Rajasthan Cabinet Reshuffle: राजस्थान में अशोक गहलोत के मंत्रिमंडल का गठन हो गया है. राज्यपाल कलराज मिश्र ने रविवार को राजभवन में 11 कैबिनेट और 4 राज्यमंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी. मंत्रिमंडल में तीन महिलाओं को जगह दी गयी है. वहीं, दो विवादित विधायकों को भी मंत्री बनाया गया है. राजस्थान के विवाद को खत्म करने के लिए कैबिनेट में अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों गुटों के लोगों को शामिल किया गया है. जितने लोगों को मंत्री बनाया गया है, उनमें से अधिकतर पहले भी मंत्री थे. महिला मंत्री जाहिदा को छोड़ सभी मंत्रियों ने हिंदी में शपथ ली. जाहिदा ने अंग्रेजी में शपथ ली.
हेमाराम चौधरी, महेंद्रजीत सिंह मालवीय, रामलाल जाट, महेश जोशी, विश्वेंद्र सिंह, रमेश चंद्र मीणा, ममता भूपेश बैरवा, भजनलाल जाटव, टीकाराम जूली, गोविंदराम मेघवाल और शकुंतला रावत को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. बृजेंद्र ओला, मुरालीलाल मीणा, राजेंद्र सिंह गुढ़ा और जाहिदा खान को राज्यमंत्री बनाया गया है. गहलोत कैबिनेट में शामिल रामलाल जाट पर महिला तहसीलदार को धमकी देने और उनके साथ अभद्रता करने का आरोप है. विवादों से उनका पुराना नाता रहा है.
हेमाराम चौधरी पायलट खेमा से हैं और 6 बार के विधायक रहे हैं. महेंद्रजीत सिंह मालवीय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गुट के माने जाते हैं. महेश जोशी को भी अशोक गहलोत का कट्टर समर्थक माना जाता है. महेश जोशी ने शपथ लेने के बाद गहलोत के चरण स्पर्श भी किये. पेशे से डॉक्टर और बड़े नेता हैं. वह हवामहल विधानसभा से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं. विधानसभा में पार्टी के चीफ ह्विप रहे हैं.
लोकसभा के पूर्व सांसद विश्वेंद्र सिंह को भी अशोक गहलोत की कैबिनेट में जगह मिली है. राजस्थान का महत्वपूर्ण चेहरा हैं. सर्वसमाज को एक साथ रहने के लिए प्रेरित करते हैं. राजघराने से हैं. रमेश चंद्र मीणा को फिर से कैबिनेट में जगह मिली है. इसके पहले वह खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री थे. सपोडरा के विधायक को फिर अहम जिम्मेदारी मिलने की उम्मीद है.
ममता भूपेश बैरवा, जो राजस्थान सरकार में महिला और विकास मंत्री थीं, को फिर से कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. ममता भूपेश बैरवा सिकराय से विधायक हैं. कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव भी हैं. कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई में रह चुकीं हैं. राजस्थान प्रदेश कांग्रेस की सचिव भी रही हैं.
भजनलाल जाटव, जो वैर से विधायक हैं, को भी मंत्री बनाया गया है. इसके पहले वह राज्यमंत्री रहे हैं. गृह, रक्षा एवं नागरिक सुरक्षा विभाग का मंत्रालय संभाल चुके हैं. मुद्रण विभाग के अलावा कृषि पशुपालन विभाग में भी राज्यमंत्री रह चुके हैं.
राजस्थान के पूर्व श्रम मंत्री टीकाराम जूली को प्रोमोट किया गया है. उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. अलवर ग्रामीण से विधायक टीकाराम जूली का उनके ही जिला में विरोध शुरू हो गया है. खाजूवाला से विधायक गोविंदराम मेघवाल को कैबिनेट में जगह दी गयी है. राजस्थान सरकार के पूर्व संसदीय सचिव रहे हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं. बानसूर से विधायक शकुंतला रावत को अशोक गहलोत खेमे का नेता माना जाता है. महिला कांग्रेस की पूर्व महासचिव हैं.
राज्यमंत्रियों की बात करें, तो बृजेंद्र ओला, मुरारीलाल मीणा, राजेंद्र गुढ़ा और जाहिदा खान को मंत्री बनाया गया है. बृजेंद्र ओला झुंझुनू से विधायक हैं. पायलट खेमे के नेता माने जाते हैं. पहले भी मंत्री रह चुके हैं. अच्छे नेता हैं. सर्वश्रेष्ठ विधायक चुने जा चुके हैं.
मुरालीलाल मीणा दौसा से विधायक हैं. पहले भी मंत्री रहे हैं. सचिन पायलट खेमे के नेता माने जाते हैं. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर चुनाव जीते थे. कांग्रेस में बीएसपी का विलय हुआ, तो मीणा भी कांग्रेस में शामिल हो गये.
राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने उदयपुरवाटी विधानसभा सीट से चुनाव जीता था. वह पूर्व मंत्री हैं. वहीं, कामां से विधायक जाहिदा खान को भी अशोक पायलट की सरकार में राज्यमंत्री बनाया गया है. जाहिदा ने अंग्रेजी में शपथ थी. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की सदस्य हैं, गहलोत खेमे की नेता बतायी जाती हैं.
Posted By: Mithilesh Jha