत नजारा, मात्र इतना रुपए लगेगा किराया

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें