Baba Baidyanath Darshan News, Jharkhand News: रांची : झारखंड में स्थित द्वादश ज्योतिर्लिंग में एक विश्वप्रसिद्ध बाबा बैद्यनाथ एवं बासुकिनाथ के कपाट खुल गये हैं. हेमंत सोरेन की सरकार ने इसका आदेश जारी कर दिया है. इसके साथ ही एक शर्त भी लगा दी है. सरकार ने शर्त लगायी है कि देवघर में सिर्फ देवघर के 200 स्थानीय लोग दर्शन कर पायेंगे, जबकि बासुकिनाथ में दुमका जिला के 160 स्थानीय लोग ही भगवान भोलेनाथ को जलार्पण कर पायेंगे.
इस तरह झारखंड के 360 लोगों के लिए हर दिन बाबा बैद्यनाथ और बाबा बासुकिनाथ के दर्शन करने का रास्ता साफ हो गया. इसमें 200 लोग देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ के मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे, जबकि 160 लोग बाबा बासुकिनाथ के दर्शन का लाभ ले सकेंगे. सरकार ने इस संबंध में बुधवार (26 अगस्त, 2020) को आदेश जारी कर दिया.
देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ और दुमका जिला स्थित बासुकिनाथ मंदिर का हर रोज झारखंड में रहनेवाले श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे. पहले की तरह स्पर्श पूजा नहीं कर पायेंगे. सुप्रीम कोर्ट और संबंधित जिला प्रशासन के प्रस्ताव पर राज्य स्तरीय कमेटी के निर्णय के बाद गृह विभाग ने इस संबंध में बुधवार को आदेश जारी कर दिया.
Also Read: शादी का झांसा देकर आदिवासी महिला सब-इंस्पेक्टर से 6 महीने तक शारीरिक संबंध बनाने वाला सिपाही मेराज अंसारी गिरफ्तार, मांडू थाना प्रभारी सस्पेंडआदेश के तहत दोनों ही मंदिरों में प्रतिदिन चार घंटे ही दर्शन की अनुमति दी गयी है. बैद्यनाथ मंदिर में हर दिन प्रति घंटे 50 श्रद्धालु और बासुकिनाथ मंदिर में 40 श्रद्धालुओं को दर्शन करने की अनुमति जिला प्रशासन देगा. साथ ही कहा गया है कि संबंधित जिला प्रशासन यह सुनिश्चित कराये कि हर घंटे संख्या में इजाफा नहीं होने पाये.
मंदिरों में ऑनलाइन इंट्री पास के जरिये प्रवेश की बात कही गयी है. आदेश में कोरोना को लेकर केंद्र सरकार, डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के निर्देशों के अलावा मंदिर में सोशल डिस्टैंसिंग, मास्क, सैनिटाइजेशन आदि का पालन भी करने को कहा गया है. गृह विभाग के संयुक्त सचिव मनीष तिवारी ने इस संबंध में देवघर व दुमका डीसी को पत्र भेज दिया है.
कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से घोषित लॉकडाउन के कारण देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ और दुमका में स्थित बासुकिनाथ के मंदिरों के कपाट बंद कर दिये गये थे. विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला भी इस बार नहीं लगा. अब तक के इतिहास में पहला मौका है, जब श्रावण महीने में कांवरियों को जलाभिषेक करने की अनुमति नहीं दी गयी.
गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे ने झारखंड हाइकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर यह मांग की थी कि लोगों को श्रावण महीने में सोशल डिस्टैंसिंग और लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए बाबा बैद्यनाथ की नगरी में प्रवेश करने और जलाभिषेक करने की अनुमति दी जाये. लेकिन, सरकार ने ऐसा करने में असमर्थता जतायी.
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इसके बाद देवघर जिला प्रशासन ने फेसबुक, यू-ट्यूब एवं झारटीवी पर बाबा के पूजन, शृंगार और आरती के लाइव प्रसारण की व्यवस्था की. साथ ही कुछ निजी न्यूज टेलीविजन चैनल को भी पूजन-शृंगार एवं आरती के सीधा प्रसारण की अनुमति दी. श्रावण मास में लाखों लोगों ने बाबा बैद्यनाथ के वर्चुअल दर्शन किये.
वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा कि ऑनलाइन या वर्चुअल दर्शन कोई दर्शन नहीं होता. सरकार कोई ऐसा रास्ता निकाले, ताकि भक्त मंदिर में जाकर अपने आराध्य के दर्शन कर सकें. उनका पूजन कर सकें. इसके बाद श्रावण के आखिरी सोमवार, जो महीने का आखिरी दिन भी था, कुछ स्थानीय श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी.
Posted By : Mithilesh Jha