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Rajasthan Election 2023: विधानसभा चुनाव से पहले टूट जाएगी कांग्रेस? फिर आमने सामने आये सचिन पायलट और गहलोत

Rajasthan Election 2023: सचिन पायलट की ओर से राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार पर ताजा हमले किये जाने के बाद कांग्रेस ने कहा कि राज्य सरकार ने शासन के मामले में प्रदेश को नेतृत्व की स्थिति में लाया है. वह अपनी उपलब्धियों के बल पर जनता से दोबारा जनादेश मांगेगी.

Rajasthan Election 2023 : राजस्थान में विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा है कि वह राज्य की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में कथित तौर पर हुए ‘‘भ्रष्टाचार’’ पर कार्रवाई की मांग को लेकर 11 अप्रैल को एक दिन का धरना देंगे. राजस्थान कांग्रेस में एक बार फिर सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ सचिन पायलट के तेवर सख्त नजर आ रहे हैं.

दरअसल अपनी ही सरकार के खिलाफ अनशन की घोषणा करके राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने साफ कर दिया है कि विधानसभा चुनाव से पहले वह आर-पार की लड़ाई चाहते हैं. 2020 की बगावत के बाद लंबे समय तक चुप नजर आने वाले सचिन पायलट अब शांत नहीं दिख रहे हैं. हालांकि, अपनी ही सरकार के खिलाफ उनके तेवर ने कांग्रेस हाईकमान को नाखुश कर दिया है. ऐसे में उनके लिए आगे की राह आसान नहीं होने वाली. सुलह की संभावनाएं बेहद कम नजर आ रही हैं. इसके बाद लोगों के मन में सवाल यह भी उठ रहा कि क्या विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस टूट जाएगी ?

…तो टूट जाती कांग्रेस

जानकारों की मानें तो 2018 के राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के पद पर सचिन पायलट थे. इस वजह से उन्हें इस बात का लंबे समय से मलाल है कि उन्हें मेहनत का सही फल नहीं दिया गया. अनुभव और गांधी परिवार के साथ नजदीकी संबंध होने की वजह से उस वक्त अशोक गहलोत ने बाजी मार ली थी. सचिन पायलट को डेप्युटी सीएम का पद जरूर मिला, लेकिन वह इससे संतुष्ट नहीं नजर आये. इसी का प्रतिफल था कि 2020 में उन्होंने अपने कुछ समर्थक विधायकों के साथ पार्टी से बगावत कर दी. तब उनके भाजपा का दामन थामने की खबरों ने सुर्खियां बटोरी, लेकिन अंतिम मौके पर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने उन्हें मना लिया.

टूट चुका है सचिन पायलट का सब्र ?

खबरों की मानें तो पिछले विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद राहुल और प्रियंका गांधी ने सचिन पायलट से भविष्य के लिए कुछ वादे किये थे, जिन्हें पूरा होने का इंतजार अभी भी वे कर रहे हैं. यही वजह रही कि वह लंबे समय तक शांत रहे और गहलोत की ओर से गद्दार, निकम्मा और कोरोना तक कहे जाने पर भी उन्होंने कभी अपना गुस्सा फूटने नहीं दिया.

Also Read: 11 अप्रैल को भ्रष्टाचार के खिलाफ जयपुर में अनशन करेंगे पायलट, गहलोत सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा
पायलट को मिला खाचरियावास का समर्थन

इधर, राजस्थान के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने राज्य की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय कथित तौर पर हुए भ्रष्टाचार पर कार्रवाई की पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की मांग का रविवार को समर्थन किया. खाचरियावास ने एक समाचार चैनल से कहा कि वह सचिन पायलट की बात से सहमत हैं और यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह उन मुद्दों पर कार्रवाई करे जो कांग्रेस पार्टी ने विपक्ष में रहते हुए उठाए थे.

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