Rajasthan News: राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने राज्य में विधान परिषद बनाने की कवायद शुरू कर दी है. राज्य कैबिनेट द्वारा इस संबंध में प्रस्ताव भी पास कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि असंतुष्ट नेताओं को साधने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है. हालांकि अभी विधान परिषद का गठन में वक्त लग सकता है.
जानकारी के मुताबिक राजस्थान कैबिनेट ने विधान परिषद गठन को मंजूरी दे दी है. अब इसे विधान सभा में पेश किया जाएगा. विधानसभा से पास होने के बाद इसे केंद्र को भेजा जाएगा और फिर लोकसभा, राज्यसभा और राष्ट्रपति की मुहर के बाद इसका गठन होगा.
इधर, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि विधान परिषद के गठन के लिए बीजेपी को भी आगे आना चाहिए. ये जनहित का मुद्दा है और भाजपा के सांसदों को इसमें सहयोग करना चाहिए. विधान परिषद गठन के पीछे सीएम गहलोत का मकसद कांग्रेस में चल रही आपसी खींचतानी को खत्म करने की बताई जा रही है.
राजस्थान में कैबिनेट विस्तार पर पेंच- बताते चलें कि राजस्थान कांग्रेस में कैबिनेट विस्तार पर पेंच फंसा हुआ है. राज्य में सचिन पायलट और अशोक गहलोत कैंप में मंत्रियों की संख्या को लेकर टशन है. वहीं पिछले दिनों प्रभारी महासचिव अजय माकन डैमेज कंट्रोल करने जयपुर आए थे. माकन और सीएम के मीटिंग के बाद ही विधान परिषद के गठन का फैसला किया गया है.
60-65 अधिकतम सदस्य हो सकते हैं- बताया जा रहा है कि अगर विधान परिषद का गठन हुआ तो, अधिकतम 60-65 सदस्य हो सकते हैं. इनमें राज्यपाल कोटा, विधायक कोटा और नगर निगम कोटा के सदस्य शामिल होंगे. वहीं शिक्षक और ग्रेजुएट कोटे से भी सदस्य चुने जाएंगे.
Posted By : Avinish Kumar Mishra