22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

झारखंड में जल्द शुरू होगा सीएम फेलोशिप प्रोग्राम, छात्रवृत्ति योजना के लिए चयनित 25 विद्यार्थी सम्मानित

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सीएम फेलोशिप प्रोग्राम जल्द शुरू करने की घोषणा की. इसके तहत विश्व के 100 विश्वविद्यालयों में झारखंड के स्कॉलर्स को एमफिल और पीएचडी जैसे कोर्सेज के लिए वित्तीय सहायता सरकार द्वारा दी जाएगी. वहीं, छात्रवृत्ति योजना के लिए चयनित 25 विद्यार्थियों का सीएम ने सम्मानित भी किया.

Jharkhand News: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार 11 अगस्त, 2023 को मरङ गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना के लिए चयनित 25 प्रतिभावान विद्यार्थियों को सम्मानित किया. इसके तहत राज्य सरकार की छात्रवृत्ति योजना के लिए अनुसूचित जनजाति के 10, अनुसूचित जाति के पांच, पिछड़ा वर्ग के सात और अल्पसंख्यक वर्ग के तीन विद्यार्थियों का अब विदेश में उच्च शिक्षा ग्रहण करने का सपना साकार होगा. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने सीएम फेलोशिप प्रोग्राम शुरू करने की घोषणा की. इस प्रोग्राम के तहत दुनिया के 100 विश्वविद्यालयों में झारखंड के स्कॉलर्स को एमफिल और पीएचडी जैसे कोर्सेज के लिए वित्तीय सहायता सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी.

हाईलाइट्स

  • मरङ गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना के लिए चयनित 25 विद्यार्थिी सम्मानित

  • सीएम फैलोशिप प्रोग्राम जल्द शुरू करने की घोषणा

  • आर्थिक अभाव की वजह से कोई भी प्रतिभावान विद्यार्थी पढ़ाई से वंचित ना रहे, यह सरकार का संकल्प

  • बच्चों की प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक का खर्च वहन कर रही राज्य सरकार

  • बच्चों के शिक्षित होने से आने वाली पीढ़ी भी निश्चित तौर पर पढ़ेगी

  • झारखंड के प्रतिभावान बच्चों को हुनर दिखाने का मिलेगा पूरा मौका.

Also Read: डुमरी उपचुनाव : राजनीतिक दलों की सरगर्मी बढ़ी, बोकारो जिला प्रशासन ने कई कलस्टरों का किया निरीक्षण

शिक्षा को लेकर राज्य सरकार ने कई योजनाएं शुरू की

झारखंड मंत्रालय में में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर आप शिक्षित होंगे, तो आपकी अगली पीढ़ी भी निश्चित तौर पर पढ़ेगी. इसी बात को ध्यान में रखकर शिक्षा समेत सभी क्षेत्रों में नई शुरुआत कर रहे हैं. इसके तहत कड़ी से कड़ी जोड़कर व्यवस्था को मजबूत और आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं. बच्चों की पढ़ाई के प्रति लगाव और उत्सुकता बनी रहे, इसके लिए कई योजनाएं शुरू की है, ताकि आर्थिक अभाव की वजह से कोई भी प्रतिभावान विद्यार्थी पढ़ाई से वंचित ना रहे.

शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने की मुहिम जारी

उन्होंने कहा कि झारखंड के आदिवासियों- मूलवासियों में हुनर की कोई कमी नहीं है. लेकिन, उचित प्लेटफार्म नहीं मिलने से इनकी प्रतिभा गुम हो जाती थी. जब हमारी सरकार बनी, तो हमने इसकी वजहों को जानने का प्रयास किया. इस क्रम में पता चला कि यहां की शिक्षा व्यवस्था एक ताश के पत्ते की तरह है, जो कभी भी धारासायी हो सकती है. यह हमारे लिए एक बड़ी चुनौती थी. लेकिन, हमने इसे स्वीकार किया. शिक्षा के क्षेत्र में रिफॉर्म का सिलसिला शुरू किया. पहले चरण में 80 स्कूल ऑफ एक्सीलेंस खोले गये. मॉडल स्कूल बनाये जा रहे हैं. स्कूलों को संसाधन उपलब्ध कराया जा रहा है. इसका नतीजा कि आज सरकारी विद्यालयों में बच्चों को बेहतर गुणवत्ता की शिक्षा मिल रही है.

