DSPMU : झारखंड के एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में छात्र मूलभूत सुविधाओं से वंचित रह जा रहे है. एक समय पर खेल के लिए प्रसिद्ध कॉलेज में अब खेल संबंधी गतिविधि लगभग ठप है. यह स्थिति है, रांची के मोरहाबादी स्थित डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय की, जहां हर साल बच्चों से स्पोर्ट्स शुल्क के नाम पर 350 रुपये लिए जाते है लेकिन उसका उपभोग विद्यार्थी कर नहीं पा रहे. बात अगर यूनिवर्सिटी के फुटबॉल ग्राउंड की करें तो उसमें हर समय बाहरी लोगों का जमावड़ा लगा रहता है.
अधिकार से वंचित रह जा रहे विद्यार्थी
हर सुबह स्थानीय और आसपास के लोग वहां क्रिकेट खेलते या दौड़ लगाते नजर आ जाएंगे. कुछ लोगों ने तो उस ग्राउंड को अपना अड्डा ही बना लिया है. हालांकि, सेना की तैयारी करने वाले कई युवा भी उस ग्राउंड में जमकर पसीना बहाते है लेकिन, विश्वविद्यालय को हर साल 350 रुपये देने वाले बच्चे, जिनका इस ग्राउंड पर पहला अधिकार है वह इसके लाभ से वंचित रह जाते है. जानकारी हो कि विश्वविद्यालय में करीब 18 हजार बच्चे पढ़ाई करते है. इस हिसाब से हर साल करीब 54 लाख रुपये केवल स्पोर्ट्स फीस के नाम पर लिया जाता है.
AIU द्वारा आयोजित खेलों की भी नहीं मिल पाती है जानकारी
AIU (ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी) की ओर से आयोजित कई खेल संबंधी कार्यक्रमों की जानकारी भी बच्चों को नहीं मिल पाती है. विश्वविद्यालय के स्पोर्ट्स विभाग में ताला लटका हुआ रहता है. स्पोर्ट्स के सामान ना तो पर्याप्त है और ना ही बच्चों को समय पर मिल पाते है. विश्वविद्यालय में क्रिकेट, कबड्डी, फुटबॉल सहित अन्य खेलों के लिए टीम का चयन भी नहीं किया जा सका है, जबकि हर साल हर विभाग में स्पोर्ट्स कोटा के तहत बच्चों का नामांकन लिया जाता है.
Also Read: लापरवाह प्रबंधन! e Kalyan पोर्टल से DSPMU गायब, 9 हजार छात्र नहीं भर पा रहे फॉर्म, जानें कारणबास्केटबॉल कोर्ट भी है ठप
साल 2019 में विश्वविद्यालय में बास्केटबॉल कोर्ट का निर्माण राज्य के आईएएस वाइव एसोसिएशन के द्वारा कराया गया था. कुछ दिनों तक बच्चों के उपयोग में यह कोर्ट रहा लेकिन, उसके बाद पुनः इसमें खेल का संचालन ठप हो गया है. जानकारी हो कि DSPMU पहले रांची कॉलेज हुआ करता था. उस समय यह कॉलेज खेल के क्षेत्र में राज्यभर में प्रसिद्ध था. राज्य में आयोजित हर खेल में इस कॉलेज के बच्चों का दबदबा रहता था. लेकिन कॉलेज बनने के साथ ही हर साल बच्चों के फीस में तो वृद्धि हुई लेकिन, खेल संबंधी कोई भी सुविधा इन्हें नहीं दी गयी.