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पतरातू थर्मल पावर प्लांट : बिजली संकट होगा दूर, रोशन होगा झारखंड, 2024 से शुरू होगा उत्पादन

Patratu Thermal Power Plant: पतरातू में पीवीयूएनएल (पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड) पावर प्लांट के निर्माण से न केवल झारखंड बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो जायेगा बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. बताया जा रहा है कि पूरे झारखंड को इससे बिजली मिलेगी. लोगों को बिजली संकट से निजात मिलेगी.

Patratu Thermal Power Plant: झारखंड के रामगढ़ जिले के पतरातू में पीवीयूएनएल (पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड) पावर प्लांट का निर्माण किया जा रहा है. 11500 करोड़ की लागत से 2018 से कार्य शुरू है. इस प्लांट का निर्माण 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, परंतु कोरोना के कारण पूरा नहीं किया जा सका. 2024 में उत्पादन शुरू होगा. पहले फेज में 2400 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा. इस प्लांट के निर्माण के बाद झारखंड बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो जाएगा. इसके साथ ही रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. आपको बता दें कि यहां दो चरणों में 4000 मेगावाट उत्पादन क्षमता का पावर प्लांट स्थापित करना है. वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी आधारशिला रखी थी.

रोजगार के अवसर बढ़ेंगे

पतरातू में पीवीयूएनएल (पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड) पावर प्लांट के निर्माण से न केवल झारखंड बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो जायेगा बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. बताया जा रहा है कि पूरे झारखंड को इससे बिजली मिलेगी. लोगों को बिजली संकट से निजात मिलेगी. पतरातू के निर्माणाधीन पावर प्लांट में फिलहाल करीब 3500 से 4000 मजदूर कार्य कर रहे हैं. आने वाले दिनों में प्लांट कमिश्निंग के बाद प्लांट में कार्य करने वाले कर्मियों की संख्या में और बढ़ोत्तरी होगी. पावर प्लांट के निर्माण में आसपास के काफी लोगों को रोजगार मिला है. इस प्लांट के चालू होने के बाद प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से काफी लोगों को रोजगार के लिए अवसर मिलेगा.

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पतरातू पावर प्लांट की पीएम ने की थी समीक्षा

आपको बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने बुधवार को NPTC के पतरातू और नॉर्थ कर्णपुरा पावर प्लांट की ऑनलाइन समीक्षा की थी. इस दौरान पीएम मोदी को झारखंड के मुख्य सचिव ने बताया था कि वर्ष 2024 से पतरातू के निर्माणाधीन 4000 मेगावाट के थर्मल पावर प्लांट से बिजली उत्पादन होने लगेगा. अक्तूबर 2022 से नॉर्थ कर्णपुरा थर्मल पावर प्लांट की पहली यूनिट से बिजली उत्पादन शुरू हो जाएगा. राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि कोरोना की बंदिशों के कारण निर्माण कार्य की गति थोड़ी धीमी अवश्य पड़ गयी, लेकिन अब इसमें अपेक्षित सुधार हुआ है.

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वन भूमि और ट्रांसमिशन लाइन से जुड़े मुद्दे पर हुई बात

बताया गया कि पतरातू थर्मल पावर प्लांट के लिए आवंटित बनहरदी कोल ब्लॉक में वन भूमि का मामला आ रहा है. इस पर केंद्र सरकार की ओर से निर्देश दिया गया कि 268 एकड़ वन भूमि को डिनोटिफाई करने का प्रस्ताव राज्य सरकार केंद्र को भेजे. इस पर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने कहा कि वन भूमि को डिनोटिफाइ करने का प्रस्ताव राज्य सरकार ने 24 मई को ही केंद्र सरकार को भेज दिया है. इसके अलावा पतरातू और नॉर्थ कर्णपुरा प्लांट से उत्पादित बिजली के संचरण के लिए ट्रांसमिशन लाइन पर भी बात की गयी.

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4000 मेगावाट उत्पादन क्षमता का पावर प्लांट होगा स्थापित

आपको बता दें कि राज्य सरकार, झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड और एनटीपीसी द्वारा संयुक्त उद्यम के तौर पर पतरातू विद्युत निगम लिमिटेड (PUVNL) बनाया गया है. इससे उत्पादित 85 फीसदी बिजली झारखंड को मिलेगी. यहां दो चरणों में 4000 मेगावाट उत्पादन क्षमता का पावर प्लांट स्थापित करना है. वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी आधारशिला रखी थी.

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रिपोर्ट : अजय तिवारी

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