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बुंडू अनुमंडल स्थापना दिवस : झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा का सपना करेंगे पूरा !

कृषि प्रधान बुंडू अनुमंडल धान की खेती के लिए झारखंड में प्रसिद्ध है, लेकिन यहां पर सिंचाई, सड़क, बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है. पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा पंच परगना को मिलाकर बुंडू को जिला का दर्जा दिलाना चाहते थे, लेकिन ये सपना आज भी अधूरा है.

Jharkhand News, रांची न्यूज (आनंद राम महतो) : झारखंड के रांची जिले के बुंडू अनुमंडल की स्थापना 7 सितंबर 2003 को पूर्व मंत्री व स्थानीय विधायक रहे रमेश सिंह मुंडा के प्रयास से झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने की थी. तत्कालीन मंत्री सुदेश महतो, लालचंद महतो, रामजीलाल शारदा एवं सांसद कड़िया मुंडा की उपस्थिति में अनुमंडल की नींव रखी गयी थी. पिछले कई दशकों से चली आ रही मांग पर राज्य सरकार ने यह सौगात जनता को दिया था, लेकिन 18 वर्ष पूरे होने के बाद भी पूर्व मंत्री रहे रमेश सिंह मुंडा के सपने अधूरे हैं. पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा पंच परगना को मिलाकर बुंडू को जिला का दर्जा दिलाना चाहते थे. सीएम हेमंत सोरेन भी इसे जिला का दर्जा दिलाने का वादा कर चुके हैं.

व्यवहार न्यायालय, जेल, ट्रेजरी, माप तौल के अलावा अन्य कार्यालय नहीं हैं. यहां के लोगों को आज भी सिविल मामले को लेकर न्याय के लिए रांची का चक्कर काटना पड़ रहा है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक बुंडू अनुमंडल की आबादी लगभग 3,40,000 है. इसमें चार प्रखंड, पांच थाना, 57 ग्राम पंचायत, एक नगर पंचायत, और 355 गांव है. बुंडू अनुमंडल का रमणीक स्थल राजधानी रांची से 38 किलोमीटर दूरी दशम जलप्रपात और धार्मिक स्थल रांची टाटा मार्ग रांची से 60 किलोमीटर दूरी प्राचीन कालीन देवड़ी मंदिर, 65 किलोमीटर दूरी प्राचीन कालीन महामयी मंदिर हाराडीह और 40 किलोमीटर दूरी प्रसिद्ध सूर्य मंदिर प्राकृतिक, धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर है.

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कृषि प्रधान यह क्षेत्र धान की खेती के लिए राज्य में प्रसिद्ध है, लेकिन यहां पर सिंचाई, सड़क, बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है. पंच परगना किसान कॉलेज बुंडू एकमात्र डिग्री कॉलेज है, जहां पर 12,000 से अधिक छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं. पीजी की पढ़ाई के अलावा बीएड और अन्य व्यावसायिक शिक्षा की बाट लोग जोह रहे हैं. 1967 में बुंडू को नगर पंचायत का दर्जा मिला, जिसकी आबादी 21,059 है. बुंडू नगर स्थित 101 एकड़ जमीन पर फैला बुंडू का बड़ा तालाब राज्य का सबसे बड़ा तालाब है. बुंडू का रानी चुआं भी एक प्राकृतिक धरोहर है.

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बुंडू अनुमंडल का मछली पालन रांची में भी प्रसिद्ध है. अनुमंडल में 611 सरकारी विद्यालय और 17 निजी विद्यालय संचालित हैं. अनुमंडल कार्यालय में पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों का कमी है. बुंडू अनुमंडल कार्यालय में पदाधिकारी एवं कर्मचारियों की कमी के कारण समय से जनता के कार्यों का निष्पादन नहीं हो पा रहा है. भूमि सुधार उप समाहर्ता, सब रजिस्ट्रार, अनुमंडल कल्याण पदाधिकारी, कार्यपालक पदाधिकारी बुंडू नगर पंचायत का पद रिक्त है. भूमि सुधार उपसमाहर्ता और कार्यपालक पदाधिकारी के प्रभार में अनुमंडल पदाधिकारी अजय कुमार साव कार्यरत हैं. वहीं, निबंधन पदाधिकारी सब रजिस्ट्रार के प्रभार में अंचल अधिकारी बुंडू राजेश डुंगडुंग हैं. अनुमंडल कार्यालय के पास प्रधान सहायक के अलावा कोई कर्मचारी नहीं है. प्रतिनियुक्ति के आधार पर अनुमंडल कार्यालय का संचालन पिछले 18 वर्षों से किया जा रहा है.

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इस अनुमंडल क्षेत्र के अंतर्गत तमाड़, बुंडू, राहे, सोनाहातू प्रखंड और थाना बुंडू, तमाड़, सोनाहातू, राहे ओपी और दशम फॉल थाना क्षेत्र आता है. अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अजय कुमार के नेतृत्व में सभी थानों क्षेत्रों में शांति व्यवस्था और अपराध नियंत्रण का कार्य किया जा रहा है. पिछले एक दशक से अधिक समय से यह अनुमंडल घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र के रूप में जाना जाता था. नक्सलियों के हमले से पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा व तत्कालीन पूर्व बुंडू डीएसपी प्रमोद कुमार की हत्या, पांच करोड़ नकद लूट, कई पुलिसकर्मी और पुलिस अधिकारी मारे जाने से ये चर्चित रहा है. पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा पंच परगना को मिलाकर बुंडू को जिला का दर्जा दिलाना चाहते थे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और स्थानीय झामुमो विधायक विकास कुमार मुंडा भी बुंडू को जिला का दर्जा दिलाने की वादा कर चुके हैं. विकास कुमार मुंडा कहते हैं उनके पिता स्वर्गीय रमेश सिंह मुंडा के सपनों को साकार करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. विधायक के प्रयास से नया अनुमंडल भवन कार्यालय, पदाधिकारी एवं कर्मचारियों का आवासीय भवन बन 12 एकड़ जमीन में बन चुका है.

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Posted By : Guru Swarup Mishra

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