Jharkhand News, रांची न्यूज : कोलकाता में ब्रिटिश उपउच्चायुक्त निक लो ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को संबोधित एक पत्र के माध्यम से ‘मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना’ को सफलतापूर्वक शुरू करने और आदिवासी समुदायों के छात्रों को विदेश जाने में मदद करने के लिए बधाई दी है. उन्होंने सम्मान समारोह का हिस्सा नहीं बन पाने पर दुःख व्यक्त किया.
योजना के सफल क्रियान्वयन और ब्रिटेन में उच्च शिक्षा के लिए फर्स्ट बैच को भेजने पर ब्रिटिश उपउच्चायुक्त ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है. पत्र के जरिए उन्होंने कहा है कि मेरे दिल में खुशी और दुःख दोनों का भाव है. खुशी इस बात की है कि झारखंड सरकार ने यूनाइटेड किंगडम में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए आदिवासी समुदायों के छात्रों के लिए मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना शुरू की है. इसके लिए मैं हार्दिक धन्यवाद और बधाई देता हूं. उन्होंने कहा है कि सम्मान समारोह का हिस्सा नहीं बन पाने पर मुझे खेद है.
Heartiest congratulations to @jharkhandCMO @hemantsorenjmm for launching the Marang Gomke Overseas Scholarship scheme awarding scholarships to selected tribal students to study in the UK. This marks a new pathway for strengthening 🇮🇳🇬🇧 ties. #GREATEducation pic.twitter.com/KGcwNrTivE
— UKinKolkata🇬🇧🇮🇳 (@UKinKolkata) September 23, 2021
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हाशिये पर पड़े समुदायों का सहयोग करने के लिए राज्य सरकार की दूरदर्शी पहल की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा में पहुंच की असमानताओं को दूर करने की दिशा में मैं आपको इस दूरदर्शी पहल को आगे बढ़ाने के लिए बधाई देता हूं, ताकि हाशिये पर पड़े समुदायों द्वारा उच्च शिक्षा तक पहुंच की असमानताओं को दूर किया जा सके. झारखंड और यूनाइटेड किंगडम के बीच ज्ञान की साझेदारी को चलाने के लिए आपका नेतृत्व और झारखंड राज्य सरकार के प्रयास सबसे अधिक प्रशंसा के पात्र हैं. जयपाल सिंह मुंडा की विरासत, जिन्होंने एक सदी पहले अपना बीए का कोर्स ऑक्सफोर्ड से किया था.
यूके के विश्वविद्यालयों में पहले समूह का स्वागत करते हुए उन्होंने लिखा है कि यूनाइटेड किंगडम के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में मास्टर्स प्रोग्राम के लिए चुने गए छह स्कॉलर्स के पहले समूह का स्वागत करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है. कृपया मेरी हार्दिक बधाई स्वीकार करें. मेरे सहयोगी और मैं ब्रिटिश उपउच्चायोग में शिक्षा और अन्य संबद्ध क्षेत्रों में एक गहरी और बड़ी भागीदारी को चलाने के लिए इस पहल को आगे बढ़ाने के लिए तत्पर हूं.
Posted By : Guru Swarup Mishra