Rajasthan Election 2023 : राजस्थान में विधानसभा चुनाव में करीब एक महीने का वक्त बचा है. इससे पहले कांग्रेस की सूची का इंतजार सभी को है. उम्मीदवारों की सूची को लेकर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि उनके द्वारा कभी किसी जीतने योग्य उम्मीदवार का विरोध नहीं किया गया है और यहां तक कि उनका भी जो पिछले साल सितंबर में हुए प्रकरण के दौरान अनुशासनहीनता के आरोपी थे. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस अधिकतर सीटों पर उम्मीदवार उतार चुकी है, लेकिन राजस्थान के उम्मीदवारों की लिस्ट का इंतजार अभी भी है. राजस्थान की सभी 200 विधानसभा सीट पर 25 नवंबर को मतदान होगा. मतगणना तीन दिसंबर को होगी.
क्या कहा सचिन पायलट ने
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के द्वारा दिये गये बयान के बाद सचिन पायलट की प्रतिक्रिया सामने आई है. सीएम गहलोत ने दिल्ली में कहा था कि उन्होंने राजस्थान के विधानसभा चुनाव के लिए सचिन पायलट के समर्थकों को टिकट देने का विरोध नहीं किया है. इस बयान के बाद कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि वह सभी योग्य उम्मीदवारों के प्रस्तावों का खुले दिल से स्वागत करते हैं, यहां तक कि वे भी जो पिछले साल अनुशासनहीनता में शामिल थे. यहां चर्चा कर दें कि पिछले साल सितंबर माह में मुख्यमंत्री आवास पर बुलाई गई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में अशोक गहलोत खेमे के विधायकों के शामिल नहीं होने के बाद संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल, तत्कालीन मुख्य सचेतक महेश जोशी और राजस्थान पर्यटन विकास निगम (आरटीडीसी) के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ को अनुशासनहीनता के लिए पार्टी द्वारा नोटिस दिया गया था.
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गहलोत समर्थक विधायकों ने पिछले साल सितंबर में सचिन पायलट को नया मुख्यमंत्री नियुक्त करने के पार्टी के किसी भी कदम का विरोध करने के लिए जयपुर में मंत्री शांति धारीवाल के आवास पर एक समानांतर बैठक बुलाई थी. उस वक्त अशोक गहलोत कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की दौड़ में थे. उस घटना का जिक्र पायलट ने दौसा में मीडिया से बात करते हुए किया और कहा कि उन्होंने उन सभी के प्रस्तावों का खुले दिल से स्वागत किया है जो जीतने योग्य हैं, यहां तक कि उन लोगों के भी जिन्होंने सोनिया गांधी की बात नहीं मानी थी.
पार्टी हित में सामूहिक निर्णय लेने की कोशिश
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि सभी नेताओं ने पार्टी हित में सामूहिक निर्णय लेने की कोशिश की है और जल्द ही यह स्पष्ट हो जाएगा कि कौन किस सीट से चुनाव लड़ेगा. उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के उस बयान का जिक्र किया कि कांग्रेस में पार्टी नेताओं के बीच ‘‘प्यार’’ है. जब उनसे सवाल किया गया कि क्या वह उन शब्दों को भूल गए हैं जिनका इस्तेमाल मुख्यमंत्री गहलोत ने उस समय किया था जब उन्होंने 2020 में गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत की थी. इसपर …पायलट ने कहा कि आपने सुना नहीं मुख्यमंत्री गहलोत ने क्या कहा? हमारे अंदर जो प्यार मोहब्बत है वो एक मिसाल बन चुकी है और इस प्यार को देखकर विरोधी बहुत घबराये हुए हैं. पायलट ने कहा कि जहां तक टिकटों की बात है.. जो भी घटनाक्रम पिछले वर्ष हुआ और कुछ लोगों पर पार्टी अनुशासनहीनता के आरोप भी लगे थे.. उस पर कार्यवाही हुई या नहीं हुई, लेकिन जो जीतने योग्य उम्मीदवार हैं, उनका मैंने खुले मन से स्वागत किया.
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जीतने वाले उम्मीदवार का समर्थन
सचिन पायलट ने कहा कि इससे बड़ा प्रमाण क्या हो सकता है.. आपसी प्यार, मोहब्बत, भाईचारे का कि हम जो जीतने वाले उम्मीदवार हैं उनका समर्थन करें. जब उनसे सवाल किया गया कि अगर चुनाव में कांग्रेस सरकार बनाती है तो मुख्यमंत्री कौन बनेगा, उन्होंने कहा कि नाम तय करना निर्वाचित उम्मीदवारों का काम है और फिर पार्टी आलाकमान मुख्यमंत्री नियुक्त करने के लिए फैसला लेता है. उन्होंने यह भी विश्वास जताया कि कांग्रेस पार्टी फिर से राज्य में सरकार बनाएगी.
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सीएम अशोक गहलोत के 3 वफादारों पर नजर
ऐसी खबरें हैं कि 200 सीटों वाली जंग के लिए कांग्रेस की ओर से करीब 100 नाम तय हो चुके हैं, लेकिन 3 बड़े नेताओं पर पेंच फंसा है जो पार्टी के लिए परेशानी का सबब बनती नजर आ रही है. सूत्रों के हवाले से जो मीडिया में खबर चल रही है उसके अनुसार, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उन तीन वफादारों पर सहमति नहीं बन पा रही है, जिनको पिछले साल विधायक दल की बैठक नहीं हो पाने के लिए जिम्मेदार बताया गया. इन तीनों में दो मंत्री भी शामिल हैं.