Chhath Puja: लोक आस्था का महापर्व छठ सदियों से बिहार वासियों के मन में अपनी मिट्टी और संस्कृति के प्रति प्रेम जगाता रहता है. यह पर्व महान आस्था का पर्व है. एक समय में छठ पर्व झारखंड, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश तक ही सीमित था. लेकिन, अब यह पर्व भारत ही नहीं, दुनिया के कोने-कोने तक पहुंच गया है. यहां तक कि सात समंदर पार भी छठ पर्व के दिन लोग भगवान भास्कर को अर्घ्य देते हैं.
विदेशों में रह रहे भारतीयों के लिए छठ पर्व हो जाता है खास
विदेशों में रहने वाले उन झारखंड, बिहार के लोगों के लिए छठ पर्व और खास हो जाता है, जो पर्व के दौरान विदेशों से अपने घर नहीं लौट पाते. ऐसे में वे वहीं पूरी श्रद्धा एवं निष्ठा के साथ पर्व मनाते हैं, जिसमें वहां रह रहे भारतीय समुदाय के लोग शामिल होते हैं. झारखंड के रामगढ़ जिला के चितरपुर निवासी अमितकांत स्कॉटलैंड में रहते हैं. छठ पर्व में हर बार अब अपने गांव नहीं आ पाते.
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इसके बाद उन्होंने पत्नी रूबी वर्मा एवं स्कॉटलैंड में रह रहे अपने परिजनों के साथ ब्रिटेन में ही छठ पूजा की. उन्होंने अपने परिजनों के साथ समुद्र किनारे जाकर रविवार को शाम में अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया, तो सोमवार सुबह में उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया. साथ ही सूर्य की उपासना व छठ मइया की आराधना कर सुख, शांति व समृद्धि की कामना की. अमितकांत के पिता राजेंद्र प्रसाद चितरपुर के लहरी मुहल्ला में रहते हैं.
छह वर्षों से कर रहे हैं छठ पर्व
अमितकांत लंदन के स्कॉटलैंड में डॉमीनोज के एक स्टोर में मैनेजर हैं. वे पिछले छह वर्षों से लगातार स्कॉटलैंड में ही छठ पूजा कर रहे हैं. समुद्र में जाकर छठ पूजा करते हैं. उन्होंने कहा कि भले ही घर से दूर हूं, लेकिन आस्था के महापर्व छठ को हमलोग यहां भी धूमधाम से मना रहे हैं.
रिपोर्ट- सुरेंद्र कुमार/शंकर पोद्दार