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झारखंड के स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों को हर दिन अंडा मिले, ज्यां द्रेज ने मंत्री से की मांग

झारखंड के सरकारी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों को मध्याह्न भोजन के तहत हर दिन अंडा मिले, इसको लेकर अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज ने वित्त सह खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव को पत्र लिखा है. मालूम हो कि वर्तमान में राज्य में सप्ताह में दो बार स्कूली बच्चों को अंडा दिया जाता है.

Jharkhand news: झारखंड के बच्चों में कुपोषण खत्म हो, इसके लिए राज्य के स्कूल और आंगनबाड़ी सेंटर्स में मध्याह्न भोजन (MDM) के तहत हर दिन एक अंडा देने के प्रावधान को लागू करने की मांग प्रसिद्ध अर्थशास्त्री सह रांची यूनिवर्सिटी के विजिटिंग प्रोफेसर ज्यां द्रेज ने की है. उन्होंने इस संंबंध में राज्य के वित्त सह खाद्य आपूर्ति मंत्री सह वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव को पत्र लिखा है.

स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों को हर दिन एक-एक अंडा दिया जाए

मंत्री डॉ उरांव को लिखे पत्र में अर्थशास्त्री श्री द्रेज ने कहा कि झारखंड में कुपोषित बच्चों की संख्या अधिक है. साथ ही स्कूलों में उपस्थिति दर भी काफी कम है. इन दोनों समस्याओं को देखते हुए राज्य के सरकारी स्कूल और आंगनबाड़ी सेंटर्स में हर दिन सभी बच्चों को एक-एक अंडा दिया जाए. इससे जहां बच्चों में प्रोटीन की मात्रा बढ़ेगी, वहीं स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ने में मदद भी मिलेगी.

100 ग्राम अंडे में 13 ग्राम प्रोटीन उपलब्ध

श्री द्रेज ने कहा कि बढ़ते बच्चों के लिए अंडा प्रोटीन का एक उत्कृष्ट स्त्रोत है. बता दें कि 100 ग्राम अंडा में 13 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है. साथ ही अंडे में सबसे आवश्यक पोषक तत्व मौजूद होते हैं. पोषक गुणों से भरपूर होने के साथ-साथ अंडे स्वादिष्ट, किफायती एवं सुरक्षित भी होते हैं.

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ओड़िशा सहित कई राज्य के बच्चों को हर दिन मिल रहा अंडा

उन्होंने कहा कि ओड़िशा सहित कई अन्य राज्य पहले से ही नियमित रूप से मध्याह्न भोजन में अंडे अपलब्ध करा रहे हैं. इसी को देखते हुए झारखंड को भी उनके नेतृत्व का अनुसरण करना चाहिए. राज्य के स्कूल और आंगनबाड़ी सेंटर्स के बच्चों को हर दिन एक-एक अंडा मिलने से कुपोषण जैसी समस्या पर काफी हद तक नियंत्रण पाया जा सकता है.

वर्तमान में स्कूली बच्चों को सप्ताह में दो दिन मिल रहा अंडा

श्री द्रेज ने कहा कि झारखंड के स्कूलों में वर्तमान में सप्ताह में दो बार अंडे दिये जाने की व्यवस्था लागू है. इसी प्रावधान को दो दिन से बढ़ाकर छह दिन किये जाने की जरूरत है. वहीं, अांगनबाड़ी केंद्रों में अभी तक अंडे का वितरण नहीं हो रहा है. कहा कि राज्य सरकार पहले ही रोजाना मध्याह्न भोजन में अंडे देने का वादा कर चुकी है.

स्कूली बच्चों को सप्ताह में पांच दिन अंडे मिलने के प्रस्ताव को मिली हरी झंडी

इधर, बता दें कि झारखंड के सरकारी स्कूलों में पढ़नेवाले कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को अब मध्याह्न भोजन में सप्ताह में पांच दिन अंडा मिलने के प्रस्ताव को शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने अपनी सहमति दे दी है. शिक्षा मंत्री श्री महतो ने कहा कि जल्द ही राज्य के स्कूली बच्चों को अब सप्ताह में पांच दिन अंडा मिलेगा. विभागीय अधिकारियों को जल्द शुरू करने का निर्देश दिया गया है.

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राज्य के 33 लाख बच्चों को हर दिन दिया जाता है MDM

झारखंड में हरदिन करीब 33 लाख बच्चों को मध्याह्न भोजन दिया जाता है. अंडा अतिरिक्त पोषाहार के रूप में दिया जाता है. जो बच्चे अंडा नहीं खाते हैं, उन्हें फल देने का प्रावधान है. मध्याह्न भोजन के लिए केंद्र सरकार जहां 60 फीसदी राशि देती है, वहीं राज्य सरकार 40 फीसदी राशि देती है. हालांकि, अंडा के लिए शत-प्रतिशत राशि राज्य सरकार वहन करती है. बता दें कि राज्य में बच्चों को सप्ताह में पांच दिन अंडा देने पर प्रति वर्ष 400 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. वर्तमान में अंडा देने के लिए राज्य सरकार 170 करोड़ रुपये खर्च करती है.

Posted By: Samir Ranjan.

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