Ranchi News: मुख्य अभियंता बीरेंद्र राम और उसकी पत्नी राजकुमारी के ज्वाइंट अकाउंट में काली कमाई के 9.30 करोड़ रुपये जमा हुए. इडी ने कोर्ट को बताया कि टेंडर मैनेज करने में बीरेंद्र राम की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है. इससे मिलनेवाली रकम के बंटवारे का एक सिस्टम बना हुआ है. इस सिस्टम के सहारे पैसा राज्य के ब्यूरोक्रेट और राज नेताओं तक पहुंचता है. इस पूरी प्रक्रिया में ब्यूरोक्रेट व नेताओं की मिलीभगत है.
छापेमारी के दौरान बीरेंद्र राम के घर से 1.51 करोड़ रुपये के जेवरात और 40 लाख रुपये जब्त किये गये थे. यही नहीं, बीरेंद्र के पिता गेंदा राम काे दिल्ली में अपने नाम पर चार करोड़ रुपये की संपत्ति ख़रीदे जाने की जानकारी भी नहीं है. प्रवर्तन निदेशलय ने पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश की अदालत में बीरेंद्र राम को रिमांड पर लेने के दौरान इन तथ्यों की जानकारी दी. साथ ही आगे की जांच के लिए उससे पूछताछ जरूरी बताते हुए 10 दिनों का रिमांड मांगा. कोर्ट ने इडी की दलील सुनने के बाद उसे पांच दिनों के रिमांड पर देने का आदेश दिया. इससे पहले बीरेंद्र राम को गुरुवार शाम 4:25 बजे रांची स्थित पीएमएलए कोर्ट में पेश किया.
कोर्ट को यह जानकारी दी गयी कि वित्तीय वर्ष 2014-15 से वित्तीय वर्ष 2018-19 तक की अवधि में बीरेंद्र राम और राजकुमारी के ज्वाइंट अकाउंट (257725010412) में काली कमाई के 9.30 करोड़ रुपये जमा हुए. इसके अलावा बीरेंद्र के पिता गेंदा राम के खाते में 31-32 दिनों में (21/12/2022 से 23/01/2023 तक) साढ़े करोड़ रुपये जमा हुए. यह पूरी रकम सीए मुकेश मित्तल व उसके कर्मचारियों के खातों के माध्यम से गेंदा राम के खाते में जमा हुई थी. इसी पैसे से दिल्ली के पॉश इलाक़े में गेंदा राम के नाम पर संपत्ति खरीदी गयी. पूछताछ के दौरा गेंदा राम ने दिल्ली में अपने नाम संपत्ति होने की जानकारी से इनकार किया है. पर सीए मुकेश मित्तल ने यह स्वीकार किया है कि बीरेंद्र राम ने उसे पांच करोड़ रुपये नकद दिये थे. इसी की लाउंड्रिंग कर उसके पिता के खाते में जमा कराया गया था.
बीरेंद्र राम और राजकुमारी के केनरा बैंक स्थित अकाउंट (2577214000002) में आरके इंवेस्टमेंट एंड कंसल्टेंसी और आरपी इन्वेस्टमेंट एंड कंसल्टेंसी के माध्यम से 5.70 करोड़ और 3.59 करोड़ रुपये ट्रांसफ़र किये गये थे. इन कंपनियों के काग़ज़ी मालिक राकेश कुमार केडिया और रीना पटेल ने इडी को यह जानकारी दी कि अकाउंट सीट मुकेश मित्तल ऑपरेट करता है. बीरेंद्र और राजकुमारी इन खातों में जमा पैसों के सही सही ब्योरा और स्रोत नहीं बता सके. जांच के दौरान बीरेंद्र और उसके पारिवारिक सदस्यों द्वारा संपत्ति ख़रीदे जाने से संबंधित दस्तावेज मिले हैं. छापे के दौरान मिली गाड़ियां भी इडी ने जब्त कर ली है.
संपत्ति का मालिक – किस वर्ष खरीदा – संपत्ति का ब्योरा
वीरेंद्र व राजकुमारी – 2003 -डुपलेक्स ई-3, वाटिका ग्रीन सिटी,जमशेदपुर
बीरेंद्र – 2019 – डुपलेक्स ई-2, वाटिका ग्रीन सिटी,जमशदपुर
राजकुमारी – 2015 – मकान नंबर डी-70, डी ब्लॉक, साकेत
राजकुमारी – 2019 – फ्लैट नं 334, तीसरा तल्ला, सी ब्लॉक, डिफ़ेंस कॉलोनी
गेंदा राम- 2023 – प्लॉट नंबर ई-8, सतबारी,छतरपुर
बीरेंद्र राम – 2006-07- पिठोरिया रांची
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कागजी मालिक – नंबर – गाड़ी
आयुष – DL12CG-5878 – टोयोटा,फॉरचूनर
आयुष – DL3CCQ-0527 – ऑडी-एजी
परमानंद सिंह बिल्डर – DL8CAM-2395 – टोयोटा फॉरचूनर,सिगमा
राजकुमारी – DL8CAM-2395 – ऑडी एजी-35, TDI
पामापति देवी – DL11CA-3685 – स्कोडा,सुपर इलिजेंस
राजेश कुमार कंस्ट्रक्शन – JH05CC-1000 – इनोवा
अंकित साहू – JH01ER-5001 – टोयोटा,फॉरचूनर