कोरोना काल समाप्त होने के बाद लोगों ने इस वर्ष दोगुने उत्साह के साथ दिवाली मनायी और जम कर पटाखे फोड़े. नतीजतन, राजधानी में दो दिनों में प्रदूषण का स्तर भी दोगुना हो गया. राज्य प्रदूषण बोर्ड ने दिवाली की रात राजधानी के दो प्रमुख चौराहों- अलबर्ट एक्का चौक और बिरसा चौक पर वायु प्रदूषण की स्थिति का आकलन कराया था.
बिरसा चौक में पीएम-10 की मात्रा दिवाली के दो दिन पूर्व (22 अक्तूबर) को 161 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर थी, जो दिवाली की रात 361 पहुंच गयी थी. वहीं एसओ-2 और एनओ-2 की मात्रा भी दोगुनी हो गयी थी. पटाखों की वजह से हवा में पीएम-10 पीएम-2.5 की मात्रा बहुत अधिक हो गयी थी. वहीं, अलबर्ट एक्का चौक पर पीएम-2.5 और पीएम-10 की मात्रा भी बहुत अधिक हो गयी थी.
दिवाली से पहले नाइट्रोजन ऑक्साइड (एनओ-2) की मात्रा 21 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के आसपास थी, जो दिवाली की रात 44 हो गयी थी. प्रदूषण बोर्ड के संजय श्रीवास्तव ने कहा कि दिवाली की वजह से पीएम-10 और पीएम-2.5 की मात्रा सामान्य से बहुत अधिक हो गयी थी.
दिवाली की रात बीते साल की तुलना में सबसे अधिक आवाज वाले पटाखे फोड़े गये. सबसे अधिक ध्वनि प्रदूषण अलबर्ट एक्का चौक के आसपास रहा. यहां अधिकतम 90 डेसीबल तक ध्वनि प्रदूषण हुआ. 2020 में अधिकतम 89 डेसीबल (डीबी) का ध्वनि प्रदूषण हुआ था.
स्थान वर्ष 2019 वर्ष 2020 वर्ष 2021 वर्ष 2022
हाइकोर्ट के आसपास 83.0 70.7 71.6 83.1
अलबर्ट एक्का चौक 79.9 89.2 80.4 90.4
कचहरी 79.0 81.0 86.6 84.2
अशोक नगर 77.0 87.0 79.6 70.2
स्थान एसओ 2 एनओ 2 पीएम10 पीएम 2.5
बिरसा चौक (दिवाली के दिन) 47.34 66.51 361.91 190.8
बिरसा चौक (22 अक्तूबर को) 18.97 30.01 161.14 100.8
(स्टैंडर्ड लिमिट : एसओ और एनओ का 80 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर व पीएम-10 व पीएम-2.5 का 100 तथा क्रमश: 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर है.)