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झारखंड: पुलिस वाहन पर नक्सली हमला, चार जवान शहीद, हथियार लूटे, भाजपा नेता की गाड़ी पर भी फायरिंग

चौथे झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान 30 नवंबर को होना है. चुनाव शांतिपूर्ण और निष्पक्ष हो इसको लेकर डीजीपी कमल नयन चौबे शुक्रवार को रांची मुख्यालय में पड़ोसी पांच राज्यों के पुलिस के आला अधिकारियों के साथ रणनीति को अंतिम रूप दे रहे थे. इस बीच प्रतिबंधित संगठन भाकपा माओवादी की […]

चौथे झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान 30 नवंबर को होना है. चुनाव शांतिपूर्ण और निष्पक्ष हो इसको लेकर डीजीपी कमल नयन चौबे शुक्रवार को रांची मुख्यालय में पड़ोसी पांच राज्यों के पुलिस के आला अधिकारियों के साथ रणनीति को अंतिम रूप दे रहे थे. इस बीच प्रतिबंधित संगठन भाकपा माओवादी की कायरतापूर्ण कार्रवाई ने पुलिस की शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव की तैयारी पर सवालिया निशान लगा दिया. गौर करनेवाली बात यह है कि एक दिन पहले ही रांची में प्रेसवार्ता कर रहे मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील आरोड़ा ने कहा था कि आयोग ने झारखंड के अधिकारियों की रिपोर्ट देखी है और उनसे बातचीत की है. इससे ऐसा नहीं लगता है कि नक्सलवाद में कोई कमी आयी है. अधिकारियों ने तो यह भी आशंका जतायी है कि चुनाव प्रक्रिया बाधित करने के लिए इस बार नक्सली कोई नया तरीका इस्तेमाल कर सकते हैं. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा था कि शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव के लिए हम तैयार हैं और पर्याप्त संख्या में केंद्रीय बलों की तैनाती की गयी है.

रांची/चंदवा : लातेहार के चंदवा थाना से महज चार किमी दूर एनएच-75 पर लुकइया गांव के समीप (लोहरदगा जानेवाला रास्ता) पुलिस की रुकी हुई पीसीआर पर हमला कर दिया. वाहन पर ताबड़तोड़ फायरिंग की गयी. इसी दैरान वहां से गुजर रहे भाजपा के प्रदेश महामंत्री सुबोध सिंह गुड्डू का वाहन भी इस फायरिंग की जद में आ गया. हालांकि वह इससे बच कर निकलने में सफल रहे, पर गश्ती पर निकले पीसीआर के दारोगा सुकरा उरांव, पीसीआर के चालक यमुना राम और होमगार्ड जवान सिकंदर सिंह घटनास्थल पर ही शहीद हो गये. एक घायल होमगार्ड जवान शंभु प्रसाद को गंभीर अवस्था में बेहतर इलाज के लिए रांची लाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में चान्हो के पास ही उन्होंने भी दम तोड़ दिया. नक्सलियों ने पुलिसकर्मियों के हथियार भी लूट लिये हैं. इसमें एक पिस्टल और थ्री नॉट थ्री की तीन राइफल शामिल है. घटना से थोड़ी देर पहले पीसीआर पर सवार एक अन्य होमगार्ड जवान दिनेश राम पानी लाने के लिए उतरे थे. इससे वह नक्सलियों के हमले में बच गये.

घटना शुक्रवार की रात 8:05 बजे की है. पीसीआर पर नक्सलियों का यह पहला हमला है. इस वारदात को प्रतिबंधित संगठन भाकपा माओवादी के रवींद्र गंझू दस्ते ने अंजाम दिया है. घटना के बाद मौके पर सीआरपीएफ की टीम ने पहुंच कर मोर्चा संभाल लिया है.

