Jharkhand News: झारखंड के रामगढ़ जिले के पतरातू प्रखंड समेत आसपास के क्षेत्रों में दामोदर नद से बालू उत्खनन जोरों पर है. बालू का अवैध कारोबार करने वाले दिन के उजाले के साथ-साथ रात के अंधेरे में भी नदियों से बालू का उठाव करा रहे हैं. इस बीच बालू पर रोक लगाने में खनन पदाधिकारी समेत स्थानीय प्रशासन विफल साबित हो रहा है. इसे राज्य सरकार को लाखों के राजस्व का चूना लग रहा है. ट्रैक्टर ड्राइवर व मालिक की मानें, तो अधिकारियों को मैनेज कर वे बालू ढुलाई कर रहे हैं.
अवैध बालू कारोबारियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि यहां सुबह होते ही ट्रैक्टरों से दामोदर नद के बालू की निकासी कर क्षेत्र के विभिन्न स्थलों पर स्टॉक करना शुरू कर दिया जाता है. रात होते ही हाइवा ट्रकों में बालू को लोड कर पीटीपीएस स्थित निर्माणाधीन पावर प्लांट समेत आसपास के क्षेत्रों में बालू की आपूर्ति की जाती है. इसके अलावा बालू को दूसरे अन्य जिलों में भी भेजा जाता है. इस कार्य में प्रतिदिन सौ से भी अधिक ट्रैक्टरों द्वारा नदी से अवैध बालू लेकर स्टॉक किया जाता है और पतरातू के आसपास के क्षेत्रों में ऊंचे दामों पर बेचा जाता है.
बालू के इस अवैध कारोबार से वाहन मालिकों के साथ-साथ अवैध उत्खनन करा रहे दबंग भी मालामाल हो रहे हैं. हैरान करने वाली बात है कि पहले रात के अंधेरे में ही यह कार्य किया जाता था, परंतु अब बालू लदे ट्रैक्टर दिन के उजाले में भी बालू लेकर बेधड़क निकल रहे हैं. पुलिस द्वारा बार-बार की जा रही कार्रवाई के बावजूद बालू माफियाओं के हौसला काफी बुलंद हैं. बालू ढुलाई करने वाले वाहन चालकों के अलावा वाहन मालिकों से पूछताछ किए जाने पर वे साफ-साफ कहते हैं कि अधिकारियों को मैनेज करके यह काम किया जा रहा है.
बालू के अवैध उत्खनन के संबंध में रामगढ़ जिला खनन पदाधिकारी निलेश गुप्ता से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अवैध उत्खनन की कोई सूचना नहीं है. इस मामले की जांच की जायेगी. जांच के बाद वाहनों पर उचित कार्रवाई की जाएगी.
रिपोर्ट : अजय तिवारी