Rajasthan News: राजस्थान में हाल ही में हुए पंचायत चुनाव में मिली हार के बाद एक बार फिर अशोक गहलोत सरकार के सामने सियासी संकट खड़ा हो गया है. भारतीय ट्राइबल पार्टी यानी बीटीपी के दो विधायकों ने शुक्रवार को राजस्थान की कांग्रेस सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है. बता दें कि इस साल की शुरुआत में जब उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने बागी तेवर अपनाए थे तब बीटीपी के इन्हीं दोनों विधायकों ने गहलोत सरकार का समर्थन किया था. राजस्थान में हाल ही में हुए पंचायत चुनाव से जुड़ी हर Hindi News से अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.
पायलट के बगावत ही नहीं बल्कि राज्यसभा चुनाव के दौरान भी कांग्रेस प्रत्याशी केसी वेणुगोपाल और नीरज डांगी के पक्ष में मतदान किया था, लेकिन जिला परिषद का चुनाव कांग्रेस से नाता तोड़ने के लिए उन्हें मजबूर कर दिया. समर्थन लेने के पीछे पंचायत समिति चुनाव में मिली हार को वजह माना जा रहा है. बीटीपी का आरोप है कि पंचायत चुनाव में कांग्रेस ने उनकी मदद नहीं की. बीटीपी नेता छोटूभाई बसावा ने यहां तक कहा कि कांग्रेस और भाजपा एक हैं.
#BJPकोंग्रेस_एक_है
राजस्थान सरकार से @BTP_India अपना समर्थन वापस लेगी#जोहार @BtpRajsthan @1stIndiaNews @zeerajasthan_ @News18Rajasthan— Chhotubhai Vasava (@Chhotu_Vasava) December 11, 2020
बता दें कि राजस्थान के आदिवासी डूंगरपुर जनपद में जिला परिषद सदस्यों के चुनाव में बीटीपी को सबसे ज्यादा सीटें मिली थी, लेकिन कांग्रेस और भाजपा के हाथ मिलाने के चलते बीटीपी का जिला प्रमुख नहीं बन सका. वहीं, डूंगरपुर में भाजपा ने अपना जिला प्रमुख बना लिया.
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बीटीपी के 2 विधायकों के समर्थन वापस लेने से गहलोत सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा. क्योंकि अब कांग्रेस के पास राज्य में बहुमत है. लेकिन कुछ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है. राजस्थान में कुल 200 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से अभी गहलोत सरकार के पास 118 (कांग्रेस के 105) हैं.
इनमें से कई निर्दलीय विधायक भी शामिल हैं. सियासी संकट इसलिए माना जा रहा है क्योंकि अशोक गहलोत खुद कई मौकों पर ये आरोप लगा चुके हैं कि भाजपा फिर राजस्थान और महाराष्ट्र में सरकार बनाने की कोशिश कर सकती है.
Posted By: Utpal kant