रांची. अरगोड़ा थाना में 15 जून को हुई मारपीट के मामले में पीड़ित युवक विनोद कुमार सिन्हा पर गैर जमानती धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. यूं कहें कि विनोद को जेल भेजने की पुलिस ने तैयारी कर ली है. पूर्व थाना प्रभारी संजय कुमार व मुंशी उपेंद्र कुमार ने विनोद सिन्हा पर हाथापाई, गाली-गलौज तथा सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप लगाते हुए गैर जमानतीय धारा के तहत प्राथमिकी दर्ज करायी है. जानकारी के अनुसार, इस धारा के आधार पर भुक्तभोगी को गिरफ्तार कर तुरंत जेल भेजा जा सकता है.
तीन महीना के पूर्व जमानत नहीं हो सकती
सरकारी कामकाज में बाधा डालने के आरोप में भादवि की धारा-353 के तहत जेल जाने के बाद तीन महीना के पूर्व जमानत नहीं हो सकती है. इस प्राथमिकी में पूर्व थाना प्रभारी ने स्वयं सहित दोनों पुलिसकर्मियों को साफ तौर पर बचा लिया है. विनोद सिन्हा हरमू के पटेल चौक के समीप के रहनेवाले हैं. इधर, विनोद सिन्हा के आवेदन पर पुलिस के खिलाफ साधारण मारपीट व गाली- गलौज की धारा के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है, जो कि जमानतीय धारा है. इसमें दोनों को आसानी से जमानत मिल जायेगी.
क्या है मामला
घटना पिछले 15 जून की है. अपने आवेदन में विनोद सिन्हा ने लिखा है कि वह हरमू बाजार में खरीदारी करने गये थे. उसी समय एक मोबाइल चोर को लोगों ने पकड़ा. दो महीने पहले उनका मोबाइल भी गायब हुआ था. अपना मोबाइल बरामद होने की बात सोच कर वह थाना चले गये. विनोद सिन्हा ने मुंशी से दो-तीन बार मोबाइल के संबंध में बात की. उसके बाद मुंशी उग्र हो गये और कहा कि अंदर कमरे में आकर बड़ा बाबू से मिल लीजिये. बड़ा बाबू से कहा कि यह साहब बहुत काबिल बन रहे हैं.
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मुंशी ने की थी मारपीट
उसके बाद मुंशी उपेंद्र कुमार ने उनके मुंह पर घूंसे से प्रहार किया. चूंकि प्रहार घातक था, इसलिए वह गिर गये. इसके बाद अन्य पुलिसकर्मी भी लात-घूंसे से उन पर प्रहार करने लगे. उनकी आंख व नाक में चोट लगने पर काफी खून गिरने लगा. कमरे में खून फैला देखकर बड़ा बाबू संजय कुमार ने उन्हें बाहर निकालने के लिए कहा. इस पर उन्हें घसीट कर बाहर बरामदे में लाया गया और उनके ऊपर बाल्टी-बाल्टी पानी मारा गया. कमरे में फैले खून की सफाई पानी व फिनाइल से की गयी. बाद में डीएसपी पहुंचे, तो उन्हें इलाज के लिए भेजा गया.