सीआरपीएफ व नक्सलियों के बीच रुक-रुक कर फायरिंग भी हुई. इस बीच सबसे पहले घायल जवान शंभु प्रसाद व मृतक दारोगा सुकरा उरांव के शव को मौके से पुलिस एंबुलेंस में रखकर चंदवा थाना ले गयी. मौके पर फायरिंग जारी थी. इसी फायरिंग के बीच से पीसीआर चालक यमुना प्रसाद, होमगार्ड जवान सिकंदर सिंह व दिनेश राम के शव को मौके से एंबुलेंस पर चंदवा थाना लाया गया. देर रात तक कांबिंग ऑपरेशन जारी था. घटना की सूचना मिलने के बाद पलामू सह रांची रेंज के डीआइजी लातेहार से चंदवा के लिए प्रस्थान कर गये थे.

ये हुए शहीद
-दारोगा सुकरा उरांव (गुमला)
चालक यमुना राम (लेस्लीगंज, पलामू)
होमगार्ड जवान सिकंदर सिंह (लातेहार)
-होमगार्ड जवान शंभु प्रसाद (मनिका, लातेहार)

पुलिस की पीसीआर पर नक्सलियों ने हमला किया है. चार पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं. घटना कैसे हुई है इसको देखा जा रहा है. कांबिंग जारी है.
एवी होमकर, डीआइजी, पलामू सह रांची रेंज

विस चुनाव के दौरान हुए नक्सली वारदात

वर्ष घटनाएं

2005- 19

2009- 85

2014- 15

2019- 01

पीसीआर में होमगार्डों को रखने पर उठ रहे सवाल
चंदवा अति नक्सल थाना क्षेत्र माना जाता है. बावजूद इसके पीसीआर पर एक एसआइ के साथ चार होमगार्ड के जवानों को ड्यूटी पर लगाया गया था. यह पुलिस के स्तर से बड़ी चूक मानी जा रही है. जिला पुलिस व एसटीएफ की तरह होमगार्ड जवानों को नक्सलियों से मुठभेड़ की कोई ट्रेनिंग नहीं दी जाती. न ही उनसे ट्रेनिंग के दौरान अन्य बलों की तरह फायरिंग करायी जाती है. हमले में सुरक्षित बचे होमगार्ड जवान दिनेश राम से मामले में वरीय अधिकारी पूछताछ करेंगे.

एक माह से बड़ी वारदात की थी आशंका

जिस इलाके में घटना हुई है, वहां करीब एक माह से नक्सलियों की गतिविधियां ठप थीं. इससे अंदेशा लगाया जा रहा था कि नक्सली विधानसभा चुनाव के दौरान कहीं किसी वारदात को अंजाम दे सकते हैं. इसके बावजूद खुफिया और पुलिस के स्थानीय एसपीओ को नक्सलियों की गतिविधि की भनक तक नहीं लगी.

पत्नी को गिरफ्तार करने का लिया बदला

कुख्यात माओवादी रवींद्र गंझू की पत्नी ललिता देवी को पुलिस ने तीन-चार माह पूर्व गुमला से गिरफ्तार कर जेल भेजा था. वहीं, रवींद्र के घर को भी पुलिस ने कुर्क किया था. इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि पीसीआर पर हमला ललिता देवी की गिरफ्तारी का बदला लेने के लिए ही किया गया है.

थानेदार मोहन पांडेय के कार्यकाल में तीसरी घटना

चंदवा थाना प्रभारी मदन मोहन पांडेय के कार्यकाल में अब तक तीन घटनाएं हुई हैं. 11 जुलाई को टोरी कोल साइडिंग पर उग्रवादी संगठन जेजेएमपी ने हमला कर दो ट्रक व सात हाइवा में आग लगा दी थी. इसके बाद 14 सितंबर को आन गांव में जेसीबी में तोड़फोड़ व फायरिंग की वारदात को भी जेजेएमपी ने अंजाम दिया था. इसके बाद हुई इस तीसरी घटना में चार जवान शहीद हो गये. मोहन पांडेय तीन वर्ष से ज्यादा समय से लातेहार में हैं. इनको हटाने का निर्देश चुनाव आयोग ने दिया था. बावजूद इसके इन्हें नहीं हटाया गया.

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