मनोज सिंह, रांची : झारखंड में समय पर मॉनसून के आने और अच्छी बारिश का असर राज्य के जलाशयों में भी दिख रहा है. कुछेक को छोड़ दें, तो करीब-करीब सभी जलाशयों की स्थिति अच्छी है. सेंट्रल वाटर कमीशन (सीवीसी) के दायरे में आनेवाले जलाशयों की रिपोर्ट से इसका पता चलता है. इस बार पिछले 10 साल में सबसे अधिक पानी इन जलाशयों में है. वहीं पिछले साल से करीब 19% अधिक पानी इस जलाशयों में हैं.
भारत सरकार (विशेष कर सीवीसी) बरसात के दिनों में देश भर के जलाशयों के वाटर लेबल पर नजर रखती है. नियमित रूप से इसकी रिपोर्ट भी जारी करती है. सीवीसी के दायरे में झारखंड के तेनुघाट, मैथन, पंचेत हिल, तिलैया और कोनार जलाशय आते हैं. झारखंड के पांचों जलाशयों की जल संग्रहण क्षमता 1.79 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) है. इसमें 1.05 बीसीएम पानी अभी राज्य के इन पांचों जलाशयों में हैं. पिछले साल 0.69 बीसीएम पानी था. पिछले 10 साल में सबसे अधिक 0.86 बीसीएम तक हुआ था. पिछले 10 साल के औसत की तुलना में करीब 19 फीसदी अधिक है.
जुलाई अंतिम सप्ताह में अच्छी स्थिति : इस साल जुलाई माह के अंतिम सप्ताह में करीब 0.12 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी बढ़ा है. पिछले साल 0.10 बीसीएम बढ़ा था. यह पिछले 10 साल में सबसे अधिक है. 10 साल का औसत करीब 0.09 बीसीएम रहा है.
पूर्वी भारत के जलाशयों की स्थित पिछले साल से अच्छी : इस साल पूर्वी भारत के जलाशयों की स्थित पिछले साल से अच्छी है. पूर्वी भारत में कुल 18 जलाशय हैं, जिसकी मॉनिटरिंग सीवीसी करता है. इसकी कुछ संग्रहण क्षमता 35.24 है. इसमें अभी 14.81 बीसीएम पानी है. यह कुल संग्रहण क्षमता का करीब 42% है. पिछले साल यह करीब 25% था. पिछले 10 साल का औसत करीब 38 फीसदी का है.
तेनुघाट, मैथन, पंचेत हिल, तिलैया व कोनार डैम में सर्वाधिक जल
जलाशयों की क्षमता और वर्तमान स्थिति (मीटर में)
जलाशय कुल क्षमता वर्तमान में
तेनुघाट 269.14 258.76
मैथन 146.3 144.56
पंचेत हिल 124.97 124.32
कोनार 425.82 420.85
तिलैया 368.81 367.4
Post by : Pritish Sahay