रांची, राणा प्रताप : बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआइ) ने प्राप्त शिकायतों को देखते हुए बिहार स्टेट बार काउंसिल से पूछा है कि क्यों नहीं जारी चुनाव अधिसूचना को रद्द कर दिया जाये. पांच नवंबर को या उससे पहले जवाब देने का निर्देश दिया है. ऐसा नहीं होने पर एकपक्षीय आदेश पारित किया जा सकता है. शिकायतकर्ताओं ने बिहार राज्य बार काउंसिल की चुनाव अधिसूचना के संचालन पर रोक लगाने के लिए एक अंतरिम आदेश देने का भी अनुरोध किया है. फिलहाल कोई स्थगन नहीं दिया जा सकता, तथापि अगली तिथि को स्पष्टीकरण प्राप्त होने के बाद इस अनुरोध पर विचार किया जायेगा. बीसीआइ इस मामले की सुनवाई करेगी और मामले की तात्कालिकता व महत्व को ध्यान में रखते हुए अंतिम निर्णय के लिए जल्द से जल्द केंद्रीय चुनाव न्यायाधीकरण संख्या-3 (संबंधित न्यायाधीकरण) को अपनी सिफारिशें देगी. यदि केंद्रीय चुनाव न्यायाधीकरण उचित समझे तो अनिवार्य नियम-32 के उल्लंघन के लिए बिहार स्टेट बार काउंसिल के चुनावों को रद्द कर सकता है. प्रस्ताव का यह हिस्सा इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए लिया जा रहा है कि बिहार राज्य बार काउंसिल ने अधिसूचना जारी कर दी है और इसलिए अधिकार क्षेत्र केवल ट्रिब्यूनल के पास होगा. उल्लेखनीय है कि बिहार काउंसिल ने चुनाव के लिए अधिसूचना जारी की है. चुनाव 11 दिसंबर 2023 को होना है. इस संबंध में बीसीआइ के सचिव श्रीमंतो सेन के हस्ताक्षर से देश भर के सभी स्टेट बार काउंसिल को पत्र भेज कर सूचित किया गया है. पत्र में कहा गया है कि स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष से अनुरोध किया गया हैं कि वे अधिवक्ताओं के सत्यापन के मामले में व्यक्तिगत रुचि लें. बार काउंसिल स्वयं भी मासिक आधार पर सत्यापन की प्रक्रिया की निगरानी करें और यह सुनिश्चित करें कि अगली तारीख तक हर महीने कम से कम 10,000 से 20,000 प्रमाण पत्र सत्यापित हो. प्रगति रिपोर्ट बार काउंसिल ऑफ इंडिया को भेजा जाये.
कहा गया है कि अधिवक्ताओं के सत्यापन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही स्टेट बार काउंसिल का चुनाव कराया जाये. ऐसा नहीं होने पर काउंसिल को भंग कर एडहॉक कमेटी बना दी जायेगी. उधर बीसीआइ के निर्देश के बाद झारखंड स्टेट काउंसिल के अध्यक्ष ने चल रही चुनाव प्रक्रिया को तत्काल स्थगित कर दिया है.
पांच वर्ष में झारखंड के सिर्फ 11019 अधिवक्ता का ही हुआ सत्यापन, 34,268 अधिवक्ता सूचीबद्ध
झारखंड स्टेट बार काउंसिल में सूचीबद्ध अधिवक्ताअों के सत्यापन का कार्य काफी धीमी गति से चल रहा है. जानकारी के अनुसार झारखंड में अब तक 11019 अधिवक्ताअों का ही सत्यापन हुआ है, जबकि काउंसिल में 34,268 अधिवक्ता सूचीबद्ध हैं. वेरीफिकेशन रूल-2015 के तहत 16744 अधिवक्ताअों ने वेरीफिकेशन तथा 32 वरीय अधिवक्ताओं ने डिक्लेरेशन संबंधी आवेदन दिया है. देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों व बोर्ड को सत्यापन के लिए 20880 सर्टिफिकेट भेजा गया है. 8000 से अधिक अधिवक्ताअों ने सत्यापन के लिए अब तक काउंसिल को आवेदन ही नहीं किया है. सत्यापन की प्रक्रिया पूरी नहीं होने से काउंसिल का चुनाव भी नहीं हो सकेगा.
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बीसीआइ ने बिहार स्टेट बार काउंसिल से पूछा : क्यों नहीं जारी चुनाव अधिसूचना को रद्द कर दिया जाये
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पांच नवंबर को या उससे पहले जवाब देने का निर्देश. ऐसा नहीं होने पर एकपक्षीय आदेश पारित करने की चेतावनी
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सत्यापन को तेज करें सभी स्टेट बार काउंसिल, प्रत्येक माह करें समीक्षा
बीसीआइ के पत्र के बाद हमने चुनाव प्रक्रिया के तहत वोटर लिस्ट बनाने के कार्य को तत्काल स्थगित कर दिया है. सत्यापन कार्य तेज किया जायेगा. बोर्ड व विश्वविद्यालय को रिमाइंडर भेज कर 12000 से अधिक लंबित सर्टिफिकेट सत्यापन के लिए कहा जायेगा. जिन अधिवक्ताओं ने सत्यापन के लिए आवेदन नहीं दिया है, उन्हें पुन: आवेदन के लिए समय दिया जायेगा.
राजेंद्र कृष्ण, अध्यक्ष झारखंड स्टेट बार काउंसिल