रांची/नयी दिल्ली : राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को नोटिस भेजा. मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबड़े की अगुवाई वाली तीन जजों की खंडपीठ ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) की याचिका पर यह नोटिस जारी किया. लालू प्रसाद यादव को झारखंड हाइकोर्ट से मिली जमानत को सीबीआइ ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. इसी मामले में लालू प्रसाद को सर्वोच्च न्यायालय ने नोटिस जारी कर उनसे जवाब दाखिल करने के लिए कहा है.
सीबीआइ ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में कहा है कि झारखंड हाइकोर्ट ने लालू प्रसाद को दोषी ठहराने और उन्हें सजा देने के निचली अदालत के फैसले को निलंबित रखने और उनको जमानत पर रिहा करने का आदेश देकर त्रुटि की है. हाइकोर्ट ने देवघर कोषागार से 89.27 लाख रुपये की रकम धोखे से निकाले जाने के मामले में उन्हें जमानत पर रिहा करने का आदेश देते हुए कहा था कि वह अपनी साढ़े तीन साल की सजा की आधी अवधि जेल में बिता चुके हैं.
A three-judge bench of Supreme Court, headed by CJI Sharad Arvind Bobde, issues notice to Lalu Prasad Yadav, seeking a response from him on the appeal filed by the CBI which had moved the Apex Court challenging the bail granted to him by Jharkhand High Court. (file pic) pic.twitter.com/TJ852U4qxs
— ANI (@ANI) February 14, 2020
चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद यादव रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में सजा काट रहे हैं. बीमार होने की वजह से वह लंबे अरसे से रांची के रिम्स अस्पताल में भर्ती हैं. पिछले दिनों झारखंड हाइकोर्ट ने देवघर कोषागार से फर्जी कागजात के आधार पर निकासी के मामले में लालू प्रसाद को जमानत दे दी थी. हाइकोर्ट ने सजा की आधी अवधि जेल में गुजारने के आधार पर राजद सुप्रीमो को जमानत दी थी. सीबीआइ झारखंड हाइकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी.
दिसंबर, 2019 में झारखंड हाइकोर्ट ने दुमका कोषागार से निकासी के मामले में लालू प्रसाद यादव को दिसंबर, 2019 में जमानत देने से इन्कार कर दिया था. इस मामले में लालू प्रसाद के वकील ने बीमारी का हवाला देकर जमानत की याचिका दाखिल की थी. उल्लेखनीय है कि लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला के देवघर कोषागार से निकासी के मामले में सीबीआइ की विशेष अदालत ने 23 दिसंबर, 2017 को दोषी करार देते हुए साढ़े तीन साल की सजा सुनायी थी.
लालू प्रसाद की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें 17 मार्च, 2018 को पहले रिम्स और फिर दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था. कोर्ट ने उन्हें 11 मई को इलाज के लिए छह हफ्ते की जमानत दी. बाद में इसे बढ़ाकर 14 और फिर 27 अगस्त तक कर दिया. कोर्ट ने इसके बाद 30 अगस्त को लालू प्रसाद को कोर्ट में सरेंडर करने का निर्देश दिया. इसके बाद से बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो रिम्स में भर्ती हैं.
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि अविभाजित बिहार के सबसे बड़े घोटाला में दोषी करार दिये गये लालू प्रसाद यादव की सेहत को लेकर तरह-तरह की खबरें आती रही हैं. उनकी मेडिकल रिपोर्ट बताती है कि उनकी किडनी ठीक से काम नहीं कर रही. शुगर की भी समस्या है. उनके पुत्र तेजस्वी यादव समेत राजद के सभी नेता यह आरोप लगाते हैं कि लालू प्रसाद की चिकित्सा ठीक से नहीं हो रही. उन्हें बेहतर चिकित्सा की जरूरत है. हालांकि, रिम्स के डॉक्टरों का कहना है कि जो समस्या लालू प्रसाद को है, उसका इलाज यहां हो रहा है.