Prayagraj: उमेश पाल हत्याकांड में एसटीएफ और पुलिस अपनी जांच का दायरा लगातार बढ़ाती जा रही है. जांच पड़ताल में जो भी बातें सामने आ रही हैं, उसकी गहराई से पड़ताल की जा रही है. इससे आने वाले दिनों में कई अहम खुलासे होने की उम्मीद है. शुरुआत में भले ही इसे सिर्फ आपराधिक वारदात के तौर पर देखा जा रहा था. लेकिन अब धीरे धीरे सामने आ रहा है कि हत्याकांड से जुड़ी कई और भी वजह बेहद अहम हैं. अतीक अहमद के मददगार के तौर पर कई सफेदपोश लोगों के नाम भी उजागर हो सकते हैं.
इस बीच उमेश पाल हत्याकांड की जांच कर रही एजेंसियों को कुछ नए सुराग मिले हैं. पता चला है कि प्रयागराज और कौशांबी के बीच नेशनल हाइवे पर करोड़ों की जमीन को लेकर उमेश पाल पर कुछ लोगों ने दबाव बनाया था. इस जमीन में उमेश के साथ अतीक के कुछ पुराने साथी शामिल थे. अतीक की नजर भी इस जमीन पर थी. साथ ही एक सफेदपोश की ओर से भी इस जमीन के लिए दबाव बनाया जा रहा था. हालांकि उमेश पाल ने किसी का दबाव नहीं माना. इसी वजह से उसे रास्ते से हटाया गया.
कहा जा रहा है कि जांच एजेंसियों ने तफ्तीश में इस बिंदु को भी शामिल किया है. सूत्रों के मुताबिक जमीन से जुड़े कागजात और इसमें शामिल लोगों के बारे में जानकारी जुटाने के साथ उनसे पूछताछ की जा रही है. इस बीच अतीक अहमद को बचाने में एक सफेदपोश की भूमिका की बात भी कही जा रही है. जांच में जुटे अफसर फिलहाल इस मामले में कुछ नहीं बोल रहे हैं. लेकिन उनको कई अहम जानकारियों मिली हैं.
कहा जा रहा है कि उमेश पाल हत्याकांड के बाद जिस तरह से यूपी की सियासत में मामला गरमा गया और विधानसभा के बजट सत्र के दौरान विपक्ष ने इसे बड़ा मुद्दा बनाया, उससे न सिर्फ अतीक को इसकी टाइमिंग को लेकर अफसोस हुआ, बल्कि उसने उसके बाद शुरू हुए पुलिस के एनकाउंटर को लेकर भी उसमें डर बढ़ गया. इसके बाद अतीक अहमद ने प्रयागराज के एक सफेदपोश से फोन के जरिए मदद की गुहार लगाई. हालांकि एसटीएफ और पुलिस के अफसर इस पर कुछ बोल नहीं रहे हैं. लेकिन, कहा जा रहा है कि इसका सुराग मिलने के बाद फोन कॉल की डिटेल खंगाली जा रही है. पुख्ता सूबत मिलते ही इसे लेकर भी लोगों को हिरासत में लिया जाएगा.
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कहा जा रहा है कि अतीक अहमद ने जिस सफेदपोश नेता से फोन के जरिए बात की, उसे भरोसे में लेने का प्रयास किया और अपने पुराने संबंधों का हवाला देते हुए एसटीएफ और पुलिस की कार्रवाई को रोकने के लिए गुजारिश की. हालांकि जिस तरह से अतीक अहमद की पत्नी, बेटे और गुर्गों पर शिकंजा कसने के लिए ताबड़तोड़ दबिश दी जा रही है और सबूत जुटाए जा रहे हैं, उससे साफ नजर आ रहा है कि इन बातों का असर नहीं हुआ. लेकिन, इस सफेदपोश नेता के जरिए अतीक अहमद से जुड़े तमाम रहस्य से पर्दाफाश हो सकता है. इसलिए कॉल डिटेल खंगाली जा रही है. इसके अलावा कब और किस तरीके से बातचीत हुई, इसका पता लगाया जा रहा है.
इस बीच सामने आया है कि उमेश पाल हत्याकांड में फरार शूटर गुड्डू मुस्लिम को राजू पाल हत्याकांड में आरोपी बनाया गया था. प्रयागराज पुलिस और सीबीसीआईडी दोनों ने ही गुड्डू के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. लेकिन, सीबीआई ने जब चार्जशीट दाखिल की तो उसमें गुड्डू का नहीं था. सीबीआई ने पुलिस की चार्जशीट में शामिल 17 आरोपियों में से सात के नाम हटा दिए थे. अब उन सभी लोगों की जांच का फैसला किया गया है. उमेश पाल हत्याकांड में उनकी संलिप्तता की जांच में अहम खुलासे होने की उम्मीद है.
राजू पाल हत्याकांड में गुड्डू मुस्लिम का नाम शामिल किया था. मूल एफआईआर में शामिल 10 नामों के अलावा आरोपियों के सात और नाम जोड़े गए थे. गुड्डू मुस्लिम भी उन सात आरोपियों में से एक था. बाद में चार्जशीट लगी तो भी मुख्य रूप से 17 आरोपियों में गुड्डू मुस्लिम का भी नाम शामिल किया गया था. जब यह मामला सीबीसीआईडी को ट्रांसफर हुआ तो भी इन्हीं 17 के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई. हालांकि सीबीआई ने जांच के दौरान सात नामों को निकाल दिया. इनमें गुड्डू मुस्लिम भी शामिल था.