रांची : झारखंड में लगातार हो रही वर्षा के बावजूद कम से कम 17 जिले ऐसे हैं, जहां पर्याप्त बारिश नहीं हुई है. तीन जिलों (गुमला, देवघर और खूंटी) में 40 से 52 फीसदी तक कम वर्षा हुई है. गुमला जिला में आमतौर पर 1 जून, 2020 से 12 अगस्त, 2020 की सुबह 8 बजे तक 703 मिलीमीटर वर्षा होनी चाहिए थी, लेकिन इस वर्ष इस अवधि में मात्र 339.1 फीसदी बारिश हुई. यह सामान्य वर्षापात से 52 फीसदी कम है. राज्य में इस वक्त तक सबसे कम वर्षा गुमला में ही हुई है.
बाबा नगरी देवघर में इस वर्ष सामान्य से 47 फीसदी कम वर्षा हुई है, तो राजधानी रांची से सटे उग्रवाद प्रभावित जिला खूंटी में 40 फीसदी कम बरसा है मानसून. तीन जिलों (पाकुड़, साहिबगंज और सरायकेला-खरसावां) में 30 फीसदी से कम वर्षा हुई है. पाकुड़ में 12 अगस्त तक आमतौर पर 713 मिमी वर्षा होनी चाहिए थी, जबकि हुई है मात्र 456.3 मिलीमीटर. यह सामान्य से 36 फीसदी कम वर्षा है.
साहिबगंज में सामान्य से सामान्य वर्षा 756 मिमी की तुलना में 502.2 मिमी वर्षा हुई है. यह सामान्य से 34 फीसदी कम है. कोल्हान प्रमंडल के सरायकेला-खरसावां जिला में 662.5 मिमी के मुकाबले इस वर्ष सिर्फ 452.6 मिमी वर्षा अब तक हुई है. यह सामान्य से 32 फीसदी कम है.
Also Read: Weather Alert Jharkhand: मौसम विभाग ने झारखंड के इन जिलों में वर्षा और वज्रपात की चेतावनी दी, भूल कर भी किसान न करें ये कामराज्य के 5 जिले ऐसे हैं, जहां सामान्य से 20 फीसदी और उससे कम वर्षा हुई है. बोकारो जिला में सामान्य से 23 फीसदी कम वर्षा हुई है, तो चतरा में 24 और पश्चिमी सिंहभूम में 23 फीसदी कम बारिश हुई है. इसी तरह, 5 जिलों में मानसून के दौरान अब तक 20 फीसदी से कम वर्षा हुई है. ऐसे जिलों में सिमडेगा, रांची, गोड्डा, गिरिडीह और धनबाद जिला शामिल हैं.
रांची में मानसून के दौरान 12 अगस्त तक 664.8 मिमी वर्षा होती है, जबकि इस वर्ष 575.3 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य से 13 फीसदी कम है. सिमडेगा में 816.5 मिमी के मुकाबले वास्तविक वर्मा 658.1 मिमी मापी गयी है, जो मानसून के दौरान होने वाली सामान्य वर्षा से 19 फीसदी कम है. गोड्डा में अब तक 17 फीसदी कम बरसा है मानसून. यहां 12 अगस्त तक 566.1 मिमी वर्षा होनी चाहिए थी, जबकि वास्तविक वर्षा 472.1 मिमी मापी गयी है.
कोयला नगरी धनबाद की बात करें, तो यहां 14 फीसदी कम वर्षा इस साल हुई है. यहां 661.9 मिमी वर्षा को सामान्य वर्षापात माना जाता है. इस वर्ष यहां 569.1 मिमी वर्षा हुई है, जो बारिश में 14 फीसदी कमी दर्शाता है. इसी तरह, गिरिडीह में भी 14 फीसदी कम वर्षा दर्ज की गयी है. यहां मानसून में 12 मार्च तक आमतौर पर 605.3 मिमी वर्षा होनी चाहिए थी, जबकि वास्तविक वर्षा 522.5 मिमी ही हुई है.
