Jharkhand News: राजधानी रांची के हेहल अंचल कार्यालय में समय से काम नहीं होता है. जाति-आय प्रमाण पत्र बनाने में महीनों लग जाते हैं. स्थिति यह है कि यहां लोगों की खतियानी जमीन की रसीद भी नहीं कट रही है. शासन और प्रशासन के निर्देश और जरूरी पात्रता रखने के बावजूद जरूरतमंदों को पेंशन के लिए चक्कर लगाना पड़ रहा है. यहां पेंशन से लेकर प्रमाण पत्र के सैंकड़ों मामले लंबित पड़े हैं.
नहीं कट रही है रसीद
हेहल निवासी बबीता देवी का कहना है कि उनका दो मंजिला मकान बने 20 साल से अधिक समय हो गया. जमीन के सारे दस्तावेज भी हैं. बावजूद हेहल अंचल कार्यालय से जमीन की रसीद नहीं कट रही है.
खातियानी जमीन की रसीद भी होल्ड पर
जितू मिर्धा की जमीन कटहल मोड़ के पास है. जीतू की मानें तो उनकी जमीन खतियानी है. बावजूद मामले को विभागीय प्रक्रिया में उलझा कर रखा गया है. जमीन की रसीद नहीं काटी जा रही है.
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आपत्ति के बाद भी हो गया दाखिल खारिज
बजरा के विष्णु सिंह ने कहा कि उनके एक रिश्तेदार की जमीन की गलत ढंग से बिक्री कर दी गयी. जमीन का म्यूटेशन न हो, इसके लिए हेहल अंचल कार्यालय में आपत्ति दर्ज करायी गयी. इसके बावजूद आपत्ति की ठीक तरीके से जांच कराये बिना म्यूटेशन कर दिया गया.
नहीं मिली पेंशन की स्वीकृति
न्यू एरिया मोरहाबादी के संजय प्रसाद का कहना है कि मां ने पेंशन के लिए आवेदन किया है. कहा जा रहा है कि स्वीकृति मिल जायेगी, लेकिन यह सुनते-सुनते पांच माह गुजर गये हैं.
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