राजस्थान में विधानसभा के चुनाव के लिए मतदान 25 नवंबर को है. इसकी मतगणना की तिथि 3 दिसंबर तय की गई है. ऐसे में सभी प्रमुख दल अपने प्रमुख नेताओं पर कई हद तक निर्भर नजर आ रही है. आज हम बात करेंगे राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के बारे में. राजस्थान चुनाव में इनकी भूमिका बहुत ही बड़ी मानी जा रही है. गोविंद सिंह डोटासरा का जन्म 1 अक्टूबर 1984 को हुआ था. वह फिलहाल राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष है.
बता दें कि उन्होंने अपना पहला विधानसभा चुनाव साल 2008 में लड़ा था. लक्ष्मणगढ़ विधानसभा सीट से साल 2008 से वह जीतकर विधानसभा आ रहे है. हालांकि, साल 2008 में उन्हें काफी कम अंतर से जीत मिली थी. उन्हें 2018 में राजस्थान सरकार में प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार), पर्यटन और देवस्थान राज्य मंत्री नियुक्त किया गया था . बाद में 20 नवंबर 2021 को उन्होंने पार्टी की एक व्यक्ति एक पद नीति का सम्मान करते हुए अपने मंत्रालय पद से इस्तीफा दे दिया.
2008 में, उन्होंने पहली बार राजस्थान विधान सभा चुनाव लड़ा और स्वतंत्र उम्मीदवार दिनेश जोशी के खिलाफ लक्ष्मणगढ़ की सीट 34 वोटों के करीबी अंतर से जीती. उन्होंने 2013 के राजस्थान विधान सभा चुनाव में पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री और 3 बार के सांसद सुभाष महरिया को 10,723 वोटों के अंतर से हराया . इस चुनाव में उनकी पार्टी कांग्रेस को राज्य में 160+ सीटों का नुकसान हुआ था.
वह राजस्थान विधानसभा 2015-16 की लोक लेखा समिति के सदस्य भी हैं. गोविंद सिंह डोटासरा का विवादों से भी थोड़ा बहुत नाता रहा है. बीते दिनों उनसे जुड़े कई स्थानों पर ईडी की छापेमारी हुई. साथ ही उनके दोनों बेटों को भी ईडी का समन आया है. बता दें कि मनी लौंडरिंग से जुड़े एक मामले में ईडी ने यह कार्रवाई की है. ऐसे में इस बार के चुनाव में उनकी क्या भूमिका रहती है और इन तमाम कार्रवाई का क्या प्रभाव पड़ता है ये देखने वाली बात होगी.