Jharkhand News: झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ में सातवीं से दसवीं जेपीएससी संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा की पीटी में आरक्षण मामले को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई हुई. इस दौरान खंडपीठ ने जेपीएससी से पूछा कि अनारक्षित वर्ग के 114 रिक्ति के विरुद्ध 15 गुना रिजल्ट क्यों नहीं दिया गया. इस बाबत शपथ पत्र दायर करें. इस मामले की अगली सुनवाई 25 जनवरी को होगी.
सातवीं से दसवीं जेपीएससी संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा की पीटी में आरक्षण का लाभ दिया गया है या नहीं. यदि आरक्षण का लाभ दिया गया है तो कितने सामान्य कैटेगरी के सेलेक्ट हुए हैं. अन्य कैटेगरी के कितने अभ्यर्थी सफल हुए हैं. इसकी जानकारी उपलब्ध करायें. कोटिवार कट ऑफ मार्क्स की जानकारी दें. अनारक्षित वर्ग की रिक्ति के अनुसार 15 गुना रिजल्ट अर्थात 1710 अभ्यर्थी को सफल होना चाहिए था, लेकिन 768 अभ्यर्थी ही सफल क्यों हुए. शपथ पत्र में स्पष्ट जानकारी दें. त्रुटिपूर्ण शपथ पत्र नहीं होना चाहिए.
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प्रार्थी कुमार सन्यम की ओर से अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पक्ष रखते हुए खंडपीठ को बताया कि नियमावली व विज्ञापन में कहीं भी प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) में आरक्षण का लाभ देने की बात नहीं कही गई है. इसके बावजूद जेपीएससी ने पीटी में आरक्षण का लाभ देते हुए रिजल्ट निकाला है. इसमें सामान्य कैटेगरी के 114 सीट के विरुद्ध 15 गुना अर्थात 1710 अभ्यर्थी को सफल होना चाहिए था, लेकिन 768 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया है. शेष पदों पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए हैं. जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता एके दास ने पक्ष रखा. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी कुमार सन्यम ने याचिका दायर कर सातवीं से दसवीं जेपीएससी के पीटी में आरक्षण का लाभ देने को चुनौती दी है.
रिपोर्ट: राणा प्रताप