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रामगढ़ में चिपको आंदोलन : बूढ़ाखाप की महिलाएं दूसरे दिन भी पेड़ से लिपटी रहीं, अब बच्चे भी आये आगे

रामगढ़ के बूढ़ाखाप के ग्रामीण दूसरे दिन भी पेड़ को बचाने में लगे रहे. महिलाओं के साथ-साथ अब बच्चे भी पेड़ों से लिपटे हुए हैं. बच्चे कहते हैं कि पेड़ कटने से हमे कई परेशानियों का सामना करना पड‍़ेगा. उन्होंने अधिकारियों से पेड़ नहीं काटने की गुहार लगायी है.

कुजू (रामगढ़), धनेश्वर प्रसाद : पेड़ कटे नहीं इसके लिए रामगढ़ के बूढ़ाखाप की दर्जनों ग्रामीण महिलाएं दूसरे दिन बुधवार को भी पेड़ से लिपटी रहीं. कड़ी धूप में भी भूखे- प्यासे दिन भर पेड़ों की पहरेदारी करती दिखीं. इस बीच ग्रामीण महिलाओं ने सभी पेड़ों में रक्षा सूत्र बांधकर उसे कटने नहीं देने का संकल्प ले लिया. इस आंदोलन में ग्रामीण महिलाओं के साथ अब गांव की छोटी- छोटी बच्चियां भी शामिल होने लगी है. यही नहीं, अब बच्चियां भी महिलाओं के साथ पेड़ों को पकड़ कर रखी है.

स्पंज आयरन फैक्ट्री के विस्तारीकरण को लेकर पेड़ काटे जाने का विरोध

बता दें कि बूढ़ाखाप स्थित गांव में स्पंज आयरन फैक्ट्री के विस्तारीकरण के लिए 22.92 एकड़ वन विभाग की जमीन को अधिग्रहण करने और पेड़ों को काटने के लिए उसकी गिनती मंगलवार को शुरू हुई थी. इसको लेकर वन विभाग और पुलिस के जवानों को ग्रामीणों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा था. ग्रामीणों का कहना है कि जान दे देंगे, लेकिन किसी कीमत पर पेड़ कटने नहीं देंगे. इसके बाद कई महिलाएं पेड‍़ों से लिपट गयी थी. इस दौरान पुलिस को हल्का बल का भी प्रयोग करना पड‍़ा था.

ग्रामीणों का विरोध दूसरे दिन भी जारी

इधर, दूसरे दिन भी ग्रामीणों का विरोध जारी रहा. रोती-बिलखती ग्रामीण महिलाओं का कहना है कि फैक्ट्री के चिमनी से निकल रहे धुंएं के कारण पहले से ही काफी परेशान हैं. ऐसे में अगर इन पेड़ों को भी काट दिया गया, तो भविष्य में यहां की स्थिति और भी बदतर हो जाएगी. कहा कि एक तरफ पांच जून को पूरे विश्व में पर्यावरण दिवस मना कर लोगों ने पेड़ों के संरक्षण का संकल्प लिया. ठीक उसके दूसरे दिन ही यहां पर पेड़ों की कटाई के लिए वन विभाग के कर्मियों ने पुलिस की मौजूदगी में गिनती शुरू कर दी. लेकिन, हम लोग चुप बैठने वाले नहीं है. पेड़ों को कटने से बचाने के लिए हमें किसी भी हद तक जाना पड़े उसके लिए तैयार हैं.

Also Read: रामगढ़ : पेड़ों से लिपटी महिलाएं, ग्रामीणों ने कहा- ‘जान दे देंगे लेकिन जंगल नहीं कटने देंगे’

पेड़ों को बचाने बच्चियां भी आयी आगे

वन क्षेत्र में पेड़ों के कटने से बच्चे भी भविष्य को लेकर काफी सशांकित हैं. ग्रामीण महिलाओं के साथ- साथ अब गांव की बच्चियां भी धुएं की रोकथाम को लेकर जागरूक हो गई है. इस संबंध में बच्ची मधु कुमारी और परी कुमारी ने कहा कि धुएं के कारण लोग कई तरह की बीमारियों से परेशान हैं. ऐसे में अगर पेड़ काट दिए जाते हैं्र तो आगे चलकर स्थिति और भी भयावह हो सकता है.

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