Also Read: झारखंड के इन सड़कों पर होता सम्मोहन! जानें कैसे

बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेवारी सरकार ने ले रखी है

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार कई योजनाएं चला रही है. हमारा प्रयास है कि बच्चे सिर्फ अपनी पढ़ाई पर ध्यान दें. उनके पठन-पाठन का सारा खर्च सरकार वहन करेगी. आज बच्चों की प्राइमरी शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक का खर्च सरकार दे रही है. इतना ही नहीं, यूपीएससी, जेपीएससी, बैंक, रेलवे जैसी प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी और इंजीनियरिंग, मेडिकल और लॉ जैसे कोर्सेज करने का खर्च सरकार दे रही है. बच्चों के कहना है कि वे पढ़-लिख कर एक अच्छा मुकाम हासिल करें. उनके मुकाम हासिल होने से झारखंड भी गौरवान्वित महसूस करेगा.

प्रतिभावान बच्चों की पढ़ाई में आर्थिक तंगी नहीं बनेगी बाधा

प्रतिभावान बच्चों की पढ़ाई में आर्थिक तंगी बाधा नहीं बने, इसका सरकार ने संकल्प ले रखा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि आज चाहे झारखंड बोर्ड हो या सीबीएसई अथवा आईसीएसई बोर्ड. इसके टॉपर्स को नगद राशि के साथ लैपटॉप सरकार दे रही है. इसके अलावा छात्रवृत्ति की राशि बढ़ा दी गई है. हमारी बच्चियों की पढ़ाई बाधित नहीं हो, इसके लिए सावित्रीबाई फुले सावित्री योजना चलायी जा रही है.

Also Read: झारखंड में नहीं थम रहा हाथियों का उत्पात, घरों को क्षतिग्रस्त कर चट कर रहे अनाज

हर क्षेत्र को बेहतर और मजबूत बनाने के लिए हो रहा काम

उन्होंने कहा कि यह बहुत अचरज की बात है कि देश का 42 प्रतिशत खनिज संसाधन झारखंड में उपलब्ध है. लेकिन, फिर भी यह देश के सबसे पिछड़े राज्यों में गिना जाता है. इतना ही नहीं प्रकृति ने झारखंड को धरा के अंदर और बाहर से सजाया- संवारा है. फिर भी यहां के लोग गरीब और पिछड़े हैं. आखिर ऐसा क्यों ? दरअसल झारखंड को शुरू से ही उपेक्षित करने का प्रयास किया जाता रहा. जिसका परिणाम यहां के आदिवासी और मूलवासी को भुगतना पड़ रहा है. लेकिन, हमारी सरकार इससे निपटने की पूरी रणनीति तैयार कर आगे बढ़ रही है. उन चीजों को चिह्नित किया जा रहा है, जिस वजह से झारखंड आगे नहीं बढ़ सका. शिक्षा की बेहतरी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं. सामाजिक सुरक्षा को प्रभावी तरीके से लागू किया जा रहा है. हमें पूरा विश्वास है कि वह दिन दूर नहीं जब झारखंड की पहचान एक विशेष राज्य के रूप में पूरे देश -दुनिया में होगी.

राज्य तेजी से कर रहा विकास : आलमगीर आलम

ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में ऐसे कई कार्य हो रहे हैं जो झारखंड को मजबूती प्रदान कर रहा है. यहां लोगों की समस्याओं का त्वरित समाधान के साथ विकास को गति मिल रही है. युवाओं को आगे ले जाने का प्रयास जारी है.

