गोला: गोला प्रखंड के किसानों को लॉकडाउन के कारण काफी नुकसान हो रहा है. सब्जी व्यवसायियों को भी लगातार काफी नुकसान हो रहा है. हालात यह कि किसानों को सब्जी का बाजार मूल्य नहीं मिल पा रहा है. कई हरी सब्जियां ओने-पोने दामों में बिक रहे है. हमेशा अच्छे दाम में बिकने वाली मिर्च भी बाजार में 8-10 रुपये किलो बिकने लगा है. जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है. कई किसान इसके कारण कर्ज में डूब रहे हैं. गोला से पढ़े शंकर पोद्दार कि रिपोर्ट.
प्रतिवर्ष लाखों की मिर्च बेचते थे गोला के किसान
गोला प्रखंड मं सालोंभर सब्जी का बंपर उत्पादन होता है. यहां के खेतों में हमेशा मिर्च, खीरा, करैला, टमाटर, लगे रहते हैं. लॉकडाउन के कारण सही बाजान नहीं मिलने से किसानों को इन फसलों में काफी नुकसान हुआ है. इसके अलावे इन किसानों को तरबूज, बोदी, भिंडी, नेनुआ, कदू सहित कई फसलों में भी भारी नुकसान हुआ है. गौरतलब हो कि इस क्षेत्र के किसान प्रतिवर्ष मिर्च से लाखों रुपये का व्यवसाय करते थे.
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बाजारों में रौनक लौटने की आस में है किसान
देश के रीढ़ माने जाने वाले किसान बाजारों में रौनक लौटने की इंतजार कर रहे है. रांची, धनबाद, हजारीबाग, बोकारो सहित पश्चिम बंगाल के व्यापारी किसानों के खेतों तक पहुंचते थे. लेकिन लॉकडाउन के कारण व्यापारी नहीं पहुंच पा रहे है. किसान भी बाजार खुलने का इंतजार कर रहे है. ताकि वे अपने फसलों को बाजार मूल्य में बेच पाये.
इन दरों में बिक रही है सब्जियां
गोला प्रखंड कृषि बाहुल्य क्षेत्र है. लॉकडाउन के कारण लगभग 65 दिनों से गोला का डेली मार्केट बंद है. जिस कारण इस क्षेत्र में मौसमी सब्जियों के दामों में काफी गिरावट आयी है. लोग जहां-तहां बाजार लगा कर व घूम-घूमकर ओने-पोने दामों में सब्जियों को बेच रहे है. गोला क्षेत्र में इन दरों में बिक रही है सब्जियां.
सब्जी :- प्रति किलो
भिंडी :- 2 से 5 रुपये
बोदी :- 5 रुपये
तरबूज :- 6 रुपये
करेला :- 5 रुपये
नेनुआ :- 10 रुपया
बैंगन :- 18 रुपये
टमाटर :- 15 रुपये
कदू :- 5 रुपये
खीरा :- 8 रुपये
मूली :- 8 रुपये
पालक साग :- 10 रुपये