पूर्णिया: करीब 15 दिन पहले जिले के केनगर थानान्तर्गत भुतहा मोड़ के समीप 5.97 लाख रुपये की हुई लूट कांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. इस कांड का दिलचस्प पहलू यह है कि इस कांड का सूचक ही इस कांड का सूत्रधार निकला. पुलिस ने इस केस का बादी और बाद में आरोपी बना धर्मेंद्र कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और उसके पास से लूटी गयी राशि में से 5.85 लाख रुपये बरामद भी कर लिया है. गिरफ्तार धर्मेंद्र कुमार श्री लक्ष्मी मेटल एंड स्टील प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में कार्यरत था.
उसके बयान पर लूट का मामला दर्ज कराया गया था. धर्मेन्द्र ने उस वक्त पुलिस को बयान दिया था कि वह कंपनी का कलेक्शन के लिए धमदाहा गया था. लौटने के क्रम में बनभाग के समीप बाइक पर सवार अज्ञात बदमाशों ने हथियार दिखाकर 5 लाख 97 हजार 700 रुपये से भरा बैग लूट लिये. इस कांड के उद्भेदन के लिए एसपी विशाल शर्मा ने सदर एसडीपीओ के नेतृत्व में पुलिस टीम गठित की गयी थी. सदर एसडीपीओ आनंद कुमार पांडे ने सोमवार को मीडिया को बताया कि वैज्ञानिक अनुसंधान के आधार पर इस कांड का सफल उद्भेदन किया गया.
सदर एसडीपीओ ने बताया कि घटना के संबंध में व्यवसायी कर्मी से पूछताछ की गयी. पूछताछ करने में उसके द्वारा दिये गये सभी बयान में विरोधाभास पाये गये. शक के आधार पर पुलिस ने वैज्ञानिक अनुसंधान का सहारा लिया और सीसीटीवी फुटेज व कर्मी का मोबाइल सीडीआर निकाला गया. जिला कंट्रोल रूम में लगे सीसीटीवी फुटेज के आधार पर व्यवसायी कर्मी घटना के दिन दोपहर तीन 3:23 बजे शहर के थाना चौक पर, 3:25 बजे गिरजा चौक पर और 3:26 बजे फोर्ड कंपनी चौक से होते हुए लाइन बाजार की ओर जाते दिखा. इसके बाद अपराहन 4:03 बजे फोर्ड कंपनी चौक, 4:04 बजे गिरजा चौक और 4:06 पर थाना चौक के कैमरे में मधुबनी की ओर बाइक से जाते दिखा. मधुबनी की ओर जाने के क्रम में उसके पास रुपये का बैग नहीं दिख रहा था जबकि लाइन बाजार की ओर जाने के क्रम में रुपये का बैग कर्मी के कंधे पर लटकाये हुए दिख रहा था.
लूटी गयी राशि को घर के अंदर मिट्टी में दफन कर दिया था आरोपी: एसडीपीओ ने बताया कि व्यवसायी कर्मी ने भुताहा मोड़ से आगे पहुंचकर घटनास्थल का चुनाव किया और अपराहन 4:26 बजे घटना का समय निर्धारित कर अपने ओनर को लूटने की सूचना दी. इसी प्रकार कर्मी के मोबाइल का टावर लोकेशन भी घटना के समय से पूर्व शहर के अंदर का मिला. एसडीपीओ ने बताया कि व्यवसायी कर्मी ने सभी रुपये लेकर सीधे अपने घर चला गया और 5.85 लाख रुपये घर के परिसर में मिट्टी में दफन कर शेष बचे12 हजार 700 रुपये खर्च के लिए रखकर घटनास्थल पर वापस लौट गया. मिले साक्ष्य के आधार पर कर्मी से कड़ाई से पूछने पर उसने स्वीकार किया कि रुपये को गबन करने के लिए सुनियोजित ढंग से झूठे लूट कांड की घटना का षड्यंत्र रचा ताकि रुपये उसके पास रह जाये और घटना में उसकी संलिप्तता भी ना पाई जाए.