Jharkhand news (रांची) : उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार को हिमस्खलन की घटना में झारखंड के 12 श्रमिकों की मौत हो गयी. इन श्रमिकों के शव को झारखंड ले जाने के लिए चमोली प्रशासन लगातार हेमंत सरकार के संपर्क में है. इस संबंध में चमोली जिलाधिकारी ने बताया कि सभी शव का पोस्टमार्टम कर लिया गया है. उम्मीद है कि बुधवार को श्रमिकों का शव झारखंड पहुंचेगा.
बता दें कि रविवार को उत्तराखंड के चमोली जिले में भारत-चीन सीमा के निकट नीति घाटी के सुमना में भारी हिमस्खलन हुआ था. जिसमें 15 लोगों की जान चली गयी जिसमें झारखंड के 12 श्रमिक भी शामिल है. साथ ही करीब 7 श्रमिक घायल भी हो गये.
भारी हिमस्खलन में खूंटी जिला अंतर्गत रनिया प्रखंड के बलंकेल गांव के 5 युवकों की मौत हो गयी. इनमें हानुक कंडुलना (बलंकेल खास), नियरन कंडुलना, पॉल कंडुलना, सागेन कंडुलना एवं मसीदास (मरकी बलकेंल, जलंगा टोली) के रहनेवाले थे. बता दें कि खूंटी जिला के रनिया प्रखंड अंतर्गत बलंकेल और उसके आसपास के टोलों से 20 युवक काम की तलाश में उत्तराखंड गये थे.
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चमोली हिमस्खलन मामले में झारखंड के दुमका जिला निवासी तारणी सिंह, मनोज थानदार, रोहित सिंह, राहुल कुमार के अलावा पश्चिमी सिंहभूम जिला के मसीह दास मारकी और रांची के निर्मल सांडिल और सुखराम मुंडा की मौत हो चुकी है.
चमोली हिमस्खलन मामले में खूंटी जिला के राय कंडुलना, संजय कंडुलना, महेंद्र मुंडा, मंगल दास पाहन के अलावा पश्चिमी सिंहभूम जिला के फिलिप बुढ़, अनुज टोपनाे और कल्याण मारकी घायल हो गये हैं.
बीआरओ के लिए सड़क निर्माण का काम करने काफी संख्या में झारखंड से श्रमिक उत्तराखंड जाते हैं. इसी कड़ी में झारखंड के करीब 20 श्रमिक उत्तराखंड के चमोली काम करने गये थे. इसी दौरान भारी हिमस्खलन की चपेट में आ गये.
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झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने चमोली हिमस्खलन मामले में झारखंड के श्रमिकों के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है. उन्होंने ट्विट कर कहा कि हमने 11 वीर श्रमिकों को खो दिया. यह घटना अत्यंत पीड़ा देनेवाली है. साथ ही उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार उत्तराखंड की सरकार के साथ संपर्क बना कर हर संभव मदद पहुंचाने का कार्य कर रही है.
Posted By : Samir Ranjan.