Jharkhand News (सुरेंद्र कुमार/शंकर पोद्दार, गोला, रामगढ़) : ऐसे तो महिलाएं किसी क्षेत्र में पीछे नहीं है. हर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुकी है. इसी कड़ी में रामगढ़ जिला अंतर्गत गोला की एक महिला ललिता देवी ने कृषि में एक अनूठा प्रयोग कर सभी को चौंका दी है. गोला जैसे कृषि बाहुल्य क्षेत्र में पहली बार केसर की खेती की है क्योंकि आमतौर पर केसर की खेती जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश जैसे ठंड प्रदेशों में ही होती है. लेकिन, गर्म जलवायु वाले क्षेत्र में भी केसर की खेती की शुरुआत की है.
जानकारी के अनुसार, गोला प्रखंड के कोईया गांव की ललिता देवी पिछले कई वर्षों से कृषि कार्य से जुड़ी है. लेकिन, उन्होंने कृषि में अच्छा मुनाफा ना होता देख केसर की खेती में अपनी किस्मत आजमानी को सोची. उन्होंने बताया कि ऑनलाइन केसर का बीज मंगा कर इसकी खेती की शुरुआत की. पहली बार में ही केसर की बढ़िया उपज हुई है.
उन्होंने कहा कि इसका बाजार अच्छा मिलेगा, तो इस खेती को और बढ़ायेंगे. क्षेत्र के लोग महिला द्वारा केसर की सफल खेती किये जाने पर इसकी प्रशंसा कर रहे हैं. उधर, किसान प्रतिनिधि उत्तम कुशवाहा ने भी केसर की बेहतर खेती करने पर महिला किसान को बधाई दिया है.
ललिता देवी 10वीं तक पढ़ाई की है. वे नया प्रयोग कर आत्मनिर्भर की राह पर चल पड़ी है. उन्होंने बताया कि इस कार्य में उनके पति धनंजय महतो और ससुर राजाराम महतो का सहयोग मिलता है. उन्होंने बताया कि केसर की उपज करने में तीन माह का समय लगा. लगभग साढ़े चार किलो केसर का पैदावार हुआ है. जिसकी कीमत लाखों रुपये बतायी जाती है.
केसर एक विशेष प्रकार का मसाला है, जो अपनी रंग, खुशबू और औषधीय गुणों से भरा है. यह बेहद कम जगहों पर पाया जाता है और काफी महंगा होता है. इसे कोई मीठी रेसिपी बनाने में इस्तेमाल किया जाता है. जिससे उस रेसिपी का स्वाद चौगुना बढ़ जाता है. इसके अलावे दूध में भी केसर डाल कर पीने की चलन है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है. रोजाना केसर दूध पीने से कई तरह की बीमारियों का खतरा कम हो जाता है. केसर के सेवन से वजन कम होता है. वहीं, त्वचा और बालों के लिए भी बेहद फायदेमंद है. केसर वाला फेस पैक लगाने से त्वचा ग्लो करने लगती है.
झारखंड राज्य के रामगढ़ जिला अंतर्गत गोला प्रखंड क्षेत्र के लोगों में कुछ नया करने का गजब की जज्बा है. यहां के लिए कृषि में नया-नया प्रयोग करते रहते है. गोला प्रखंड क्षेत्र के चोकड़बेड़ा गांव के राजेंद्र बेदिया ने ताइवान से ऑनलाइन बीज मांगा कर पूरे राज्य में पहली बार पीला तरबूज की खेती की थी. वहीं, बड़कीसरला गांव के किसान बौडी महतो ने अपने घर में सेब का पेड़ लगाया. जिसमें मीठे सेब निकलता है. इसके कोरांबे गांव की अंजू कुशवाहा ने स्ट्रॉबेरी की खेती कर क्षेत्र में मिसाल कायम की है.
Posted By : Samir Ranjan.