जयपुर : राजस्थान में कोरोना वायरस से संक्रमण के 25 नये मामले सामने आने के बाद इनकी संख्या बढ़कर 204 हो गयी है. इस बीच वायरस से संक्रमित एक महिला की शनिवार को मौत हो गयी. साठ साल की यह महिला बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में भर्ती थी और उसने हाल फिलहाल में कोई यात्रा नहीं की थी. वहीं, कोटा एक ऐसी जगह है, जहां अब तक कोरोना वायरस के संक्रमण का कोई केस सामने नहीं आया है, क्योंकि यहां के छात्र एक कमरे में रह रहे हैं.
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अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) रोहित कुमार सिंह ने बताया कि शनिवार को आये 25 नये मामलों में 12 तबलीगी जमाती हैं, जो दिल्ली में धार्मिक कार्यक्रम में भाग लेने के बाद राज्य के विभिन्न हिस्सों में पहुंचे हैं. कोरोना वायरस संक्रमित कुल मामलों में 129 राजस्थान के, दो इतालवी, 45 तबलीगी जमाती हैं. इसके अलावा ईरान से लाकर जोधपुर व जैसलमेर में रखे गये लोगों में से अब तक 28 लोग संक्रमित पाये गये हैं.
उन्होंने बताया कि बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में पिछले चार दिन से भर्ती एक बुजुर्ग महिला (60) की शनिवार को मौत हो गयी. उसका हाल ही में किसी तरह की यात्रा का कोई ब्योरा नहीं है. वह दिव्यांग थीं और वेंटीलेटर पर थीं.
कोटा में छात्रों के एक कमरे वाले छात्रावास और पेइंग गेस्ट (पीजी) में ठहरने से कोविड-19 को फैलने से रोकने में काफी मदद मिली है. जिला प्रशासन के मुताबिक, राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बीच देश भर के करीब 35 हजार से 40 हजार छात्र वर्तमान में शहर में रह रहे हैं.े करीब 35 हजार से 40 हजार छात्र वर्तमान में शहर में रह रहे हैं.
अधिकतर छात्र छात्रावासों या पीजी में रहते हैं और एक कमरे में रहने के कारण वे पृथक तो हैं ही, सामाजिक दूरी भी बनी हुई है. गौरतलब है कि कोटा में अभी तक कोरोना वायरस का कोई मामला सामने नहीं आया है. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने पिछले महीने एनईईटी (यूजी) और आईआईटी-जेईई (मुख्य) परीक्षाओं की तारीख मई के अंत तक बढ़ा दी थी, ताकि कोरोना वायरस फैलने को देखते हुए छात्रों एवं अभिभावकों को असुविधा नहीं हो.
यहां रह रहे छात्र प्रवेश परीक्षा की तैयारी में अब अपना वक्त लगा रहे हैं. कोटा में प्रति वर्ष पौने दो लाख से अधिक छात्र इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करने आते हैं.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि कोविड-19 का संक्रमण रोकने के लिए राज्य सरकार हर संभव कदम उठा रही है. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के लिए राज्य में बड़े पैमाने पर जांच की गयी है. केरल के बाद सर्वाधिक जांच राजस्थान में ही हुई है. कहा कि राज्य सरकार ने सही समय पर सही फैसले लिये हैं. पूरे देश में राजस्थान सरकार के इन कदमों की सराहना की जा रही है.