भुरकुंडा (मो इसलाम) : झारखंड के रामगढ़ जिला में चार बेटियों के कंधे पर पिता की अर्थी निकली. श्मशान घाट में बेटी ने ही पिता को मुखाग्नि भी दी. मामला भुरकुंडा का है. रिवर साइड नेहरू पार्क, भुरकुंडा निवासी सच्चिदानंद दुबे (60) का गुरुवार को सीसीएल गिद्दी अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया.
पिछले कुछ वर्षों से बीमार चल रहे सच्चिदानंद दुबे को बुधवार को हार्ट अटैक के बाद उन्हें गिद्दी अस्पताल पहुंचाया गया था. अस्पताल में ही उन्होंने अंतिम सांस ली. शुक्रवार को स्थानीय दामोदर नदी तट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया. स्व दुबे के परिवार में पत्नी अमरावती के अलावा सिर्फ चार बेटियां रागिनी दुबे, पूजा दुबे, अर्चना दुबे व प्रज्ञा दुबे हैं.
ऐसे में छोटी बेटी प्रज्ञा दुबे ने अंतिम संस्कार की रस्म को पूरा करते हुए दिवंगत पिता को मुखाग्नि दी. इससे पहले चारों बहनों ने दिवंगत पिता को कंधा दिया. यह दृश्य देखकर पूरा माहौल गमगीन हो उठा. बेटी पूजा दुबे ने बताया कि उनके पिता बासल फैक्ट्री में काम करते थे. फैक्ट्री बंद होने के बाद परिवार की परेशानियां काफी बढ़ गयी थी. फिलहाल पांच-छह साल से वे सभी रिवर साइड में रह रहे हैं.
पूजा ने बताया कि वह दिल्ली में एक कंपनी में एचआर हैं. अभी तक चार बहनों में से किसी की भी शादी नहीं हुई है. अंतिम संस्कार के मौके पर मनोज पांडेय, दीपक सिंह, गोरखनाथ दुबे, धीरज सिन्हा, विनोद सिंह, एनके त्रिपाठी, उमेश वर्मा, राजेश पंडित, एनके प्रसाद, सपन सरकार, पिंकू झा, कमलेश झा, राकेश सिंह, दीपक सिंह, अशोक, मिथुन समेत कई लोग मौजूद थे.
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Posted By : Mithilesh Jha