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झारखंड : कारोबारी विष्णु अग्रवाल की जेल में कटेगी रात, रिमांड को लेकर बुधवार को स्पेशल कोर्ट में होगी सुनवाई

ईडी द्वारा गिरफ्तार कारोबारी विष्णु अग्रवाल की मंगलवार को पीएमएलए की स्पेशल कोर्ट में पेशी हुई. ईडी ने सात दिनों का रिमांड मांगा. इस पर कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई की तिथि निर्धारित करते हुए विष्णु अग्रवाल को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया.

Jharkhand News: राजधानी रांची के चेशायर होम रोड स्थित एक एकड़ जमीन की खरीदारी मामले में गिरफ्तार कारोबारी विष्णु अग्रवाल की रात होटवार स्थित बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में कटेगी. ईडी द्वारा साेमवार की रात गिरफ्तार करने के बाद मंगलवार को पीएमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश दिनेश शर्का की कोर्ट में विष्णु अग्रवाल को पेश किया गया. इस दौरान ईडी ने सात दिनों का रिमांड मांगा. इस पर कोर्ट ने रिमांड की सुनवाई बुधवार को निर्धारित करते हुए उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया.

बुधवार को रिमांड पर होगी सुनवाई

पीएमएलए के स्पेशल कोर्ट में विष्णु अग्रवाल की रिमांड को लेकर बुधवार को सुनवाई होगी. विशेष न्यायाधीश दिनेश शर्मा की कोर्ट में सुनवाई होगी. सूत्रों के मुताबिक, ईडी की ओर से सात दिनों का रिमांड एक बार फिर मांगा जाएगा.

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जमीन की खरीद-बिक्री मामले में तीसरी और जालसाजी मामले में 13वीं गिरफ्तारी

बता दें कि चेशायर होम रोड स्थित एक एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री मामले में ईडी की यह तीसरी गिरफ्तारी है. वहीं, जालसाजी के मामले में यह 13वीं गिरफ्तारी है. इससे पहले ईडी ने रांची के तत्कालीन डीसी छवि रंजन को भी गिरफ्तार किया है. फिलहाल छवि रंजन जेल में हैं. इसके अलावा जगत बंधु टी स्टेट के निदेशक दिलीप घोष, राजेश ऑटो के निदेशक अमित अग्रवाल, राजस्व कर्मचारी भानु प्रताप प्रसाद, जमीन के फर्जी मालिक का पोता राजेश राय,पावर ऑफ अर्टानी होल्डर भरत प्रसाद, सेना के कब्जेवाली जमीन का फर्जी मालिक प्रदीप बागची, जालसाजी कर जमीन बेचनेवाले गिरोह का सरगना अफसर अली, जालसाज गिरोह का सदस्य इम्तियाज अहमद, सद्दाम हुसैन, तलहा खान और फैयाज खान को भी ईडी गिरफ्तार कर चुकी है.

अफसर अली की जमानत पर हुई सुनवाई

इधर, बता दें कि सेना की कब्जे वाली जमीन सहित रांची की कुछ और जमीनों की खरीद-बिक्री में फर्जीवाड़ा किये जाने के मामले में जेल में बंद आरोपी अफसर अली की जमानत पर सोमवार को ईडी की विशेष अदालत में सुनवाई हुई. इस दौरान अफसर अली की तरफ से अधिवक्ता शंभु अग्रवाल ने दलील दी कि अफसर अली पर मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने का आरोप है. जबकि इनके पास से एक रुपये की भी बरामदगी नहीं हुई है. वहीं, ईडी की ओर से विशेष लोक अभियोजक शिव कुमार ने कहा कि मामले में अफसर अली की भूमिका सबसे बड़ी है. जांच एजेंसी की छापेमारी में इनके पास से 26 अलग-अलग जमीनों की फर्जी डीड बरामद हुई थी. दोनों पक्षों की ओर से बहस सुनने के बाद अदालत ने अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया.

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विष्णु अग्रवाल की कंपनियों में काले धन के निवेश की जांच शुरू

दस्तावेज में जालसाजी कर जमीन की खरीद बिक्री की जांच के दौरान ईडी को विष्णु अग्रवाल की कंपनियों में काले धन के निवेश की जानकारी मिली है. अग्रवाल की कुछ कंपनियों के अकाउंट की जांच में संदेहास्पद लेन-देन के सबूत मिले हैं. प्रारंभिक जांच में मिले तथ्यों के आधार पर इडी ने अग्रवाल की कंपनियों में किये गये काले धन के निवेश की जांच शुरू कर दी है. विष्णु की कंपनी में काला धन निवेश करनेवालों में बड़े अफसर और राजनीतिज्ञ भी शामिल हैं. उनकी संलिप्तता भी जांच के दायरे में है. विष्णु अग्रवाल ने अपनी व्यापारिक गतिविधियों को चलाने के लिए 21 कंपनियां बनायी है. इन कंपनियों में गैलेरिया इनक्लेव, सामर्थ फैबलान, श्री राम मेटालिक्स, श्री राम इलेक्ट्रोकास्ट, आदर्श हाइट्स, भवानी इपीसी, हाइ प्वाइंटस मर्चेंटस लिमिटेड व अन्य शामिल हैं. इन कंपनियों में विष्णु अग्रवाल के अलावा उसके पारिवारिक सदस्य शामिल हैं. इनके अलावा दो एलएलपी कंपनियां भी है. इसमे चेसली रियल स्टेट एलएलपी और जासिथ रियल स्टेट एलएलपी शामिल है. रांची स्मार्ट सिटी की जमीन चेसली रियल स्टेट एलएलपी के सहारे खरीदी गयी है. स्मार्ट सिटी में जमीन खरीद का मामला भी संदेह के दायरे में है.

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