Also Read: झारखंड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनने की लॉबिंग में जुटे कई नेता, लगा रहे हैं जोर

समाज और राज्य के आगे बढ़ने की बुनियाद है शिक्षा : मंत्री

वहीं, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक, पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री चंपई ने कहा कि समाज और राज्य के आगे बढ़ने की बुनियाद है शिक्षा. इसी बात को ध्यान में रखकर सरकार शिक्षा की बेहतरी के लिए लगातार कार्य कर रही है. इसी कड़ी में स्कूल ऑफ एक्सीलेंस और मॉडल स्कूल बनाए जा रहे हैं. यहां के गरीब विद्यार्थी भी विदेश में उच्च शिक्षा ग्रहण कर सके, इसके लिए छात्रवृत्ति योजना शुरू की गई है. मंत्री हफीजुल हसन ने कहा कि राज्य के विद्यार्थियों के बेहतर शिक्षा के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं. इसी कड़ी में नेतरहाट आवासीय विद्यालय की तर्ज पर सभी प्रमंडल मुख्यालयों में भी एक विद्यालय खोले जाने की तैयारी चल रही है.

अगर आप स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं, तो सरकार पूरा सहयोग करेगी : मुख्य सचिव

मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने कहा कि मरङ गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृति योजना कोई एक योजना मात्र नहीं है. यह इतिहास बनाने का एक मौका है क्योंकि जिन अंग्रेजों के खिलाफ हमारे पूर्वजों ने संघर्ष किया है, उन्हीं की धरती पर जाकर आप उच्च शिक्षा ग्रहण कर उनके साथ कंधे से कंधे मिलाकर काम करने जा रहे हैं. यह सब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सोच का ही परिणाम है. उन्होंने कहा कि इस योजना के साथ विद्यार्थियों को कोई शर्त नहीं रखी गई है. आप कहीं भी अपना कार्य करें. आप अगर अच्छा करेंगे, तो उसी में झारखंड का भी नाम रोशन होगा. वहीं, आप इस राज्य की बेहतरी के लिए कार्य करना चाहते हैं. कोई स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं, तो उसमें सरकार आपको पूरा सहयोग करेगी.

Also Read: झारखंड में जल्द शुरू होगी मोबाइल वेटनरी, प्रखंड स्तर पर पशु चिकित्सा के लिए 236 एंबुलेंस की मिलेगी सुविधा

आप बेस्ट हैं, अपने पर भरोसा रखें : सुप्रिया चावला

इस मौके पर दिल्ली स्थित ब्रिटिश हाई कमीशन की हेड चेवनिंग स्कॉलरशिप सुप्रिया चावला ने कहा कि यहां के विद्यार्थियों को यूनाइटेड किंगडम में उच्च शिक्षा ग्रहण करने में हमारी ओर से पूरा सहयोग किया जा रहा है. उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आप बेस्ट हैं. अपने पर विश्वास रखें. आप निश्चित तौर पर अपने लक्ष्य को हासिल करने में कामयाब होंगे. आप खुद में बदलाव लाए और दूसरों को भी बदलाव लाने का कार्य करें. समारोह में कोलकाता स्थित डिप्टी ब्रिटिश हाई कमीशन अजिता मेनन भी शामिल हुईं.

इन विद्यार्थियों का हुआ है चयन

मरङ गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना के तहत तीसरे बैच (सत्र 2023-24) के लिए अनुसूचित जनजाति के 10, अनुसूचित जाति के पांच, ओबीसी के सात और अब अल्पसंख्यक वर्ग के तीन विद्यार्थियों का चयन विदेशों के विश्वविद्यालय महाविद्यालय में 31 कोर्सेज के लिए हुआ है.

