रांची : झारखंड सरकार ने शराब के खुदरा कारोबारियों को बड़ी राहत दी है. कैबिनेट की बैठक में उत्पाद नियमावली में संशोधन करते हुए शराब के खुदरा विक्रेताओं पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी को माफ कर दिया. सरकार ने 22 मार्च, 2020 से लॉकडाउन की अवधि तक के लिए एक्साइज ड्यूटी माफ करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
एक्साइज ड्यूटी राशि संबंधित दुकान के उठाव की क्षमता के अनुरूप होगी और ड्यूटी तब तक ही माफ रहेगी, जब तक लॉकडाउन लागू रहेगा. बुधवार को आयोजित कैबिनेट की बैठक में शाह ब्रदर्स सहित सात कंपनियों को दी गयी लौह अयस्क खदान को राज्य सरकार के उपक्रमों के लिए आरक्षित करने का फैसला किया गया.
इन कंपनियों को कुल 1178.31 हेक्टेयर क्षेत्रफल पर लौह अयस्क खनन के लिए लीज दी गयी थी. वर्ष 2015 में संशोधित खान अधिनियम में निहित प्रावधानों के तहत इन कंपनियों की दी गयी लीज की अवधि 31 मार्च, 2020 खत्म हो गयी.
भारत सरकार ने राज्य के लौह अयस्क खनन क्षेत्र को दो हिस्सों (माइनिंग जोन और नन माइनिंग जोन) में बांटा है. माइनिंग जोन में भी लौह अयस्क निकालने की सीमा निर्धारित की गयी है. इसलिए राज्य के उपक्रमों के लिए लौह अयस्क को सुरक्षित करना जरूरी है. सुरक्षित नहीं करने की स्थिति में राज्य के उपक्रमों को लौह अयस्क उपलब्ध कराने में कमी आयेगी.
इस स्थिति को देखते हुए कैबिनेट ने सात कंपनियों की लौह अयस्क खदानों को रिजर्व करने पर सहमति दी. कैबिनेट के फैसले के आलोक में खान एवं खनिज अधिनियम 1957 की धारा 17ए(2) में निहित प्रावधानों के तहत केंद्र सरकार की सहमति के बाद राज्य के गजट में प्रकाशित किया जायेगा.
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रामेश्वर जूट मिल्स की बराईबुरू स्थित 258.99 हेक्टेयर की लौह अयस्क खदान
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निर्मल कुमार प्रदीप कुमार की घाटकुरी स्थित 149.74 हेक्टेयर की लौह अयस्क खदान
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पदम लाल जैन की ठकुरानी स्थित 84.68 हेक्टेयर की लौह अयस्क खदान
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मिश्री लाल जैन की करमपदा स्थित 202.35 हेक्टेयर की लौह अयस्क खदान
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शाह ब्रदर्स की करमपदा स्थित 233.89 हेक्टेयर की लौह अयस्क खदान
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रुंगटा माइंस की घाटकुरी स्थित 138.58 हेक्टेयर की लौह अयस्क खदान
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आर मेडिकल्स की करमपदा स्थित 110.08 हेक्टेयर की लौह अयस्क खदान
लौह अयस्क खदानों को सरकारी कंपनियों के लिए आरक्षित किये जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार अपने आंतरिक संसाधनों का उपयोग राज्य के विकास और जनता के हित में करेगी. इसलिए खनन पट्टा सरकार के उपक्रमों के लिए आरक्षित किये जा रहे हैं. यह राज्य के लिए ईंधन का काम करेगी.
सीएम ने कहा कि कभी-कभी उन्हें यह समझ नहीं आता कि झारखंड के लिए यहां खनिज संपदा वरदान है या अभिशाप. लंबे अरसे से राज्य में खनन हो रहा है. भारत सरकार के उपक्रम हों या निजी क्षेत्र की बात, इनसे राज्य के लोगों के जीवन स्तर में सुधार नहीं दिखता है.
कैबिनेट में मुख्यमंत्री के साथ संलग्न आदेशपाल को दिये जाने वाले वर्दी भत्ता में वृद्धि करने का फैसला किया गया है. इससे अब मुख्यमंत्री के आदेशपाल को 2,500 रुपये के बदले सालाना 7,000 रुपये वर्दी भत्ता मिलेगा.
कैबिनेट ने वेजफेड के रिटायर्ड एमडी रमोद नारायण झा की पेंशन जब्त करने का फैसला किया है. इस अधिकारी पर दो करोड़ रुपये के गबन का आरोप है.
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Posted By : Mithilesh Jha