राजस्थान में कोरोना महामारी के बीच कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार पर सियासी संकट शुरू हो गया है. कांग्रेस के कद्दावर नेता और सचिन पायलट गुट के विधायक हेमाराम चौधरी ने इस्तीफा दे दिया है. हेमाराम चौधरी ने अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को भेजा है. बता दें कि हेमाराम चौधरी इससे पहले भी साल 2019 में एक बार इस्तीफा दे चुके हैं.
हेमाराम चौधरी ने इस्तीफा देते हुए कहा है कि अशोक गहलोत सरकार की दुश्मनी मुझसे है, लेकिन मेरे क्षेत्र की अनदेखी अब मुझसे बर्दाश्त नहीं होती. उन्होंने आगे दोहराया कि कांग्रेस पार्टी नहीं छोड़ूंगा. हेमाराम चौधरी राजस्थान के गुड़ामालानी से विधायक हैं. उनके इस्तीफे से कांग्रेस के भीतर सियासी हड़कंप मच गया है.
सियासी गपॉलिटिकल प्रेशर का खेल शुरू?लियारों में चल रही चर्चा की मानें तो हेमाराम चौधरी ने यह इस्तीफा सरकार पर प्रेशर बनाने के लिए दिया है. हेमाराम चौधरी पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट गुट के नेता हैं. राजस्थान में पायलट गुट जल्द से जल्द कैबिनेट विस्तार करने के पक्ष में हैं. वहीं गहलोत गुट कोरोना का हवाला देकर इसे टालने की कोशिश में है.
वहीं हेमाराम चौधरी के इस्तीफे पर बीजेपी ने निशाना साधा है. बीजेपी नेता लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने ट्वीट कर कहा, ‘ लीजिए राहुल गांधी जी, आपके लिए टूलकिट की और से तोहफ़ा. राजस्थान के पूर्व नेता प्रतिपक्ष और विधायक हेमाराम चौधरी जी ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफ़ा दिया. जय राम जी की.
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गौरतलब है कि हेमाराम चौधरी के अलावा सचिन पायलट गुट के पूर्व मंत्री रमेश मीणा, विधायक वेद प्रकाश सोलंकी, मुरारी लाल मीणा और पूर्व मंत्री विश्वेन्द्र सिंह राजस्थान सरकार के खिलाफ विरोध कर चुके हैं. वहीं कहा जा रहा है कि राज्य में पायलट कैंप जल्द से जल्द कैबिनेट विस्तार और राजनीतिक नियुक्ति चाहते हैं.
Posted by: Avinish Kumar Mishra