रांची : कंधे पर बोरा, पैर में हवाई चप्पल पहने अंडमान से 180 प्रवासी मजूदर शनिवार को रांची के बिरसा मुुंडा एयरपोर्ट पहुंचे. इंडिगो के विशेष विमान से आये मजदूरों की टर्मिनल बिल्डिंग के अंदर थर्मल स्क्रीनिंग की गयी. इसके बाद जिला प्रशासन द्वारा भोजन का पैकेट दिया गया. फिर, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए उन्हें विभिन्न जिलों के लिए बसों से रवाना किया गया.
अंडमान से आये मजदूरों में बोकारो का एक, गिरिडीह का एक, गोड्डा के तीन, साहेबगंज के 22, दुमका के 33, पाकुड़ के सात, सिमडेगा के 22, कोडरमा के दो, पलामू के तीन समेत कुल 180 शामिल हैं. अंडमान से आये प्रवासी मजदूर मकई पहाड़ी से बताया कि अंडमान में सड़क निर्माण कार्य में काम करने के लिए गया था.
लॉकडाउन के कारण काम बंद हो गया. जो पैसा था, वह खाने-पीने में खर्च हो गया. राज्य सरकार ने अच्छी पहल की कि हम मजदूरों को विमान से रांची लेकर आयी. मुझे उम्मीद नहीं थी कि कभी हवाई जहाज से यात्रा करेंगे.
जीवन में पहली बार हवाई यात्रा का मौका मिला, बहुत अच्छा लगा. मजदूरों के स्वागत में आये थे मिथिलेश ठाकुर व स्टिफन मरांडी बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर मजदूरों के स्वागत के लिए मंत्री मिथिलेश ठाकुर व विधायक स्टीफन मरांडी पहुंचे थे. श्री ठाकुर ने प्रवासी मजदूरों से बातचीत की और उनका हालचाल जाना.
मंत्री ने कहा कि देश के अन्य स्थानों पर फंसे प्रवासी मजदूरों को भी वापस लाने की व्यवस्था की जा रही है. इसके लिए केंद्र सरकार के साथ समन्यव बना कर कार्य किया जा रहा है. अब तक झारखंड में विशेष ट्रेनों और बसों के माध्यम से लगभग पांच लाख मजदूरों को वापस लाया जा चुका है.
अन्य राज्यों में भी जहां झारखंड के लोग फंसे हुए हैं, राज्य सरकार लगातार समन्वय बना कर काम कर रही है. झारखंड देश का पहला राज्य है, जहां मजदूरों को हवाई जहाज से लाया जा रहा है. वहीं, विधायक स्टीफन मरांडी ने कहा कि आज वे गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं कि मजदूरों को दुर्गम स्थान से हवाई जहाज से लाया जा रहा है.