रांची: झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि आदिवासियों, मूलवासियों, दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को पूरे मान-सम्मान के साथ हक और अधिकार दे रहे हैं. यहां रहनेवालों को आदिवासी-मूलवासी की भावनाओं का ख्याल रखना होगा. प्रतियोगिता परीक्षाओं का आवेदन शुल्क माफ करने पर सरकार जल्द निर्णय लेगी. राज्य सरकार द्वारा 2 अप्रैल 2018 को भारत बंद के दौरान एसटी/एससी छात्रों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने के निर्णय पर आदिवासी छात्र संघ और समस्त आदिवासी-मूलवासी संगठन ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया और जोरदार स्वागत किया. इस दौरान उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि आदिवासियों-मूलवासियों के साथ पूरी संवेदनशीलता के साथ सरकार खड़ी है. आपका जोश और उत्साह देखकर सरकार को भी ताकत मिलती है. झारखंडी हमेशा से स्वाभिमानी रहे हैं. मुख्यमंत्री ने छात्र-छात्राओं से कहा कि आप पढ़ाई पर पूरी तरह ध्यान रखें. आपको प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी से लेकर विभिन्न कोर्सेज को करने के लिए सरकार की ओर से आर्थिक मदद की जा रही है. विदेश में भी पढ़ाई के लिए शत-प्रतिशत स्कॉलरशिप सरकार दे रही है. सरकार झारखंड और झारखंडवासियों के हितों, उम्मीदों, आकांक्षाओं को ध्यान में रखकर लगातार कई निर्णय ले रही है. हमारे इन निर्णयों का परिणाम देखने को मिलना शुरू हो गया है और आने वाली पीढ़ी इसका और मजबूती के साथ फायदा उठाएगी.
मुकदमे को लेकर मुझे तकलीफ हुई थी
राज्य सरकार द्वारा 2 अप्रैल 2018 को भारत बंद के दौरान एसटी/एससी विद्यार्थियों पर किए गए मुकदमे वापस लेने का निर्णय लिए जाने पर आदिवासी छात्र संघ और समस्त आदिवासी-मूलवासी संगठन और बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने गुरुवार को रांची के कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का जोरदार स्वागत किया और आभार जताया. मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आपने झारखंडी आत्मा की लड़ाई लड़ी थी. आप पर लाठी-डंडे चले थे. आपके खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए थे. इसे देखकर हमें भी काफी तकलीफ हुई थी. ऐसे में जब हमारी सरकार बनी तो इस तरह के मामलों में पूरी संवेदनशीलता के साथ विचार करते हुए झारखंड के आदिवासी-मूलवासी के हित में लगातार निर्णय ले रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि आपका जोश और उत्साह को देखकर सरकार को भी ताकत मिलती है.
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40 वर्ष अलग राज्य लेने में लग गए, 20 वर्ष आपको आपका हक -अधिकार देने में
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि लगभग 40 वर्षों के संघर्ष और आंदोलन के बाद हमें अलग झारखंड राज्य मिला. इस दौरान हज़ारों लोगों ने अपनी शहादत दी, लेकिन अलग राज्य बन जाने के 20 वर्षों के बाद भी आदिवासी-मूलवासियों को उनका हक और अधिकार नहीं मिला. स्वाभिमानी झारखंडियों को हमेशा दिग्भ्रमित करने का प्रयास होता रहा, लेकिन जब हमारी सरकार बनी तो यहां के आदिवासियों मूलवासियों दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को पूरे मान- सम्मान के साथ उनका हक और अधिकार दे रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कोई ऐसा गिरोह है जो आदिवासियों-मूलवासियों को भ्रमित कर रहा है और सरकार की कार्यशैली को भी प्रभावित करने का प्रयास कर रहा है. ऐसे गिरोह से हमें अलर्ट रहना है. उन्होंने कहा कि यहां काम करने वाले सभी लोगों को आदिवासी-मूलवासी के साथ मिलकर रहना सीखना होगा और उनकी भावनाओं का ख्याल करना होगा.
प्रतियोगिता परीक्षाओं का आवेदन शुल्क पूरी तरह होगा माफ
हमारी सरकार द्वारा लिए जा रहे निर्णय आने वाली पीढ़ी मजबूती से उठाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार झारखंड और झारखंडवासियों के हितों, उम्मीदों, आकांक्षाओं को ध्यान में रखकर लगातार कई निर्णय ले रही है. हमारे इन निर्णयों का परिणाम देखने को मिलना शुरू हो गया है और आने वाली पीढ़ी इसका और मजबूती के साथ फायदा उठाएगी. प्रतियोगिता परीक्षाओं के आवेदन शुल्क को समाप्त करने पर सरकार जल्द निर्णय लेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार के गठन के पूर्व जेपीएससी और जेएसएससी के द्वारा आयोजित होने वाली परीक्षाओं के लिए आवेदन शुल्क काफी ज्यादा होता था, जिसे हमारी सरकार ने कम करने का निर्णय लिया. अब प्रतियोगिता परीक्षाओं के आवेदन शुल्क को पूरी तरह माफ करने पर सरकार जल्द ही निर्णय लेगी. उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि आप पढ़ाई पर पूरी तरह ध्यान रखें. आपको प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी से लेकर विभिन्न कोर्सेज को करने के लिए सरकार की ओर से आर्थिक मदद की जा रही है. विदेश में भी पढ़ाई के लिए शत प्रतिशत स्कॉलरशिप सरकार दे रही है.
नौजवानों को रोजगार देने पर विशेष जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि चाहे सरकारी क्षेत्र हो या निजी. नौजवानों को बड़े पैमाने पर रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में सरकार लगातार काम कर रही है. उन्होंने कहा कि कई विभागों में खाली पड़े हजारों पदों पर नियुक्तियां हो चुकी हैं तो कई पदों के लिए नियुक्ति प्रक्रिया जारी है. आप इस सरकार पर विश्वास रखें. नियुक्तियों में किसी भी प्रकार की धांधली नहीं होने दी जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि अब विद्यार्थी सभी सुविधाओं से युक्त छात्रावास में रहेंगे. कल्याण विभाग के छात्रावासों के जीर्णोद्धार का काम तेज गति से चल रहा है. अब यहां रहने वाले छात्र -छात्राओं को घर से अनाज लाने की जरूरत नहीं होगी. सभी छात्रावासों में अनाज सरकार उपलब्ध कराएगी और यहां रसोईया और सिक्योरिटी गार्ड भी होंगे. छोटे-छोटे मामलों में जेल में बंद आदिवासी-दलित को जमानत मिले, इसके लिए सरकार संसाधन उपलब्ध कराएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड की जेलों में सबसे ज्यादा आदिवासी, दलित और पिछड़े बंद हैं. ये कई वर्षों से सामान्य मामलों में जेल की सजा काट रहे हैं क्योंकि इनके पास जमानत कराने के लिए पैसे नहीं होते हैं. ऐसे में इन्हें जमानत मिले, इसके लिए सरकार की ओर से संसाधन उपलब्ध कराया जाएगा. इस दौरान आदिवासी छात्र संघ के अध्यक्ष संजय महली, सुमति कुमारी और सुरबाली समेत सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे.