आवेदन करने के लिए स्नातक में 50% अंक अनिवार्य
रांची : झारखंड के बीएड कॉलेजों में नामांकन के लिए एससी-एसटी वर्ग के विद्यार्थियों को अब स्नातक में सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों के बराबर अंक लाना होगा. राज्य में बीएड में नामांकन की प्रक्रिया में बदलाव किया गया है.
इस वर्ष से बीएड कॉलेजों में नामांकन के लिए झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियाेगिता परीक्षा पर्षद द्वारा परीक्षा ली जायेगी. पर्षद द्वारा जारी अधिसूचना में योग्यता का जिक्र करते हुए कहा गया है कि इसमें स्नातक 50 फीसदी अंक से पास होनेवाले उम्मीदवार ही आवेदन कर सकते हैं. राज्य में अब तक बीएड में नामांकन के लिए एससी-एसटी के विद्यार्थियों के लिए स्नातक में 45 फीसदी अंक अनिवार्य था. छात्र संगठनों ने इस फैसले का विरोध शुरू कर दिया है.अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने भी इसका विरोध किया है.
इस वर्ष से नामांकन के लिए झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद लेगी परीक्षा
नौ अप्रैल तक करना है आवेदन
राज्य के सभी सरकारी, गैरसरकारी बीएड कॉलेज में प्रवेश के लिए झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियाेगिता परीक्षा पर्षद द्वारा पहली बार संयुक्त नामांकन परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है. परीक्षा में शामिल होने को इच्छुक व योग्यताधारी विद्यार्थी नौ अप्रैल तक आवेदन कर सकते हैं. आवेदन की प्रक्रिया ऑनलाइन पूरी करनी होगी. परीक्षा में शामिल होने के लिए परीक्षा शुल्क के रूप में सामान्य श्रेणी के उम्मीदवार को 1000 रुपये, बीसी-वन और टू को 750 रुपये, एससी-एसटी तथा सभी श्रेणी की महिला उम्मीदवार को 500 रुपये देने होंगे.
पाठयक्रम की अवधि दो वर्ष की होगी. नामांकन में झारखंड सरकार की आरक्षण नीति प्रभावी होगी. झारखंड राज्य के विश्वविद्यालयों से उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के लिए 85 प्रतिशत सीटें रिजर्व रहेंगी, जबकि शेष 15 प्रतिशत सीटें खुली रहेंगी. मई के दूसरे सप्ताह में प्रवेश परीक्षा रांची के विभिन्न केंद्रों पर ली जायेगी. प्रवेश पत्र अॉनलाइन निर्गत किया जायेगा.
विद्यार्थी परिषद ने कहा बदलाव नहीं, तो आंदोलन
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने बीएड के नामांकन प्रक्रिया में किये गये बदलाव का विरोध किया है. परिषद के प्रदेश संगठन मंत्री याज्ञवलक्य शुक्ल ने कहा है कि बीएड कॉलेजों में नामांकन को लेकर जारी विज्ञप्ति को जल्द वापस लिया जाये. विद्यार्थी परिषद ने इस संबंध में मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री को ज्ञापन भी सौंपा है. अगर पूर्व की तरह एससी-एसटी विद्यार्थियों को अंक में छूट नहीं दिया गया, तो परिषद आंदोलन करेगा.