अनुसूचित जनजाति : कमल शाश्वत, ज्योति वंदना लकड़ा, आयुष स्टीफन टोप्पो, मेरी स्मृति कुजूर, मांगू पूर्ति, प्रफुल्ल किरण केरकेट्टा, जे नीतू सोरेन, हर्कुलस सिंह मुंडा, मधुमिता मुंडा और स्तुति होरो.

अनुसूचित जाति : निर्भय प्रकाश, श्रवण कुमार, ओमप्रकाश कुमार, निधि बाघवर और अक्षय कुमार.

पिछड़ा वर्ग : अभिषेक कुमार, मनीष कुमार, सूरज कुमार मोदी, प्रेरित राज, जीशान आलम, कुमार प्रीतम पुरी और मल्लिका महतो.

अल्पसंख्यक : हसन अल बन्ना, मोहम्मद जीशान अहमद और फैजान अली.

Also Read: झारखंड : गिरिडीह के पीरटांड में सैकड़ों परिवार दूषित पानी पीने को मजबूर, डाड़ी से बुझा रहे अपनी प्यास

सपने में भी नहीं सोचा था कि विदेश में पढ़ने का मौका मिलेगा : जे नीतू सोरेन

इस मौके पर चयनित छात्र जे नीतू सोरेन ने कहा कि अनुसूचित जनजाति से आने के कारण उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन ऐसा भी मौका आएगा जब वह अपनी पढ़ाई विदेश में कर पायेगी. स्कॉलरशिप के लिए चयन होने के बावजूद घरवालों को अबतक विश्वास नहीं हो पाया है कि एक गरीब घर की बेटी पढ़ने के लिए विदेश जा पाएगी. विदेश में पढ़ाई का मैं कभी सपना भी नहीं देख सकती थी. आज यह सिर्फ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कारण संभव हो पाया है. जे नीतू सोरेन विदेश में हॉस्पिटैलिटी विषय में पोस्ट ग्रेजुएशन करेगी.

आज का दिन मेरे लिए बहुत खास : नीतू बाघवार

वहीं, अनुसूचित जाति से आने वाली नीतू बाघवर कहती हैं कि उनके पिता पेशे से किसान हैं. ऐसे में वह कभी सोच भी नहीं सकती थी कि उसे कभी बाहर में पढ़ने का मौका मिलेगा. लेकिन, स्कॉलरशिप के लिए चयन होने के बाद नीतू के सपनों को पंख लग गए. कहती हैं कि चयन होने से पहले उसने घरवालों से इस विषय में बात नहीं कि थी, लेकिन जब उसने घरवालों को बताया तो किसी ने विश्वास ही नहीं किया. लेकिन, आज उन्हें इसपर विश्वास हो रहा है. आज का यह दिन मेरे लिए बहुत खास है.

Also Read: डुमरी उपचुनाव : 1972 में बेरमो से नावाडीह को काट कर व डुमरी में शामिल कर बना था नया विधानसभा क्षेत्र

2021 में इस योजना की हुई थी शुरुआत

बता दें कि मरङ गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृति योजना के तहत 25 प्रतिभावान विद्यार्थियों को विदेश में उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है. इनमें अनुसूचित जनजाति श्रेणी के 10 और अनुसूचित जाति, ओबीसी और अल्पसंख्यक वर्ग के 15 छात्र-छात्राओं का चयन इस वर्ष इस योजना के लिए हुआ है. सभी चयनित विद्यार्थियों को यूनाइटेड किंग्डम और नॉर्दर्न आयरलैंड के प्रतिष्ठित संस्थानों में उच्च स्तरीय शिक्षा के लिए छात्रवृति मिलेगी. इस योजना की सबसे बड़ी खासियत है कि है कि चयनित विद्यार्थियों के पढ़ाई का शुल्क के साथ-साथ रहने-खाने और अन्य जरूरतों का खर्च भी राज्य सरकार वहन करती है. इस योजना की शुरुआत वर्ष 2021 में हुई थी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें