नयी दिल्ली : राजस्थान में भाजपा विधायक दल के नेता गुलाब चंद कटारिया (Gulab Chand Kataria) ने दावा किया कि कांग्रेस में एकता होगी भी तो अस्थायी रहेगी और सरकार देर-सबेर गिर ही जायेगी. कांग्रेस और राजस्थान ( Rajasthan) में सचिन पायलट (Sachin Pilot) की अगुवाई वाले उसके असंतुष्ट खेमे के बीच सुलह होने के संकेतों के बीच भाजपा ने अपने विभिन्न विकल्पों पर विचार मंथन शुरू कर दिया है और 14 अगस्त को विधान सभा सत्र शुरू होने से पहले एकजुटता प्रदर्शित करने की कोशिश में जुटी है.
कटारिया ने पीटीआई-भाषा से कहा कि भाजपा विधायकों की बैठक मंगलवार को बुलायी गयी है. भाजपा के सूत्रों ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जयपुर में होने वाली बैठक में शामिल हो सकती हैं. वह पिछले कुछ दिन से दिल्ली में राष्ट्रीय नेताओं से मुलाकात कर रही हैं.
राजस्थान में गहलोत सरकार के खिलाफ पायलट खेमे के 18 विधायकों की बगावत के बाद प्रदेश में भाजपा की रणनीति को लेकर विश्वास में नहीं रखे जाने से राजे के नाखुश होने की खबरों पर सूत्रों ने कहा कि मतभेद हो सकते हैं लेकिन अब सब एक साथ हैं. जहां ऐसा लगता है कि गहलोत के पास विधानसभा में बहुमत है, वहीं भाजपा नेताओं के अनुसार उनकी रणनीति छह बसपा विधायकों के भविष्य पर निर्भर करेगी जिनके कांग्रेस में विलय को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गयी है.
सुप्रीम कोर्ट इस विषय पर मंगलवार को सुनवाई करेगी. कटारिया ने कहा कि अगर गहलोत सरकार गिरती है तो यह कांग्रेस के आंतरिक कलह के कारण होगा और अगर यह चलती है तो यह नाराज गुटों के बीच किसी तरह की सुलह की वजह से होगा. हालांकि उन्होंने भरोसा जताया कि अंतत: गहलोत सरकार गिरेगी, आज नहीं गिरी तो कुछ महीने में यह गिर जायेगी.
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राजस्थान में चल रहे चल रहे सियासी संकट पर तंज कसते हुए भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने सोमवार को कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को नैतिकता के आधार पर अपनी कुर्सी छोड़ देनी चाहिए. राज्य के सियासी संकट पर तंज कसते हुए पूनियां ने सोमवार को कहा, ‘इन 21 दिन में देश दुनिया में राजस्थान की छवि को तार तार किया गया, ऐसे अशोक गहलोत को नैतिकता के आधार पर अपनी कुर्सी छोड़ देनी चाहिए ताकि काफी कुछ समस्याओं का समाधान हो.’
उन्होंने सचिन पायलट खेमे के विधायकों पर लगायी गयी धारा 124ए का जिक्र करते हुए कहा कि इस तरह राजद्रोह की धारा लगाना सरकार की नीयत पर सवालिया निशान लगाता है और प्रश्न उठता है कि फिर उसे वापस क्यों लिया गया? उन्होंने कहा कि राजस्थान में जो कुछ भी घटनाक्रम हुआ उसका लेखा जोखा तो जनता अपनी अदालत में देगी.. लेकिन इससे कांग्रेस का असली चरित्र जनता के सामने फिर से आ गया.