झारखंड के तीन जिले ऐसे भी हैं, जहां 10 फीसदी से कम वर्षा हुई है. इन जिलों में गढ़वा, हजारीबाग एवं जामताड़ा जिला शामिल हैं. गढ़वा में सामान्य से 5 फीसदी कम वर्षा हुई है, तो हजारीबाग में 4 और जामताड़ा में 8 फीसदी कम वर्षा हुई है. हालांकि, 10 फीसदी की कमी-बेसी को सामान्य मानसून ही माना जाता है.
उधर, 7 ऐसे जिले हैं, जहां मानसून मेहरबान रहा. इन जिलों में सामान्य या सामान्य से अधिक वर्षा हुई है. ऐसे जिलों में दुमका, पूर्वी सिंहभूम, कोडरमा, लोहरदगा, लातेहार, पलामू एवं रामगढ़ शामिल हैं. इन जिलों में 2 फीसदी से लेकर 32 फीसदी तक अधिक वर्षा हुई है. मानसून के दौरान सामान्य से सबसे अधिक वर्षा पलामू जिला में हुई. यहां मानसून की बारिश सामान्य से 32 फीसदी अधिक रही.
पलामू जिला में मानसून के दौरान 12 अगस्त तक आमतौर पर 512.2 मिमी वर्षा को सामान्य मानसून माना जाता है. वर्ष 2020 में इस जिला में अब तक 681.6 मिमी वर्षा हुई है, जो सामान्य से 32 फीसदी अधिक है. इसी तरह लातेहार जिला पर भी इस बार मानसून मेहरबान है. यहां सामान्य वर्षापात 639.4 मिमी के मुकाबले 789.9 मिमी वर्षा हुई है, जो 24 फीसदी अधिक है.
अब बात करें, रामगढ़ जिला की, तो यहां 622.1 मिमी वर्षा को सामान्य मानसून माना जाता है. लेकिन, इस वर्ष यहां 755.3 मिमी वर्षा अब तक हो चुकी है, जो सामान्य से 21 फीसदी ज्यादा है. झारखंड की उप-राजधानी दुमका में भी इस साल ठीक-ठाक बारिश अब तक हुई है. यहां 692.8 मिमी वर्षा दर्ज की गयी है, जो सामान्य वर्षापात 643.7 मिमी के मुकाबले 8 फीसदी अधिक है.
पूर्वी सिंहभूम में अब तक 5 फीसदी अधिक वर्षा हुई है. यहां 684.9 मिमी को सामान्य वर्षापात माना जाता है, लेकिन इस साल 716.8 मिमी वर्षा दर्ज की गयी है. कोडरमा और लोहरदगा में 2-2 फीसदी अधिक वर्षा हुई है. कोडरमा में सामान्य वर्षापात 517.6 मिमी के मुकाबले 527.7 मिमी वर्षा हुई है, तो लोहरदगा में 614.5 मिमी के मुकाबले 625.6 मिमी वर्षा हुई है.
इस तरह, राज्य के 24 में से 9 जिलों में सामान्य की तुलना में कम वर्षा हुई है. 7 जिलों में सामान्य वर्षा हुई है और यदि बाकी जिलों में आने वाले दिनों में अच्छी-खासी बारिश नहीं हुई, तो कई और जिले अल्पवृष्टि वाले जिलों में शामिल हो जायेंगे. कोडरमा, लोहरदगा, पूर्वी सिंहभूम और हजारीबाग ऐसे ही जिले हैं. कुल मिलाकर पूरे झारखंड में अब तक 14 फीसदी कम वर्षा हुई है.
Also Read: Coronavirus In Jharkhand LIVE Update : महेंद्र सिंह धौनी की हुई कोरोना जांच, आज ही आ जायेगी रिपोर्टयहां बताना प्रासंगिक होगा कि अप्रैल, 2020 में झारखंड सरकार ने सूबे के 7 जिलों (बोकारो, चतरा, पाकुड़, देवघर, गिरिडीह, गोड्डा और हजारीबाग) के 55 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित किया था. यदि मानसून की रफ्तार नहीं बढ़ी, तो इस साल भी कई जिलों को सूखाग्रस्त घोषित करने की नौबत आ जायेगी.
Posted By : Mithilesh Jha