Jharkhand news: लोहरदगा में साइंस फिल्म फेस्टिवल का आयोजन आगामी 29 अप्रैल से एक मई, 2022 तक किया जा रहा है. इस फिल्म फेस्टिवल में झारखंड के साथ- साथ कई दूसरे राज्यों से भी लोग शामिल होंगे. फिल्म फेस्टिवल का उद्देश्य युवाओं को फिल्म के प्रति जागरुक करना और वो समझ विकसित करना है जिसके माध्यम से फिल्म की समझ और इस दिशा में काम करने के प्रति रुचि बढ़े. इस फिल्म फेस्टिवल में 30 से 35 फिल्में आमंत्रित की गयी है, जिनका चयन किया जायेगा. जो फिल्में तय मानकों पर खरी उतरेंगी उन्हें ही इस फेस्टिवल में शामिल किया जायेगा. इस बात की जानकारी साइंस फॉर सोसायटी, झारखंड के महासचिव डीएनएस आनंद ने दी.
फिल्म के साथ कार्यशाला का होगा आयोजन
श्री आनंद ने कहा कि आगामी 29 अप्रैल से शुरू हो रहे तीन दिवसीय इस साइंस फिल्म फेस्टिवल में फिल्मों के साथ-साथ कार्यशाला का भी आयोजन होगा. यह आयोजन लोहरदगा के शीला अग्रवाल सरस्वती विद्या मंदिर परिसर में होगा. इस फेस्टिवल के माध्यम से जहां युवाओं को फिल्म संबंधी बारिकियों की जानकारी दी जायेगी, वहीं मास्टर क्लास भी होगी जिसमें एक्सपर्ट और अनुभवी लोग शामिल होंगे. इसके अलावा सामाजिक मुद्दे, संवाद और अच्छी समझ विकसित हो इसके भी प्रयास किये जा रहे हैं. कहा कि हमारी कोशिश है कि हम एक बेहतर मंच बनाकर इसे आगे भी इसी तरह जारी रख सकें.
हिंदी, अंग्रेजी और क्षेत्रीय भाषा में दिखाई जाएगी फिल्में
उन्होंने कहा कि इस फिल्म फेस्टिवल में झारखंड समेत देश-विदेश की विभिन्न श्रेणियों की फिल्में जैसे- डॉक्यूमेंट्री, फिक्शन, शॉर्ट फिल्म, एनिमेटेड फिल्म दिखाई जाएंगी. ये फिल्में हिंदी के अलावा अंग्रेजी और क्षेत्रीय भाषा में होंगी. इसमें प्रसिद्ध फिल्मकारों के अलावा युवा फिल्म निर्माताओं की भी भागीदारी होगी, जो अपनी फिल्मों के प्रदर्शन की स्क्रीनिगं के बाद उपस्थित दर्शकों से चर्चा भी करेंगे.
फिल्म के जरिए कई समस्याओं के हल करने के तरीके बताये जाएंगे
श्री आनंद ने कहा कि हम लंबे समय से इस आयोजन की योजना बना रहे थे. राज्य में इस आयोजन से फिल्म को लेकर समझ बढ़ेगी. वहीं, दूसरे राज्यों से लोग आयेंगे, तो कई जानकारियां एक-दूसरे के साथ साझा होंगी. साइंस फिल्म फेस्टिवल के नाम पर उन्होंने कहा कि लोग यह ना समझें कि इसमें अंतरिक्ष विज्ञान और रसायन के गुर रहस्यों की बात होगी, बल्कि इस फेस्टिवल के माध्यम से साधारण और सरल भाषा से कई मुद्दे और समस्याओं के हल को फिल्म के जरिए दिखाने की कोशिश होगी.
कम खर्च में बेहतर आयोजन पर जोर
इस फिल्म फेस्टिवल के लिए रांची या जमेशेदपुर जैसे बड़े शहरों को क्यों नहीं चुना गया? इस सवाल पर श्री आनंद ने कहा कि हम इस फेस्टिवल के लिए जगह को लेकर लंबे समय तक असमंजस में रहे. गहरे मंथन के बाद हमने लोहरदगा को चुना क्योंकि हमें किसी बड़े कॉरपोरेट घराने से फंडिंग नहीं हो रही और ना ही सरकार हमें पैसा दे रही है. हम कम से कम खर्च में बेहतर आयोजन करना चाहते थे. साथ ही हमारी ये भी कोशिश थी कि दूसरे राज्यों से आ रहे लोगों को परेशानी ना हो. हजारीबाग सहित कई नामों की चर्चा के बाद हमने लोहरदगा में इसे करना तय कर दिया.
Posted By: Samir Ranjan.