रांची : भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से इस्तीफे की मांग की है. दुमका परिसदन और पाकुड़ के अमड़ापाड़ा में पत्रकारों से बातचीत में बाबूलाल ने कहा, मुंबई में उन पर संगीन आरोप लगे हैं. मुख्यमंत्री को खुद ही आगे बढ़कर जांच के लिए सीबीआइ को लिखना चाहिए. यह अंतरराज्यीय मामला है. ऐसी जांच सीबीआइ जैसी एजेंसी ही सही तरीके से कर सकती है. बाबूलाल मरांडी ने कहा, मामला मुंबई का पांच सितंबर 2013 का है. उस समय हेमंत सोरेन ही झारखंड के मुख्यमंत्री थे और वहां गये थे.
उन्होंने कहा – मुंबई की एक महिला ने 21 अक्तूबर 2013 को अर्जी देकर धारा 376, 366, 365, 354, 323, 506, 120 बी व 34 के तहत हेमंत सोरेन और सुरेश नागरे के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी थी. बांद्रा मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने 23 नवंबर 2013 को सुनवाई की तारीख तय की थी. पर इससे पहले नाटकीय मोड़ आता है. इस तिथि से पहले पीड़िता आवेदन देती है कि इस केस की आज ही सुनवाई की जाये. कहती है कि वह शादी करनेवाली है. घर बदलने वाली है. इसलिए केस लड़ने की स्थिति में नहीं है. इस तरह यह केस अटक जाता है.
सीबीआइ की सही तरीके से कर सकती है मामले की जांच
अपराध संगीन, सुलह से खत्म नहीं किया जा सकता
झामुमो के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर लगाये गये आरोप पर पलटवार किया है. श्री भट्टाचार्य ने कहा कि बाबूलाल मरांडी ने फिल्मी स्क्रिप्ट की तरह घटना को प्लॉट किया है. पूरी कहानी एक फिल्मी स्क्रिप्ट के जैसी प्रतीत होती है.
इस प्रकार से स्क्रिप्ट तैयार कर कोई भी किसी पर आरोप लगा सकता है. यह स्तरहीन राजनीति की पराकाष्ठा है. बाबूलाल मरांडी राजनीतिक तौर पर परास्त हो चुके हैं. स्तरहीन आरोप लगाने से पहले बाबूलाल मरांडी को खुद सोचना चाहिए. उन्हें चरित्र हनन की राजनीति बंद करनी चाहिए. बाबूलाल मरांडी राज्य के पहले मुख्यमंत्री रहे हैं.
उन्हें मालूम होना चाहिए कि जब कोई कमजोर, दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक वर्ग के लोग ऊंचे ओहदे पर चले जाते हैं, तो उसे हटाने में कई शक्तियां लग जाती हैं. जब बाबूलाल मरांडी खुद मुख्यमंत्री थे, तो कहा था कि भ्रष्टाचार को लेकर इतना दबाव रहता है कि रात को नींद नहीं आती है. बाबूलाल मरांडी को स्तरहीन राजनीति बंद करनी चाहिए.
रांची. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव और डाॅ राजेश गुप्ता छोटू ने कहा है कि केंद्र सरकार के इशारे पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बदनाम करने की साजिश की जा रही है. गठबंधन सरकार के मुखिया को एक ऐसे मुद्दे पर बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है, जिसका हकीकत में कोई वजूद ही नहीं है.
प्रवक्ताओं ने कहा कि झाविमो के साथ दगाबाजी कर भाजपा में शामिल हुए बाबूलाल मरांडी को श्री सोरेन से त्याग पत्र मांगने के पहले अपने ऊपर लगे गंभीर आरोपों की जांच कराने पर सोचना चाहिए. हेमंत सोरेन जनता के चुने प्रतिनिधि हैं. उन पर बुरी नजर डालने वालों की जनता ईंट से ईंट बजा देगी. प्रवक्ताओं ने कहा कि पूरे देश में गैर भाजपा शासित राज्यों की सरकार को अस्थिर करने की साजिश रची जा रही है. झारखंड में यह कभी सफल नहीं होगी.
posted by : sameer oraon