22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Rajasthan Election क्या इस बार नरेंद्र मोदी बनाम अशोक गहलोत है, इन 2 में 1 से डर

राजस्थान चुनाव में कांटे की टक्कर होने की उम्मीद है. प्रदेश के 200 सीटों पर मुकाबला हो रहा है. यहां एक रोचक तथ्य यह है कि 1993 से किसी भी चुनाव में कोई उम्मीदवार बतौर सीएम एकसाथ दो कार्यकाल नहीं जीत पाया है. राजस्थान के मौजूदा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को चुनावी मोर्चे पर तगड़ी फाइट मिल रही है.

5 राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ बीजेपी बनाम कांग्रेस की सियासी जंग तेज हो गई है. एमपी में 17 नवंबर को वोट डाले जाएंगे तो राजस्थान में 23 नवंबर को. छत्तीसगढ़ में दो तारीखों- 7 और 17 नवंबर को वोट पड़ेंगे. इनके साथ मिजोरम और तेलंगाना में 7 नवंबर और 30 नवंबर को मतदान होगा. काउंटिंग 3 दिसंबर को होगी.

राजस्थान में 200 सीटों पर मुकाबला है. यहां एक रोचक तथ्य यह है कि 1993 से किसी भी चुनाव में कोई उम्मीदवार Chief Minister के रूप में एकसाथ दो कार्यकाल नहीं जीत पाया है. राजस्थान के मौजूदा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को चुनावी मोर्चे पर तगड़ी फाइट मिल रही है. वह अपनी लोक लुभावन स्कीमों से चर्चा में तो हैं लेकिन बीजेपी के कदावरों ने बड़ी चुनौती भी खड़ी कर रखी है. साथ ही पार्टी में आंतरिक विरोध चल रहा है.

हर 5वें साल चलती है सत्ता विरोधी लहर

कांग्रेस को बीते 30 साल में कभी भी एकसाथ दो टर्म के लिए शासन करने का सौभाग्य नहीं मिला है. सत्ता विरोधी लहर का सामना उसे और विरोधी बीजेपी को हर 5वें साल चुनाव में करना पड़ता है. इस साल की शुरुआत में पार्टी ने अपनी छवि चमकाने के लिए एक पब्लिसिटी कंपनी को हायर किया था. उसे सामाजिक कल्याण स्कीमों और मुफ्त योजनाओं के जरिए वोटर को साधने का काम दिया गया था. लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सचिन पायलट कैंप पर नजर लगाकर रखनी होगी कि वे कहीं मामला ना बिगाड़ दें. साथ ही आंतरिक मतभेदों को भी दबाकर चलना होगा.

बीजेपी पीएम फेस पर निर्भर

बीजेपी की बात करें तो वह पूरी तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्ड पर निर्भर है. इस बार पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को भी प्रोजेक्ट नहीं किया गया. वह इस बार बीजेपी का सीएम फेस नहीं हैं. राज्य में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति को बीजेपी ने मुद्दा बनाया है. साथ ही करप्शन, सांप्रदायिक हिंसा और महिला सुरक्षा भी बड़े चुनावी एजेंडे हैं. गांवों में वोट साधने के लिए RSS मदद कर रही है.

क्या हैं प्रमुख मुद्दे

कानून-व्यवस्था : देश में रेप की घटनाएं काफी आम हैं और 2021 में राज्य लिस्ट में टॉप पर आ गया. छीना-झपटी, गैंगवार, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध काफी बढ़ा है. हाल में भीलवाड़ा में एक किशोरी के साथ गैंगरेप की घटना सामने आई थी. यही नहीं दरिंदों ने उसे जिंदा जला दिया था.

पेपर लीक : बीते 5 साल में 14 रीक्रूटमेंट एग्जाम के पेपर लीक हुए हैं. इन परीक्षाओं में 1 करोड़ से ज्यादा छात्र बैठे थे, लेकिन पेपर लीक होने से उनका साल बर्बाद हो गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर रैली में इस मुद्दे को उठा रहे हैं.

Polatisation : देश में त्योहारों के समय दो समुदायों में हिंसा आम हो चली है. जून 2022 में राजस्थान तब सुर्खियों में आया जब उदयपुर में एक टेलर का सिर कलम कर दिया गया. 2008 के जयपुर बम ब्लास्ट केस के सभी आरोपितों को पुलिस की फिसड्डी जांच के चलते राजस्थान हाईकोर्ट से रिहाई मिल गई थी, इस पर भी कांग्रेस पर पक्षपात की राजनीति का आरोप लगा था.

कौन-कौन है मैदान में

1. अशोक गहलोत

कांग्रेस के मौजूदा सीएम और वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत की उम्र 72 साल है. वह चौथी बार चुनाव जीतकर सीएम बनकर इतिहास कायम करना चाहते हैं. उन्हें इस चुनाव में दो लोगों से डर है, जो पहले भी उनके लिए बाधा बने हैं. बीते 5 साल में उनको अपनी ही पार्टी के विधायक सचिन पायलट से चुनौती मिलती रही है लेकिन हर मौके पर सवा सेर बनकर निकले हैं. चुनाव में उन्हें पायलट खेमे पर खास नजर रखनी होगी. इसके अलावा वसुंधरा राजे भी उनकी नाक में दम कर सकती हैं.

2. वसुंधरा राजे

बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को पार्टी इस बार कोई तवज्जो नहीं दे रही. 70 वर्षीय राजनीतिज्ञ को पार्टी ने सीएम फेस के रूप में प्रोजेक्ट करने से हाथ पीछे खींच लिए हैं. इस बात से खफा राजे ने बीजेपी की परिवर्तनी संकल्प यात्राओं से दूरी बना ली. हालांकि विपक्ष का कहना था कि ये यात्राएं फ्लॉप रहीं. अगर बीजेपी राजे को लाती तो बीजेपी को मदद मिलती.

Also Read: Israel Gaza Attack: गाजा पर बरस रहे हैं रॉकेट और बम, बोले नेतन्याहू- ‘अभी तो हमला शुरू हुआ है’

3. सचिन पायलट

46 साल के सचिन पायलट बीते 5 साल गहलोत सरकार के निशाने पर रहे. 2018 में चुनाव जीतने के बाद उन्हें सीएम नहीं बनाया गया था. कांग्रेस आलाकमान ने अशोक गहलोत को इसके लिए चुना. जुलाई 2020 में पायलट ने विरोध किया लेकिन गहलोत डैमेज कंट्रोल कर ले गए. पायलट को राज्य के गुर्जरों का समर्थन हासिल है, जो पूर्वी राजस्थान में वर्चस्व रखते हैं और चुनाव के रिजल्ट को बदल सकते हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें