Jharkhand News: ग्रामीण विकास विभाग के चीफ इंजीनियर बीरेंद्र राम को फोन कर टेंडर मैनेजर करनेवालों की सूची में कुछ आइएएस अफसर भी शामिल हैं. बीरेंद्र राम से जारी पूछताछ के दौरान प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों को इस बात की जानकारी मिली है. बीरेंद्र राम को रिमांड पर लेने के बाद रविवार को भी उनसे पूछताछ हुई. इनके कॉल रिकाॅर्ड की जांच के दौरान इस बात का खुलासा हुआ कि टेंडर मैनेज करने के लिए उन्हें नेताओं के अलावा अफसर भी फोन करते थे. इडी ने अब तक दो दर्जन से ज्यादा लोगों की पहचान की है, जिन्होंने टेंडर मैनेज करने के लिए फोन किया था. इन नेताओं व बड़े अधिकारी द्वारा किसी खास ठेकेदार या व्यक्ति को ठेका देने के लिए फोन किया जाता था.
नेताओं और अफसरों द्वारा फोन करने के बाद विभाग के ठेकेदारों को बुलाया जाता था. इसके बाद उन्हें निर्देश दिया जाता था कि संबंधित योजना किसी को देने का निर्देश मिला है. अत: वे इस टेंडर में सहयोग करें और ज्यादा रेट कोट करते हए अपना वित्तीय बिड डालें. बीरेंद्र राम ने पूछताछ के दौरान टेंडर मैनेज करने के तरीकों की भी जानकारी दी है. इस प्रक्रिया के तहत कुछ लोगों को ऑन लाइन टेंडर डालने के बाद ऑफ लाइन कॉपी डालने से रोक दिया जाता था. इससे किसी खास व्यक्ति को ही किसी खास योजना का काम देना संभव हो पाता है. इडी ने पूछताछ के दौरान बीरेंद्र राम को फोन करनेवालों की रिकाॅर्डिंग सुनायी. आवाज सुनने के बाद बीरेंद्र ने जिन लोगों की पहचान की है, उनमें कुछ आइएएस भी शामिल हैं. हालांकि इडी सूत्रों ने इन फोन करनेवालों का नाम सार्वजनिक करने से इनकार किया है.
चीफ इंजीनियर बीरेंद्र कुमार राम सुवर्णरेखा बहुद्देश्यीय परियोजना में 13 सालों तक लगातार बने रहे. बतौर चीफ इंजीनियर 2009 से 2022 तक चांडिल कॉम्प्लेक्स में रहते हुए ईचा कॉम्प्लेक्स का कामकाज भी वर्ष 2018 तक संभाला. इस दौरान चांडिल बांयी मुख्य नहर और खरकई दांयी-बांयी नहर के सभी टेंडरों ( अनुमानित 600 करोड़ रुपये से ज्यादा के टेंडर) में सिंडिकेट रिंग मास्टर की भूमिका में थे. वर्ष 2018 नवंबर में ईंचा गालूडीह कॉम्प्लेक्स का प्रभार छोड़ा, 2018 नवंबर में ईंचा गालूडीह कॉम्प्लेक्स के चीफ इंजीनियर का चार्ज पीएन सिंह (सेवानिवृत्त) ने प्रमोशन मिलने पर लिया था. बीरेंद्र राम जब चीफ इंजीनियर थे, तब पीएन सिंह इइ थे. इसी तरह अशोक दास भी इइ (वर्तमान में चीफ इंजीनियर चांडिल कॉम्प्लेक्स में पदस्थापित) थे, जबकि एसइ रहे गोपालजी (ईचा गालूडीह कॉम्प्लेक्स में बतौर चीफ इंजीनियर एक फरवरी 2023 तक थे, फिर ट्रांसफर होने पर यहां से चले गये, गोपालजी की जगह संजय कुमार ने चार्ज लिया हैं), इसी तरह उनके कार्यकाल में एचएल सिन्हा(पूर्व इंजीनियर),वाइ मल्लिक(पूर्व इंजीनियर) उनके करीबी थे.
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सुवर्णरेखा बहुद्देश्यीय परियोजना का टेंडर आदित्यपुर के चार बड़े ठेकेदार, जुगसलाई के दो ठेकेदार, मानगो के तीन, टेल्को के दो ठेकेदार, रांची के पांच ठेकेदार को काम मिलना शामिल है. बीरेंद्र के कार्यकाल में ही सुवर्णरेखा परियोजना केंद्रीय योजना में अंगीकृत किया था, इस कारण योजना को हर साल फंड भी मिला, इतना ही नहीं समय पर उपयोगिता प्रमाण पत्र देने पर हर साल फंड मिलने का सिलसिला जारी रहा.