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झारखंड में गोमुक्तिधाम का शिलान्यास, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने की घोषणा, जल्द बनेगा पशुपालन विश्वविद्यालय

कृषि मंत्री बादल ने कहा कि प्रमंडल स्तर पर गोमुक्तिधाम के साथ सभी जिलों में भी गोमुक्तिधाम का निर्माण कराया जाएगा. पशु चिकित्सालय के लिए जल्द ही एंबुलेंस की व्यवस्था की जा रही है. यह पशुपालन के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि होगी. जल्द ही पशुपालन यूनिवर्सिटी भी राज्य में बनाई जाएगी.

Jharkhand News: झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राज्य के किसानों और पशुपालकों को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने के लिए कई योजनाओं को आकार देने का प्रयास जारी है. उसी कड़ी में सरकार द्वारा पहली बार गोमुक्तिधाम का शिलान्यास पायलट प्रोजेक्ट के रूप में किया गया. हेसाग स्थित पशुपालन भवन में आयोजित पशु मेला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में ऑनलाइन जुड़कर उन्होंने कहा कि जल्द ही पशुपालन विश्वविद्यालय बनाया जाएगा. कृषि सचिव ने राज्य के पशुपालकों के लिए वेबसाइट लॉन्च की. इस वेबसाइट के माध्यम से राज्य के पशुपालकों के पशुधन से संबंधित सभी जानकारी उपलब्ध हो सकेगी.

100 पशु अस्पताल होंगे अपग्रेड

कृषि मंत्री बादल ने कहा कि प्रमंडल स्तर पर गोमुक्तिधाम के साथ सभी जिलों में भी गोमुक्तिधाम का निर्माण कराया जाएगा. इस संबंध में सभी जिलों के उपायुक्तों से जमीन चिह्नित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. पशु चिकित्सालय के लिए जल्द ही एंबुलेंस की व्यवस्था की जा रही है. यह पशुपालन के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि होगी. साथ ही सरकार राज्य के 100 पशु अस्पतालों को अपग्रेड कर उन्हें मॉडल एनिमल हॉस्पिटल बनाने जा रही है और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि अस्पताल में 24 घंटे डॉक्टर उपलब्ध रहें. कृषि मंत्री ने कहा कि जल्द ही पशुपालन यूनिवर्सिटी भी राज्य में बनाई जाएगी. उन्होंने कहा कि वर्तमान में 42,000 परिवार दुग्ध उत्पादन से जुड़े हैं. हमारा लक्ष्य है कि 1,00,000 परिवारों को दुग्ध उत्पादन से जोड़ा जाए. सरकार का लक्ष्य है कि अभी राज्य में उत्पादित 1.8 लाख लीटर दूध का उत्पादन 5 लाख लीटर तक सुनिश्चित किया जाए.

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पशु वैक्सीनेशन को लेकर पशुपालकों को करें जागरूक

कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के सचिव अबू बकर सिद्दीकी ने कहा कि पशु वैक्सीनेशन राज्य में काफी कम है और मांग के अनुरूप वैक्सीनेशन की आपूर्ति के बीच समन्वय बैठाना हम सबके लिए जरूरी है. प्रशिक्षित लोगों के साथ ज्यादा से ज्यादा स्वयंसेवी संस्थाओं को वैक्सीनेशन कार्यक्रम से जोड़ें, ताकि ग्रामीण स्तर पर पशुओं को वैक्सीनेट किया जा सके. उन्होंने कहा कि लोगों को जाकर वैक्सीनेशन का फायदा बताएं, उन्हें जागरूक करें और उन्हें यह समझाएं कि रोकथाम ही एकमात्र उपाय है. विभागीय सचिव ने कहा कि कृत्रिम गर्भाधान के प्रति किसानों को जागरूक करें, उन्हें समझाएं कि कृत्रिम गर्भाधान से हाइब्रिड क्वालिटी प्राप्त होती है. पशुपालन निदेशक शशि प्रकाश झा ने कहा कि राज्य में पशुपालन विभाग द्वारा प्रत्येक पंचायत में दो दिवसीय पशु स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जाता है. साथ ही प्रत्येक जिला में दुग्ध संग्रहण के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा 2 रुपये प्रति लीटर दुग्ध उत्पादकों को प्रोत्साहन राशि दी जाती है, जिसकी वजह से दुग्ध संग्रहण में 40% की अप्रत्याशित वृद्धि हुई है.

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पशुपालकों के लिए वेबसाइट लॉन्च

कृषि सचिव ने राज्य के पशुपालकों के लिए वेबसाइट लॉन्च की. इस वेबसाइट के माध्यम से राज्य के पशुपालकों के पशुधन से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी उपलब्ध हो सकेगी. यह मेला हेसाग में 2 फरवरी तक चलेगा. 3 फरवरी से राज्य के सभी जिलों में एक सप्ताह तक मेले का आयोजन किया जाएगा. कार्यक्रम के दौरान कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के पशुपालन प्रभाग की डायरी का विमोचन किया गया. 51 कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ताओं को प्रशस्ति पत्र भी वितरित किए गए. विभागीय सचिव ने 3 व्यक्तियों को तीन जोड़ा बैल का वितरण भी किया. कार्यक्रम में मुख्य रूप से मृत्युंजय बरनवाल, मत्स्य निदेशक एचएन द्विवेदी, विशेष सचिव प्रदीप हजारे, को-ऑपरेटिव बैंक के सीईओ सहित बड़ी संख्या में पशुपालक उपस्थित थे.

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